“जब भी आप किसी कार्य को शुरु करें तो, असफलता से बिल्कुल नहीं डरें, और उस कार्य को बिल्कुल न छोड़ें, क्योंकि ईमानदारी से काम करने वाले मनुष्य सफल जरूर होते हैं।” – आचार्य चाणक्य
“पुस्तकें मन के लिए साबुन का कार्य करती हैं।” – महात्मा गांधी
“पहले 5 सालों तक बच्चों को खूब प्यार से रखिए, और फिर अगले 5 सालों उन्हें डांट-डपट कर रखिए, फिर जब वह 16 साल का हो जाए तो उसके साथ एक अच्छे दोस्त की तरह बर्ताव कीजिए, आपके व्यस्क बच्चे ही आपके सबसे अच्छे दोस्त बन सकते हैं।” – आचार्य चाणक्य
Bhut hi sundar Anmol Vachan likhe aapne
Babita ji bahut Anmol vachan . aise hi mahan logo ke anmol vachano ko likhate rahiye
Yeh sare suvichar meri jindagi me sahi shabit hote hai
Nice suvichar
ईश्वर कहते हैं उदास न हो मैं तेरे साथ हूँ, सामने नहीं आस-पास हूँ, पलकों को बंद कर और दिल से याद कर मैं कोई और नहीं तेरा विश्वास हूँ !