आंध्रप्रदेश के पर्यटन स्थल | Andhra Pradesh tourism places

Andhra Pradesh tourism places

आंध्रप्रदेश लोगो का सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थल है। आंध्रप्रदेश राज्य में दर्शनीय सुंदरता, जंगल, समुद्र तट और बहुत से मंदिर भी है।

andhra pradesh tourism places

आंध्रप्रदेश के पर्यटन स्थल – Andhra Pradesh tourism places

आंध्रप्रदेश बहुत से धार्मिक तीर्थस्थलो का घर भी है:

  • देवी दुर्गा का कनका दुर्गा मंदिर भी विजयवाडा शहर में कृष्णा नदी के तट पर इन्द्रकीलाद्री पहाड़ी पर स्थित है। भारी मात्रा में तीर्थयात्री तेपोत्सवं के इस रंगीन उत्सव में शामिल होते है और दशहरा उत्सव के दिन कृष्णा नदी में पवित्र डुबकी लगाते है।
  • तिरुमाला तिरुपति, भगवान वेंकटेश्वर का निवास स्थान, दुनिया का दूसरा सबसे समृद्ध और सबसे प्रसिद्ध धार्मिक मंदिरों में से एक है। साथ ही यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित 108 दिव्यदेषम में से भी एक है। हर साल यहाँ ब्रह्मोत्सव का भी आयोजन किया जाता है, जिसमे तक़रीबन 5,00,000 से भी ज्यादा भक्त हिस्सा लेते है।
  • कडपा जिले के वोंतीमित्ता में बना कोदंदरमा मंदिर 16 वी शताब्दी में बना एक मंदिर है, जो भगवान श्री राम को समर्पित है।स आंध्र प्रदेश में इस मंदिर को काफी महत्त्व दिया जाता है।
  • कुरनूल जिले के श्रीसैलम की नल्लामला पहाडियों में बना मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर भगवान शिव का निवास स्थान और भारत में बने भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से भी एक है। भगवान राम ने स्वयं यहाँ सहस्रलिंग की स्थापना की थी, जबकि पांडवो ने मंदिर के आँगन में पञ्चपांडव लिंग की स्थापना की थी।
  • गुंटूर जिले के पोंनूर में बना भगवान हनुमान काफी प्रसिद्ध है। यहाँ पर स्थापित भगवान हनुमान की मूर्ति की ऊंचाई 23 मीटर है।
  • पंचराम क्षेत्र के नाम से प्रसिद्ध भगवान शिव के पांच प्राचीन हिन्दू मंदिर अमरराम (अमरावाठी), द्रक्षरामा, सोमाराम (भीमावरम), क्षीररमा और कुमारारमा यही स्थित है।
  • चित्तूर जिले के स्वर्णमुखी नदी के तट पर बना श्री कालहस्तीस्वर मंदिर वायु का प्रतिनिधित्व करने वाले पञ्चभूत लिंगो में से एक है। इसीलिए चौथे लिंग को वायुलिंग भी कहा जाता है। भगवान शिव के बाकी चार लिंग तमिलनाडु में स्थित है।
  • भगवान नरसिम्हा को समर्पित कुल 9 मंदिर है। जिनमे से 8 आंध्रप्रदेश में स्थित है और उनमे सिमांचल, अंतर्वेदी, वेदाद्री, मंगलागिरी, पंचालकोण, अहोबिलं, यगंती और कादिरी शामिल है। अहोबिलं भगवान विष्णु को समर्पित 108 दिव्यदेशम में से एक है और मंगलागिरी भगवान विष्णु के 8 स्वयंभूक्षेत्रो में से एक है। दुसरे स्वयंभूक्षेत्रो में तेलंगाना राज्य में बना यदादरी शामिल है।
  • अष्टशक्तिपीठ के अनुसार 3 शक्तिपीठ आंध्रप्रदेश राज्य में ही स्थापित है। उनमे मुख्य रूप से द्रक्षरामम, पिथापुरम और श्रीसैलम शामिल है।
  • गोदावरी नदी के बीच में और पत्तिसीमा गाँव के पास बने वीरभद्रा स्वामी मंदिर का वर्णन पुराण में भी किया गया है। किंवदंतियाँ कहती है भगवान वीरभद्रा ने नीशिवायागा को विध्वंस करने के बाद खून से भरी अपनी तलवार यही साफ़ की थी।
  • चित्तूर जिले के कानिपकम और अमलापुरम से 12 किलोमीटर दूर स्थित आइनाविल्ली भगवान विघ्नेश्वर के मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है।
  • त्रिकुटपर्वत साधारणतः एक पवित्र और धार्मिक तीर्थस्थल है, जो गुंटूर जिले के नारासरावपेट के पास स्थित है। महाशिवरात्रि का त्यौहार यहाँ बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। तक़रीबन 7 से 8 लाख भक्त इस दिन भगवान का आशीर्वाद लेने आते है।
  • राज्य की दूसरी प्रसिद्ध जगहों में मुख्य रूप से राघवेन्द्र स्वामी मठ शामिल है, जो कुरनूल जिले के मंत्रालय में बना एक मंदिर है। आस-पास के दुसरे मंदिरों में पश्चिम गोदावरी जिले में बना द्वारका तिरुमाला, पूर्वी गोदावरी में बना अन्नवरं और अरसवाल्ली सूर्य मंदिर, श्रीकुर्मम और श्रीकाकुलम जिले का श्रीमुखलिंग शामिल है।
  • उन्दावल्ली घाटी – अखंड चार मंजिला इस गुफा की निर्मिती चौथी शताब्दी में की गयी थी।
  • अरकू घाटी – विजाग शहर के पास बनी इस घाटी को आंध्र ऊटी के नाम से भी जाना जाता है।
  • गाँधीकोट किला : इस किले का निर्माण पन्ना नदी के तट पर किया गया, जिसमे माधवराय और रंगानाथ मंदिर का भी समावेश है। किले के परिसर में एरिज़ोना राज्य का विशाल कैनियन भी शामिल है।
  • कृष्णा जिले के कांचीकचरेला गाँव में बना हनुमान मंदिर एक प्रसिद्ध पर्यटन गंतव्य है। मंदिर में स्थापित हनुमान जी के स्टेचू की ऊंचाई 135 मीटर है। यह मंदिर विजयवाडा-हैदराबाद हाईवे पर बना हुआ है।
  • थिम्माम्मा मर्रिमाणु – दुनिया का सर्वोच्च बरगद का वृक्ष है और 1989 में इस वृक्ष को गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया। इस पेड़ की शाखाए तक़रीबन 5 एकर में फैली है। यह वृक्ष कादिरी से 35 किलोमीटर और अनंतपुर से 100 किलोमीटर की दुरी पर है।
  • लेपक्षी : यह दुनिया का एक विशालतम (लम्बाई 27 फीट, ऊंचाई 15 फीट) अखंड नंदी (भगवान शिव का वाहन) है, यह हिन्दुपुर के पूर्व में 15 किलोमीटर और अनंतपुर से 105 किलोमीटर और बैंगलोर के उत्तर में 120 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है। यह मंदिर लटकते हुए स्तंभ के लिए प्रसिद्ध है जो विजयनगर साम्राज्य के बेहतरीन कार्यो को दर्शाता है।
  • प्रकाशम् बैराज : यह एक प्रसिद्ध पुल है जिसका निर्माण ब्रिटिश सरकार ने तंगुतुरी प्रकाश की याद में करवाया था। विजयवाडा के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से यह एक है।
  • कोल्लेरू झील : यह एक प्रसिद्ध झील है जो कृष्णा और पश्चिमी गोदावरी जिले के बीच में बनी हुई है।
  • पुलिकेट झील आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु की सीमा पर बनी हुई है, यह झील 500 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र घेरे हुए है। यह भारत की दूसरी विशालतम खारे पानी की झील है और आज भी यह बंगाल की खाड़ी की सतह पर बनी हुई है। इस झील में पक्षी संग्रहालय भी है, जो लाखो लोगो को अपनी तरफ आकर्षित करता है।
  • उप्पलापडू पक्षी अभयारण्य: गुंटूर जिले में बने इस अभयारण्य में तक़रीबन 8000 प्रकार के पक्षी है। साथ ही अक्टूबर से जनवरी के समय में दुसरे देशो से आए निवासी पक्षियों को भी हम देख सकते है।
  • पूर्वी घाट के अंतगिरी पहाड़ी में बोरा गुफा बनी हुई है। जो विशाखापत्तनम के पास 800 से 1300 मीटर की ऊंचाई पर बनी हुई है। इस गुफा की खोज ब्रिटिश जियोलॉजिस्ट विलियम किंग जॉर्ज ने 1807 में की थी।
  • एथिपोथला फॉल : यह गुंटूर जिले के मचेर्लामंडल में चंद्रवंका नदी के तट पर बना हुआ है। कृष्णा नदी की सहायक नदियों में से यह एक है। यह वाटर फॉल नागार्जुन सागर से 11 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है।
  • कुरनूल जिले में बनी बेलुम घाटी की लम्बाई 3229 मीटर है, जो इसे भारतीय उपमहाद्वीप की दूसरी विशालकाय प्राकृतिक गुफा बनाती है। बेलुम गुफा का नाम संस्कृत शब्द बिलम से लिया गया, जिसका अर्थ गुफा से है। इस गुफा में एक विशाल पैसेज, विशिष्ट कक्ष और ताजे पानी की गैलरी भी है। गुफा का सबसे गहन बिंदु प्रवेश द्वार से 120 फीट गहरा है।
  • इंदिरा गाँधी प्राणी उद्यान भी विशाखापत्तनम के जंगल में बना हुआ है।
  • श्री वेंकटेश्वर नेशनल पार्क चित्तूर जिले की तिरुमाला पहाडियों के जंगलो में बना हुआ है। पार्क के परिसर में बहुत से वॉटरफॉल जैसे तलाकोना, गुंडालाकोण और गुंजन भी है।
  • हौर्ले पहाड़ियां – यह पहाडियों का एक समूह है, जो चित्तूर जिले के मदनपल्ले में बना हुआ है।
  • विशाखापत्तनम में सुनहरा समुद्र तट है और यह शहर बहुत से पर्यटक आकर्षको का घर भी है। आकर्षण के मुख्य केन्द्रों में सबमरीन म्यूजियम, यराडा समुद्र तट और वुड़ा पार्क भी शामिल है।
  • सुर्यलंका समुद्र तट : यह APTDC द्वारा एक विकसित रिसोर्ट है, जो बापतला, गुंटूर जिले से 8 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है।
  • राजमुंदरी अक्सर इसे आंध्रप्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी मानती थी, साथ ही यह इंजीनियरिंग और आर्किटेक्चरल धरोहरों का हब है। जैसे गोदावरी पुल, इस्कोन मंदिर, तंतीकोंडा, सर आर्थर कॉटन म्यूजियम, पुष्कर घाट, गोव्थामी घाट इत्यादि। यहाँ 12 साल में एक बार गोदावरी नदी के पास पुष्करम उत्सव का आयोजन किया जाता है और राजमुंदरी भी उत्सव के समय 4-5 करोड़ लोगो को आकर्षित करती है।

प्रसिद्ध बौद्ध केंद्र:

  • ठोताल्कोंदा – विशाखापत्तनम जिला
  • अमरावाठी – गुंटूर जिला
  • नागार्जुन कोंडा – गुंटूर जिला
  • बविकोंड़ा – विशाखापत्तनम जिला
  • भत्तिप्रोलु – गुंटूर जिला
  • घंटासला – कृष्णा जिला
  • लिंगपलेम – पश्चिम गोदावरी जिला
  • शंकरम – विशाखापत्तनम जिला
  • रामतीर्थ – विज़िंगरम जिला
  • सलिहुंदम – श्रीकाकुलम जिला

दुसरे बौद्ध केन्द्रों में पवुरल्ला कोंडा, चंदावरम, गुन्तुपल्ली, अदुर्रू, कुम्मरीलोवा, कोत्तुरु धनादिबालू, करुकोंडा, कपवारम, नंदालू शामिल है।

आंध्रप्रदेश का मौसम ज्यादातर उष्णकटिबंधीय होता है और नवम्बर से जनवरी तक का समय यहाँ घुमने का बेहतर समय है। क्योकि मानसून की शुरुवात जून में होती है और सितम्बर में इसकी समाप्ति होती है, इसीलिए इस सीजन में यात्रा करना मुश्किल होता है।

Read More:

Hope you find this post about ”आंध्रप्रदेश के पर्यटन स्थल – Andhra Pradesh tourism places” useful. if you like this information please share on Facebook.

Note: We try hard for correctness and accuracy. please tell us If you see something that doesn’t look correct in this article about Andhra Pradesh tourism and if you have more information about Andhra Pradesh tourism then help for the improvements this article.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here