अनिल अंबानी का जीवन परिचय

अनिल अंबानी एक समय में भारत के सबसे सफल और अमीर उद्योगपतियों की लिस्ट में शुमार थे। वे फोर्ब्स मैग्जीन की लिस्ट के मुताबिक साल 2008 में दुनिया के 6वें सबसे अमीर शख्सियत थे।

तो आइए जानते हैं अनिल अंबानी के जीवन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें एवं उनकी सफलता और असफलता के बारे में-

अनिल अंबानी का जीवन परिचय – Anil Ambani Biography in Hindi

Anil Ambani

एक नजर में –

पूरा नाम (Name) अनिल धीरुभाई अंबानी
जन्म (Birthday) 4 जून, 1959, मुंबई, महाराष्ट्र, भारत
पिता (Father Name) धीरभाई अंबानी (भारत के महान उद्योगपति)
माता (Mother Name) कोकिला बेन अंबानी
भाई (Brother Name) मुकेश अंबानी (भारतीय व्यापारी)
बहन (Sister Name) नीना और दीप्ती
पत्नी (Wife Name)  टीना अंबानी
बच्चे (Childrens) जय अंशुल अंबानी, जय अनमोल अंबानी
शैक्षिक योग्यता (Education)
  • मुंबई यूनिवर्सिटी से साइंस में ग्रेजुएशन
  • व्हार्टन स्कूल पेनसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी से MBA

जन्म, शिक्षा एवं शुरुआती जीवन –

अनिल धीरुभाई अंबानी का जन्म 4 जून 1959 को मुंबई में भारत के महान उद्योगपति धीरुभाई अंबानी के घर में हुआ था। उनकी मां कोकिला बेन अंबानी है और उनके भाई मुकेश अंबानी हैं, जो भारत के सबसे अमीर शख्सियत में से एक हैं और दो छोटी बहने दीप्ती सलगओकार और नीना कोठारी भी हैं।

अनिल अंबानी ने मुंबई यूनिवर्सिटी के के.सी. कॉलेज से अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की और पेनसिलवेनिया यूनिवर्सिटी के व्हार्टन से उन्होंने Mba की डिग्री हासिल की है। बाद में अनिल अंबानी ने बॉलीवुड की पूर्व अभिनेत्री टीना मुनीम से शादी कर ली। शादी के बाद उनके दो बेटे अनमोल और अंशुल हुए।

संक्षिप्त में –

अनिल धीरुभाई अंबानी एक भारतीय व्यापारी और निवेशक है। वे साल 2005 में आए रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन है। अनिल अंबानी रिलायंस कैपिटल और रिलायंस कम्यूनिकेशन के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक एवं रिलायंस एनर्जी, पूर्व में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के उप-अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक थे।

साल 2014 की फ़ोर्ब्स की दुनिया के करोड़पतियो की सूचि के अनुसार उनकी संपत्ति लगभग 5.9 बिलियन अमेरिकन डॉलर थी।

अनिल अंबानी बॉलीवुड में Hindi फिल्म इंडस्ट्री के एक प्रख्यात प्रोडूसर भी है। अनिल का ज्यादा से ज्यादा ध्यान मनोरंजन में होता है जिसमे मुख्य रूप से 44 FM रेडियो स्टेशन, राष्ट्रीय स्तर पर DTH व्यवसाय, एनीमेशन स्टूडियो और बहुत से मल्टीप्लेक्स भी शामिल है।

करियर –

अनिल अंबानी भारत के उत्कृष्ट उद्योगपतियों में से एक है। अंबानी का भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में काफी योगदान रहा है। वे रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन है जिसमे मुख्य रूप से रिलायंस कम्युनिकेशन, रिलायंस पॉवर, रिलायंस कैपिटल और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल है।

साल 1983 में, वे अपने पिता धीरुभाई अंबानी द्वारा स्थापित कंपनी में शामिल हुए और को-चीफ-एग्जीक्यूटिव ऑफिसर के पद पर कार्यरत रहे। उन्होंने अपनी योग्यता और कुशल नीतियों की बदौलत भारतीय अर्थव्यवस्था को विकसित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अपने कामो से पूरी दुनिया को प्रभावित किया।

अनिल अंबानी के इन्ही प्रयत्नों की बदौलत साल 1991 में रिलायंस का ग्लोबल मार्केट शेयर बढ़कर 2 बिलियन US डॉलर हो गया था। हालांकि, बाद में अनिल ने अपने भाई मुकेश अंबानी के साथ मिलकर रिलायंस इंडस्ट्रीज की स्थापना की, जो आज भारत की टॉप टेक्सटाइल और पेट्रोलियम कंपनी है।

साल 2002 में उनके पिता धीरुभाई अंबानी की मृत्यु के बाद अनिल अंबानी ने टेलीकॉम, फाइनेंसियल सर्विस, एंटरटेनमेंट, पॉवर & इंफ्रास्ट्रक्चर में अपनी रूचि दिखाते हुए रिलायंस ग्रुप को अपने हाथो में ले लिया था। बाद में 10 सालो में ही रिलायंस ग्रुप में भारतीय बाज़ार और कुछ विदेशी बाजारों पर अपना कब्ज़ा जमा लिया था। जिनमे मुख्य रूप से डिस्ट्रीब्यूशन, टेलीकम्यूनिकेशन, ट्रांसमिशन और जनरेशन शामिल है।

अंबानी को भारतीय कैपिटल मार्केट के विस्तार का पूरा श्रेय दिया जाता है। क्योकि ऐसा माना जाता है की रिलायंस ग्रुप की कमान अपने हाथों में लेकर उन्होंने जितना भारतीय कैपिटल मार्केट का विस्तार किया है उतना आज तक कोई नही कर पाया।

अंबानी ने मनोरंजन के क्षेत्र में अपनी शुरुवात 2005 में की थी। अनिल अंबानी को भारत का सबसे बड़ा मीडिया साम्राज्य खड़ा करने की का क्रेडिट भी जाता है। उन्होंने “टीवी टुडे” और “ब्लुमबर्ग टीवी” के शेयर खरीदने के साथ “बीबीसी” जैसे अंतर्राष्ट्रीय समाचार चैनलो के साथ भी टाय-अप किया था।

आरआईएल ने बार-बार सार्वजनिक रूप से कहा है कि अनिल अंबानी का उद्देश्य‘शिक्षा, स्वास्थ-सेवा, सुरक्षा, मनोरंजन, वित्तीय-सेवा, और सरकार-नागरिक इंटरफ़ेस जैसे प्रमुख क्षेत्रो में अपनी मौजूदगी दर्ज कराना है। उनका इरादा ये है की उपभोक्ता आसानी से डिजिटल उपलब्ध नए कंटेंट तक अपनी पकड़ बनाएं, जिससे देश में एक नए डिजिटल युग की शुरुवात हो सके।

यूनिवर्सल म्यूजिक के साथ की गई एक डील के मुताबिल अनिल की कंपनी से जुड़े उपभोक्ता तीन लाख गानों में से अपनी पसंद चुन सकते है। अनिल अंबानी जी ने कुछ प्रमुख फिल्म प्रोडक्शन हाउस, जिनके मालिक स्टीवन स्पीलबर्ग, ब्रेड पिट, निकोलस केज, जिम कैरी और टॉम हैक्स जैसे फ़िल्मी सितारे है, के साथ भी अग्रीमेंट किए हैं।

विवाद और बंटवारा:

रिलायंस इंडस्ट्रीज की नींव रखने वाले भारत के महान उद्योगपति धीरूभाई अंबानी जी की साल 2002 में मौत हो गई, जिसके बाद मुकेश अंबानी को रिलायंस इंडस्ट्री का अध्यक्ष जबकि अनिल अंबानी को मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया गया।

लेकीन कुछ दिनों बाद ही दोनों भाईयों की संपत्ति को लेकर अनबन शुरू हो गई। जिसके चलते दोनों अंबानी भाईयों में साल 2005 में बंटवारा हो गया। जिसके बाद अनिल अंबानी के पास टेलीकॉम, वित्तीय सेवाओं और इलैक्ट्रिसिटी का कारोबार आया, जबकि मुकेश अंबानी को केमिकल बिजनेस और ऑयल का कारोबार दिया गया।

बंटवारे को लेकर कई सालों तक दोनों अंबानी भाईयों के रिश्ते बिगड़े रहे। यहां तक की साल 2008 में अनिल अंबानी ने अपने भाई के खिलाफ 10 हजार करोड़ रुपए की मानहानि का केस भी दायर किया था।

हालांकि अब दोनों अंबानी भाईयों के बीच रिश्ते सुधारने की चर्चा है। साल 2019 में मुकेश अंबानी की बेटी ईशा अंबानी की शादी में अनिल अंबानी ने शिरकत की थी, तो इससे पहले मुकेश अंबानी ने कर्ज में डूबे अपने भाई की लोन चुकाकर मद्द भी की थी।

बिजनेस मिली असफलता, डूबे कर्ज में-

जिस दौरान अंबानी भाईयों के बीच बंटवारा हुआ था, उस दौरान टेलीकॉम सेक्टर में खासा उछाल देखा जा रहा था, जिसके चलते यह अनुमान लगाया जा रहा था कि अनिल अंबानी आने वाले समय में कारोबार में अपनी मजबूत धाक जमा सकते हैं, लेकिन बाद में वे कर्ज में डूब गए और कई दिवालिया कार्यवाई से गुजर रहे हैं।

दरअसल, एयरसेल समेत कई डील फेल होने के चलते अनिल अंबानी को काफी नुकसान हुआ। साल 2010 में रिलांयस कम्यूनिकेशन की जीटीएल इंफ्रा के साथ हुई डील लटक गई। लेकिन फिर भी अनिल अंबानी निवेश करते रहे और साल 2017 में एयरसेल के साथ सौदा भी सफल नहीं हुआ।

अनिल अंबानी की कंपनी ने CDMA की 2 जी और 3 जी सेवा में जमकर निवेश किया था, लेकिन जब मार्केट में 4 जी सेवा आई, उसके बाद अनिल अंबानी को एक झटके में काफी नुकसान हो गया।

रिलायंस कम्यूनिकेशन में हुए घाटे का असर अनिल अंबानी की बाकी कंपनियों पर भी पड़ा और वह लगातार कर्जे में डूबते रहे। इसके बाद उन्होंने रिलायंस एंटरनेटमेंट में बड़ा निवेश किया लेकिन इसमें भी उन्हें असफलता ही हाथ लगी।

आपको बता दें कि जून 2019 तक अनिल अंबानी की रिलायंस ग्रुप की 6 कंपनियों की कुल मार्केट वैल्यू 6,196 करोड़ रुपये थी, जो कि 10 फरवरी 2020 तक 1,645.65 करोड़ रुपए तक रह गयी।

एक समय में दुनिया के सबसे अमीर शख्सियत रह चुके अनिल अंबानी इस समय तीन चीनी बैंकों द्वारा किये गए यूके की अदालत में मुकदमे का सामना कर रहे हैं। इन बैंकों ने साल 2012 में उनकी रिलायंस कम्युनिकेशंस को 68 करोड़ डॉलर का लोन  अनिल अंबानी के द्धारा व्यक्तिगत रूप से कर्ज की गारंटी लेने की शर्त पर किया गया था।

लेकिन अब खराब कारोबार के चलते अनिल अंबानी की कंपनियां कर्ज नहीं चुका पा रही है और अब मार्केट में उनकी हालत बेहद खराब है तो वहीं दूसरी तरफ इनके भाई मुकेश अंबानी ने साल 2018 में जिओ से टेलीकॉम सेक्टर में एंटरी की और यह कंपनी अच्छा खासा मुनाफा कमा रही है।

इस तरह अनिल अंबानी का नाम अब दुनिया के सबसे अमीर शख्सियत में नहीं रह गया है। उम्मीद है कि उनकी जिंदगी में सब कुछ पहले की तरह अच्छा हो।

अवार्ड्स –

  1. प्रसिद्ध पत्रिका बिज़नस इंडिया द्वारा “बिजनेसमैन ऑफ़ द इयर 1997” का सम्मान।
  2. टाइम्स ऑफ़ इंडिया के TNS चुनाव द्वारा अनिल अंबानी जी साल 2006 के लए बिजनेसमैन ऑफ़ द इयर चुने गए थे।
  3. इंडिया टुडे पत्रिका द्वारा अगस्त 2006 में आयोजित नेशन पोल में सभी बिज़नेस उद्योगपतियों में “बेस्ट रोल मॉडल” का सम्मान भी मिला था।
  4. बॉम्बे मैनेजमेंट एसोसिएशन द्वारा अक्टूबर 2002 में “दशक के सबसे महान उद्यमी” से सम्मानित किया गया था।
  5. रिलायंस को इसके अनेक व्यवसाय क्षेत्रो में विश्व स्तर पर शीर्ष क्रमांक पर स्थापित करने में इनके योगदान के लिए दिसंबर 2001 में व्हार्टन इंडिया इकनॉमिक फोरम (WIEF)” द्वारा पहले भारतीय व्हार्टन अलुमिनी अवार्ड से पुरस्कृत किया गया था।
  6. जून 1990 में भारत में अनिल अंबानी को व्यापार और वित्तीय क्षेत्र का “नया हीरो” कहा गया।
  7. सितम्बर 2003 में “एमटीवी यूथ आइकॉन ऑफ़ द इयर” चुने गए।

अनिल अंबानी की हमेशा से ही यही सोच रही है की समय सीमा पर काम खत्म कर लेना काफी नही है, मै समय से पहले काम खत्म करने की अपेक्षा करता हुं। अपने सहकर्मियों को वे हमेशा कहते रहते है की कठिन समय में भी अपने लक्ष्य को नही छोड़ना चाहिये और मुश्किलों को अवसरों में बदलने की कोशिश करनी चाहिए।

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