Alauddin Khilji History in Hindi
खिलजी वंश के दूसरे शासक अलाउद्दीन खिलजी अपने निदर्यी और लड़ाकू स्वभाव के लिए भारतीय इतिहास में मशहूर था। वो एक शक्तिशाली, कुशल एवं महत्वकांक्षी शासक था जिसने काफी लूटपाट और उत्पात मचा कर अपने साम्राज्य का काफी विस्तार कर लिया था।
वह दक्षिण भारत को जीतने वाला पहला कुशल मुस्लिम राजा भी था। उसने अपने शासनकाल में दक्षिण में मदुरै तक अपने खिलजी साम्राज्य का विस्तार कर दिया था।
अलाउद्दीन खिलजी के करीब 300 साल बाद भी कोई भी शासक इतना बड़ा साम्राज्य स्थापित नही कर पाया था। अलाउद्दीन खिलजी खुद को दूसरा सिकंदर (अलेक्जेंडर) समझता था।
आइए जानते हैं अलाउद्दीन खिलजी के जीवन से जुड़ी कुछ महत्वूर्ण एवं दिलचस्प बातों के बारे में –
अलाउद्दीन खिलजी का इतिहास – Alauddin Khilji History in Hindi
अल्लाउद्दीन खिलजी की जीवनी एक नजर में – Alauddin Khilji Information in Hindi
वास्तविक नाम (Real Name) | अली गुरशास्प उर्फ़ जूना खान खिलजी |
पदवी | अलाउददीन खिलजी (Alauddin Khalji) |
जन्म (Birthday) | 1260-1275 के बीच में
(जन्म के बारे में इतिहासकारों के एक मत नहीं), |
पिता का नाम (Father Name) | शाहिबुद्दीनमसूद |
पत्नी का नाम (Wife Name) | कमला देवी, झत्यपाली, महरू, मलिका ए-जहां |
पेशा | दिल्ली के सुल्तान |
मृत्यु (Death) | 1316 (दिल्ली) |
समाधी स्थल (Alauddin Khilji Tomb) | क़ुतुब परिसर दिल्ली |
अलाउद्दीन खिलजी का जन्म, परिवार एवं प्रारंभिक जीवन – Alauddin Khilji Biography in Hindi
अलाउद्दीन खिलजी के जन्म को लेकर इतिहासकारों के अलग-अलग मत है। उसका जन्म 1260 से 1275 के बीच में माना जाता है। उनका वास्तविक नाम अली गुरशास्प उर्फ़ जूना खान खिलजी था।
इनके पिता शाहिबुद्दीन मसूद की मृत्यु के बाद अलाउद्दीन खिलजी का उसके चाचा एवं खिलजी वंश के प्रथम सुल्तान जलालुद्दीन फिरुज खिलजी ने पालन-पोषण किया था।
जलालुद्दीन ने अपनी बेटियों का विवाह, अलाउद्दीन खिलजी और उसके छोटे भाई अलमास बेग के साथ कर दिया था, हालांकि, अलाउद्दीन उसकी बेटी से शादी कर के खुश नहीं थे, इसलिए उन्होंने दूसरी शादी महरू नाम की बेगम के साथ कर ली थी।
Alauddin Khilji Family Tree
अलाउद्दीन खिलजी का शासनकाल एवं साम्राज्य विस्तार
अलाउद्दीन के चाचा, जलाउद्दीन खिलजी जब दिल्ली के सुल्तान बने थे तो उसने अलाउद्दीन खिलजी को अपने दरबार में अमीर-ए-तुजुक बनाया जो कि अनुष्ठान प्रमुख के समकक्ष होता था, जबकि खिलजी के छोटे भाई अलमास बेग को अखुर-बेग बनाया जो कि अश्व प्रमुख के सामान माना जाता था।
करीब 1291 ईसवी में जलालुद्दीन के शासनकाल में कारा के राज्यपाल मालिक छज्जू ने आक्रमण कर दिया, जिसके बाद अलाउद्दीन ने अपनी राजनैतिक कौशल से इस स्थिति को बेहद अच्छे तरीके से संभाला, जिससे प्रभावित होकर उन्हें कारा का राज्यपाल बना दिया गया।
वहीं इसके बाद 1292 में भिलसा में जीत हासिल करने के बाद अलाउद्दीन को उनके चाचा एवं ससुर जलाउद्दीन ने अवध प्रांत की जिम्मेदारी भी सौंप दी।
वहीं इस दौरान मालिक छज्जू ने अलाउद्दीन के अंदर दिल्ली का सुलतान बनने की इच्छा जगाई और जलालुद्दीन के खिलाफ नफरत के बीज बोए।
फिर अलाउद्दीन ने धोखेबाजी कर अपने चाचा जलालुद्दीन की हत्या कर दी और फिर दिल्ली के राजसिंहासन पर अपना कब्जा कर लिया।
इस तरह 1296 ईसवी सन को कारा में, अलाउद्दीन ने खुद को औपचारिक रूप से ‘अलाउद्दीन उद-दीन मुहम्मद शाह-सुल्तान’ की उपाधि के रूप में दिल्ली का नया सुलतान घोषित किया।
हालांकि, सुल्तान बनने के थोड़े समय तक उन्हें कई मुश्किलों का सामना भी करना प़ड़ा था। लेकिन उसने अपनी शक्ति और कूटनीति का इस्तेमाल कर अपने सभी विद्रोहियों का डटकर मुकाबला किया।
इसके बाद करीब 1296 ईसवी से 1308 ईसवी के बीच मंगोलों ने दिल्ली पर अपना शासन कायम करने के लिए कई बार आक्रमण किए।
लेकिन अलाउद्दीन खिलजी ने मंगोलों को अपनी शक्ति का एहसास करवाया और उन्होंने 1298 में जलांधर की लड़ाई, 1299 ईसवी में किली की लडा़ई, 1305 ईसवी में अमरोह की लड़ाई एवं 1306 ईसवी में रवि की लड़ाई एवं 1308 ईसवी में अफगानिस्तान के घाजनी की लड़ाई में मंगोलों को हराकर विजय प्राप्त की।
इसके बाद अलाउद्दीन खिलजी ने करीब 30 हजार मंगोलियों की क्रूरता से हत्या कर दी,और मंगोलों की महिलाओं और बच्चों को अपने हरम में रख लिया।
अलाउद्दीन ने गुजरात पर आक्रमण के दौरान जीत हासिल की, यहां मलिक काफूर उनके वफादार सेनापति बन गए थे।
1301 ईसवी में अलाउद्दीन खिलजी को रणथंभौर की घेराबंदी के दौरान 3 बार हार का सामना करना पड़ा, हालांकि बाद में वह रणथंभौर पर अपनी सत्ता कायम करने में सफल रहा था।
अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्दावती – Alauddin Khilji And Padmavati
1302 से 1303 ईसवी में अलाउद्दीन खिलजी ने राजपूत राजा रतन सिंह के राज्य चित्तौड़गढ़ पर आक्रमण किया था, इस हमले के पीछे कुछ इतिहासकार यह तर्क देते हैं कि, खिलजी ने रतन सिंह की बेहद खूबसूरत पत्नी रानी पद्दावती को अपने हरम में शामिल होने को कहा।
लेकिन जब उन्होंने इंकार कर दिया तो उसने चित्तौड़़गढ़ दुर्ग पर हमला कर दिया, इस हमले में राजा रतन सिंह तो मारे गए, लेकिन रानी पद्मावती ने खिलजी से खुद की आत्मरक्षा के लिए कई हजार राजपूत रानियों के साथ जौहर (आत्मदाह) कर लिया था।
इसके बाद 1306 में खिलाजी ने बंग्लाना राज्य पर जीत हासिल की और फिर 1308 ईसवी में खिलजी की सेना ने मेवाड़ के सिवाना किले पर अपना सिक्का जमा लिया।
1310 ईसवी में अलाउद्दीन खिलजी ने होयसल साम्राज्य कोहासिल पर भी विजय प्राप्त कर हासिल कर लिया। 1311 ईसवी में अलाउ्ददीन की सेना ने मबार के इलाके में खूब लूटपाट की और उत्तर भारतीय राज्यों में अपना तानाशाह शासन चलाया।
अलाउद्दीन खिलजी और मलिक काफूर – Alauddin Khilji and Malik Kafur
इसके बाद अलाउद्दीन खिलजी ने अपने सबसे विश्वासपात्र सेनापति मलिक काफूर की मद्द से दक्षिण भारत में विजय प्राप्त कर ली थी। इस दौरान दक्षिण भारत के सभी राज्य खिलजी को भारी टैक्स देते थे, जिसके चलते खिलजी के पास काफी धन और संपत्ति हो गई थी।
इसके अलावा खिलजी ने अपने शासनकाल में कृषि पर करीब 50 फीसदी टैक्स माफ कर दिया था, जिससे किसानों की हालत में काफी सुधार हुआ था।
अलाउद्दीन खिलजी की उपलब्धियां – Achievements of Alauddin Khilji
एक तरफ महत्वकांक्षी शासक खिलजी ने जहां अपने शासनकाल में लूटपाट कर कई राज्यों पर अपना तानाशाह शासन चलाया तो वहीं उसने अपने राज में कई ऐसी सराहनीय व्यवस्थाएं भी लागू की, जिससे आम जनता को काफी फायदा हुआ और वह इतिहास में एक कुशल एवं सफल शासक के रुप में उभरा।
अलाउद्दीन खिलजी की शासनकाल की कुछ उपलब्धियां निम्नलिखित हैं –
- अलाउद्दीन खिलजी दक्षिण भारत पर जीत हासिल करने वाला भारत का पहला मुस्लिम सुल्तान था, यहां उसने भव्य मस्जिद का निर्माण भी करवाया था।
- अलाउ्दीन ने अपने शासनकाल में एक कुशल राजस्व प्रशासन की स्थापना की थी। उसके शासन के समय कृषि की स्थिति में काफी हद तक सुधार हुआ, भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े नियम बनाए गए, प्रशासनिक व्यवस्थाओं के लिए कई बड़े अधिकारियों एवं एजेंट को रोजगार पर रखा गया।
- अलाउद्दीन खिलजी ने अपने शासनकाल में मूल्य नियंत्रण नीति लागू की, अलाउद्दीन ने कपड़े, अनाज और रोजर्मरा में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं की कीमत के मुताबिक उनके मूल्य निर्धारित किए, जिसका आम जनता और सिपाहियों को काफी फायदा हुआ।
- अपनी क्रूरता के लिए मशहूर अलाउद्दीन खिलजी ने अपने शासन में एक ऐसी टैक्स प्रणाली लागू की थी, जिसे 19वीं और 20वीं सदी के शासकों ने भी अपने समय में जारी रखा था। आपको बता दें कि खिलजी ने हिन्दुओं पर भूमि कर (खराज), चारागाह कर (चरह), चुनाव कर (जजिया) एवं घर कर (घरी) आदि को लागू किया था।
अलाउद्दीन खिलजी से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण, रोचक एवं अनसुने तथ्य – Alauddin Khilji Facts
- अलाउद्दीन खिलजी, खिलजी वंश का दूसरा शासक एवं बेहद शक्तिशाली सम्राट था, इसलिए उसे “सिकंदर-ए-शाही” की उपाधि से भी नवाजा गया था। उसने अपनी कुशल राजनैतिक क्षमता का इस्तेमाल कर अपना खिलजी साम्राज्य दक्षिण में मदुरै तक फैला दिया था। खिलजी के बाद करीब 300 सालों तक कोई भी शासक इतना बड़ा साम्राज्य स्थापित नहीं कर सका था।
- इतिहास के सबसे क्रूर शासक अलाउद्दीन खिलजी ने दिल्ली गद्दी पर अपना अधिकार जमाने के लिए अपने सगे चाचा और अपने ससुर जलाल-उद-दीन खिलजी की हत्या करवा दी थी। जबकि उसका पालन-पोषण उसके चाचा ने ही किया था।
- अलाउद्दीन खिलजी बेहद घमंडी था, जो कि खुद की तुलना दुनिया को जीतने वाले सिंकदर से करता था, और खुद को ”विश्व का दूसरा सिंकदर कहता था’।
- अलाउद्दीन खिलजी ने कई लड़ाईयों में मंगोलों को बुरी तरह परास्त किया था।
- अलाउद्दीन खिलजी के शासनकाल में शराब बिक्री, भांग खाना एवं जुआं खेलने पर पूरी तरह से रोक थी।
- अलाउद्दीन खिलजी ने अपने शासनकाल में एक बेहतर टैक्स प्रणाली की भी शुरुआत की थी, जिसे 19 वीं और 20 वीं सदी तक के शासकों ने भी जारी रखा था। इसके साथ ही गुप्तचर विभाग की भी स्थापना की थी।
- अलाउद्दीन खिलजी के शासनकाल में ऱईस घरानों की घनिष्ट मित्रता और आपस में शादी पर रोक थी ताकि ये घराने आपस में मिल कर संगठित विरोध न खड़ा कर पाएं।
- अलाउद्दीन खिलजी वासना का प्रेमी था, उसके हरम में 50 हजार से भी ज्यादा पुरुष, महिलाएं और बच्चे समेत करीब 70 हजार लोग थे।
- अलाउ्ददीन खिलजी चित्तौड़ की महारानी पदमावती की खूबसूरती पर मोहित हो गया था, जिसके चलते वो उनको अपने हरम में रखना चाहता था, लेकिन पदमावती के इंकार करने पर उसने राजस्थान के चित्तौड़गढ़ के दुर्ग पर हमला कर दिया था और रानी पद्मावती के पति राजा रतन सिंह समेत कई हजार राजपूतों की हत्या कर दी थी।
- अलाउद्दीन खिलजी से अपनी आत्मरक्षा और राजपूत कुल की मर्यादा के लिए रानी पदमावती ने जौहर (आत्मदाह) कर लिया था। वहीं रानी पदमावती के साथ कई राजपूत महिलाओं ने भी जौहर किया था।
अलाउद्दीन खिलजी की मृत्यु – Alauddin Khilji Death
इतिहास के सबसे क्रूर और निर्दयी शासकों में से एक अलाउद्दीन खिलजी की मृत्यु 1316 ईसवी में हो गई।
इसकी मृत्यु के विषय में इतिहासकारों के मुताबिक उसकी मौत किसी लंबे समय तक रहने वाली गंभीर बीमारी की वजह से हुई थी, जबकि कुछ इतिहासकारों का मानना है कि उसके सेनापति एवं सबसे करीबी माने जाने वाले मलिक काफूर ने ही उसकी हत्या की थी।
अलाउद्दीन खिलजी की कब्र – Alauddin Khilji Tomb
फिलहाल, अलाउद्दीन खिलजी की मौत के बाद भारत की राजधानी दिल्ली के महरौली में स्थित कुतुब कॉम्प्लेक्स में उनकी कब्र बनाई गई थी।
वहीं अलाउद्दीन खिलजी की मौत के कुछ साल बाद ही खिलजी साम्राज्य का अंत हो गया था और फिर हिन्दुस्तान की तल्ख पर तुगलक वंश ने शासन किया था।
अलाउद्दीन खिलजी के जीवन पण आधारित फ़िल्म – Rani Padmavati Movie
साल 2017 में अलाउद्दीन खिलजी और चित्तौड़ की महारानी रानी पद्मावती पर फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली ने ”पदमावती” फिल्म बनाई थी, जो कि बॉक्स ऑफिस पर काफी हिट रही थी।
इस फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी का किरदार मशहूर एक्टर रणबीर सिंह और पदमावती का किरदार दीपिका पादुकोण ने निभाया था।
इस विषय पर अधिकतर बार पूछे जाने वाले सवाल
१. खिलजी वंश का दूसरा शासक कौन था?
जवाब: सुलतान अलाउद्दीन खिलजी।
२. अलाउद्दीन खिलजी दिल्ली के शासन का सुलतान कब बना था?
जवाब: इसवी सन १२९६ में।
३. किसकी हत्या कर अलाउद्दीन खिलजी ने दिल्ली के सल्तनत की गद्दी हासिल की थी?
जवाब: अलाउद्दीन के चाचा जलालुद्दीन खिलजी जो के खिलजी वंश के प्रथम सुलतान थे, उनकी हत्या कर अलाउद्दीन खिलजी ने दिल्ली की गद्दी हासिल की थी।
४. अलाउद्दीन खिलजी के वफादार सेनापती का नाम क्या था?
जवाब: मलिक काफूर।
५. सुलतान के तौर पर अलाउद्दीन खिलजी का शासन काल क्या था?
जवाब: इसवी सन १२९६ से इसवी सन १३१६ तक।
६. दक्षिण भारत पर जित दर्ज करने वाला प्रथम भारतीय मुस्लिम सुलतान कौन था?
जवाब: अलाउद्दीन खिलजी
७. चित्तौडगढ़ के किस महारानी के रूप सौन्दर्य पर अलाउद्दीन खिलजी मोहित हो गया था?
जवाब: रानी पद्मावती
८. किस उपाधि से अलाउद्दीन खिलजी को नवाजा गया था?
जवाब: “सिकंदर-ए- शाही।
९. कौनसे किले का निर्माण अलाउद्दीन खिलजी ने मंगोल सेना को हराने के बाद किया था?
जवाब: सिरी फोर्ट
१०. अलाउद्दीन खिलजी का वास्तविक नाम क्या था?
जवाब: अली गुरशास्प उर्फ़ जूना खान खिलजी।
११. अलाउद्दीन खिलजी की कब्र कहा पर स्थित है?
जवाब: भारत देश की राजधानी दिल्ली में महरौली नामक जगह पर क़ुतुब कॉम्पलेक्स में अलाउद्दीन खिलजी की कब्र बनाई गई है।
१२. अलाउद्दीन खिलजी की मौत कैसे हुई थी? (How did Alauddin Khilji Died)
जवाब: अत्याधिक बीमारी के चलते अलाउद्दीन बहुत कमजोर हो गए थे, जिसमे उनके अंतिम दिनों में उनके वफादार सेनापति मलिक काफूर ने षड्यंत्र से अलाउद्दीन की हत्या करवा दी थी।
१३. शारीरिक बनावट के अनुसार अलाउद्दीन खिलजी की ऊँचाई कितनी थी? (Alauddin Khilji Height)
जवाब: लगभग ५ फीट ७ इंच तक।
१४. अलाउद्दीन खिलजी और मलिक काफूर के आपसी सहयोग से क्या प्राप्त हो सका था?
जवाब: मलिक काफूर के सहयोग की बदौलत अलाउद्दीन खिलजी मुस्लिम शासको के इतिहास में प्रथम सुलतान बना था, जिसने दक्षिण भारत पर विजय प्राप्त की और शासन का इतने दूर तक विस्तार किया था।
I’m proud of you Alauddin khilji
आपने अलाउद्दीन के बारे में बहुत अच्छी जानकारी शेयर की है.
very nice post i am happy to read . hello sir ,
thanks for writing this article . this is very useful article for me .
Nice Information
Aluaddin ek gira huaa insan tha jo rani padmabat ko nhi pa ska