Independence Day speech in Hindi
15 अगस्त सन् 1947 में हमारा भारत देश कई सालों बाद ब्रिटिश हुकूमत से आजाद हुआ था। इसी उपलक्ष्य में हर साल 15 दिवस को स्वतंत्रता दिवस के रुप में पूरे देश में मनाया जाता है।
सभी लोग इस राष्ट्रीयता के पर्व को मिलजुल कर हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं और अपनी एवं देश की स्वतंत्रता समेत भारत की एकता और अखंडता को बनाए रखने का संकल्प लेते हैं। आजादी-ए-जश्न के इस मौके पर स्कूल, कॉलेज समेत सरकारी दफ्तरों आदि में अलग-अलग तरह के सांस्कृतिक और रंगारंग कार्यक्रमों का भी आय़ोजन किया जाता है।
इसके साथ ही भाषण प्रतियोगिता, निबंध लेखन प्रतियोगिता, खेलकूद प्रतियोगिता, नुक्कड़ नाटक समेत कई गतिविधियां होतीं हैं, जिससे जरिए लोग अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करते हैं।
वहीं आज हम यहाँ आपको अपने इस आर्टिकल में स्वतंत्रता दिवस – Independence Day के मौके पर दिए छात्रों, शिक्षकों आदि के लिये कुछ आसान भाषण – Speech उपलब्ध करवा रहे हैं, जिनका आप अपनी जरूरत के मुताबिक स्वतंत्रता दिवस 15 August के समय में इस्तेमाल कर सकते हैं।
15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर भाषण – 15 August Independence Day speech in Hindi
मेरे सभी आदरणीय आदरणीय अध्यापक गण, अभिभावको और प्यारे मित्रों को सुबह का प्रणाम (नमस्कार)। इस महान राष्ट्रीय अवसर को मनाने के लिये आज हम लोग यहाँ इकठ्ठा हुए है। मैं आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई देता हूँ।
जैसा कि हम जानते है कि स्वतंत्रता दिवस हम सभी के लिये एक मंगल अवसर है। हम सब इस दिन को इसलिए मनाते है क्योकि 15 अगस्त 1947 को ही हमारा देश आज़ाद हुआ था, और ब्रिटिश राज से हमें मुक्ति मीली थी। आज हम यहाँ हमारा स्वतंत्रता दिवस मनाने इकठ्ठा हुए है।
आज का दिन सभी भारतीय नागरिकों के लिये बहुत महत्वपूर्ण दिन है। और यह इतिहास में सदा के लिये उल्लिखित हो चुका है।
नई दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पंडित जवाहरलाल नेहरु ने भाषण दिया था। जब पूरी दुनिया के लोग सो रहे थे, ब्रिटीश शासन से जीवन और आजादी पाने के लिये भारत में लोग संघर्ष कर रहे थे। अब, आज़ादी के बाद, दुनिया में भारत सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। हमारा देश विविधता में एकता के लिये प्रसिद्ध है। भारतीय लोग हमेशा अपनी एकता से जवाब देने के लिये तैयार रहते है।
बड़ी ख़ुशी से हमारे पुरे देश में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। यह सभी भारतीयों के लिये बेहद महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि यह दिन हमें मौका देता है उन महान स्वतंत्रता सेनानीयों को याद करने का जिन्होंने हमें एक शांतिपूर्ण और खूबसूरत जीवन देने के लिये अपने प्राणों की आहुति दे दी। आजादी से पहले, लोगों को पढ़ने-लिखने की, अच्छा खाने की और हमारी तरह सामान्य जीवन जीने की आज्ञा (Permission) नही थी। अपने अर्थहीन आदेशों की पूर्ति के लिये अंग्रेजों द्वारा भारतीयों के साथ गुलामों से भी ज्यादा बुरा बर्ताव किया जाता था।
भारत की आजादी के पहले दिन को याद करने के लिये हम हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाते है साथ ही साथ उन सभी महान लोगों याद करते है। जिनके कठिन संघर्षों की वजह से हम अपनी आजादी का उपभोग करने लायक बने है और अपनी इच्छा से खुली हवा में साँस से सकते है।
अंग्रेजों से आजादी पाना हमारे पूर्वजो के लिये बेहद असंभव कार्य था लेकिन हमारे पूर्वजो ने लगातार प्रयास करके इसे प्राप्त कर लिया। हम उनके किये कार्य को कभी भूल नहीं सकते और हमेशा उन्हें याद करते रहेंगे। केवल एक दिन में सभी स्वतंत्रता सेनानीयों के कामों को हम याद नहीं कर सकते लेकिन दिल से उन्हें सलामी जरुर दे सकते है। वो हमेशा हमारी यादों में रहेंगे और पूरे जीवन के लिये प्रेरणा का कार्य करेंगे।
आज सभी भारतीयों के लिये बहुत महत्वपूर्ण दिन है जिसको हम महान भारतीय नेताओं के बलिदानों को याद करने के लिये मनाते है, जिन्होंने देश की आजादी और समृद्धि के लिये अपना जीवन दे दिया। भारत की आजादी मुमकिन हो सकी क्योंकि सहयोग, बलिदान और सभी भारतीयों की सहभागिता थी। हमें महत्व और सलामी देनी चाहिये उन सभी भारतीय नागिरकों को क्योंकि वो असली राष्ट्रीय हीरो थे।
भारत के कुछ महान स्वतंत्रता सेनानीयो में बाल गंगाधर तिलक, महात्मा गांधी जी, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, जवाहरलाल नेहरु, खुदीराम बोस, चन्द्रशेखर आजाद, भगत सिंह, लाला लाजपत राय इत्यादि। ये सभी प्रसिद्ध देशभक्त थे जिन्होंने अपने जीवन के अंत तक भारत की आजादी के लिये कड़ा संघर्ष किया। हम लोग हमारे पूर्वजों द्वारा किये गए संघर्ष के उन डरावने पलों की कल्पना भी नहीं कर सकते।
आजादी के इतने वर्षों बाद भी आज हमारा देश विकास के सही राह पर है। आज हमारा देश पूरी दुनिया में लोकतांत्रिक देश के रुप में अच्छे से स्थापित है।
महात्मा गांधी जी एक महान नेता थे जिन्होंने अहिंसा और सत्याग्रह जैसे आजादी के असरदार तरीकों के बारे में हमें बताया। अहिंसा और शांति के साथ स्वतंत्र भारत के सपने को गाँधीजी ने ही देखा था।
भारत ही हमारी मातृभूमि है और हम आज़ाद भारत के आज़ाद नागरिक है। हमें हमेशा बुरे लोगो से अपने देश की रक्षा करते रहनी चाहिये। ये हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने देश को आगे की ओर ले जाये और इसे दुनिया का सबसे अच्छा देश बनाये।
आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की ढेर सारी शुभकामनाये, आशा करते है की हमारा देश हर साल हर क्षेत्र में विकास करता रहे ताकि पूरी दुनियाँ को हमपर एक दिन गर्व हो।
जयहिन्द, जयभारत
स्वतंत्रता दिवस पर भाषण – Independence Day Speech in Hindi For School Students
स्वतंत्रता दिवस की आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं और मै हूं …। स्वतंत्रता दिवस के इस पावन मौके पर यहां पर मौजूद सभी गणमान्य नागरिकों, आदरणीय अतिथिगण, सम्मानीय प्रधानाध्यपक समेत सभी मेरे शिक्षकगण, सहपाठी, प्रिय छोटे भाई-बहन सभी को मेरा सादर प्रणाम।
राष्ट्रीयता के इस पर्व स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में आप सभी ने मुझे आप लोगों के समक्ष अपने विचार रखने का सुनहरा अवसर प्रदान किया है, जिसके लिए मै आप सभी धन्यवाद करती हूं / करता हूं।
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मै सभी के सामने कुछ ऐसे शब्द बोलने जा रही हूं/ जा रहा हूं, जिसे सुनकर आप सभी लोगों में देश भक्ति की भावना जागृत हो उठेगी एवं देश के शूरवीरों की गाथा सुनकर सीना फक्र से चौड़ा हो जाएगा, इसके साथ ही क्रूर अंग्रेजों शासकों के प्रति आपका खून खौल उठेगा। और इसी के साथ मै अपने भाषण की शुरुआत स्वतंत्रता दिवस पर लिखीं गईं कुछ पंक्तियों के माध्यम से करती हूं/करता हूं –
“चलो फिर से आज खुद को जगाते हैं, अनुशासन का डंडा फिर से घुमाते हैं,
सुनहरा रंग हैं इस स्वतंत्रता दिवस का शहीदों के लहु से ऐसे शहीदों को हम सब मिलकर शीश झुकाते हैं।।”
जैसे की हम सभी जानते हैं कि 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रुप में मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन कई सालों के बाद हमारे भारत देश को ब्रिटिश हुकूमत से आजादी मिली थी और इसी स्वर्णिम दिन हम सभी भारतीय स्वतंत्र हुए थे।
हमारे भारत के महान स्वतंत्रतासेनानियों और शूरवीरों की बदौलत ही आज हम आजाद भारत में चैन की सांस ले पा रहे हैं, और खुद से जुड़े फैसले और अपनी जिंदगी खुद के मुताबिक बिना किसी रोकटोक के जीने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र है।
आज हम अपनी बात रखने, अपनी भावनाओं को प्रकट करने,शिक्षा ग्रहण करने, नौकरी करने, व्यवसाय करने आदि के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र हैं।
लेकिन यह स्वतंत्रता यूं ही नहीं मिली बल्कि इसके लिए हमारे देश के वीर सपूतों ने कई सालों तक कड़ा संघर्ष किया, तमाम लड़ाइयां लड़ीं, अंग्रेजों का अत्याचार सहा, उनकी लाठियां खाईं, अपना लहुं बहाया, अपनी पूरा जीवन देश की आजादी के लिए समर्पित किया यही नहीं अपने प्राणों तक की आहुति दी, तब जाकर सालों बाद तमाम वीरों की शहादत के बाद हमारा भारत देश ब्रिटिश शासन के चंगुल से मुक्त हुआ।
अगर हमारे वीर सपूतों ने अंग्रेजों का मुकाबला करने का साहस नहीं भरा होता और यह तमाम लड़ाइयां और संघर्ष नहीं झेले होते तो आज हम गुलामी की बेड़ियों में बंधे होते और अंग्रेजों के जुल्म सहने को मजबूर होते।
इसलिए आज का यह खास दिन भारत माता के उन वीर सपूतों की कुर्बानियों को याद करने और उन्हें नमन करने का दिन है। वहीं वीरों के बलिदानों को मै इन पंक्तियों के माध्यम से याद करना चाहूंगा /चाहूंगी।
“लड़े वो वीर जवानों की तरह, ठंडा खून भी फौलाद हुआ,
मरते मरते भी कई मार गिराए, तभी तो देश आजाद हुआ।”
हम बेहद भाग्यशाली हैं कि हमारी भारत भूमि में ऐसे वीर सपूतों ने जन्म लिया, जिन्होंने अपने सिर में कफन बांधकर भारत माता को आजाद करवाने के लिए कई कष्ट झेले थें।
स्वतंत्रता आंदोलन में वैसे तो लाखों वीरों ने त्याग और बलिदान दिया था और अपने प्राणों की बाजी लगाई थी, वहीं उन नामों में से कुछ ऐसे नाम हैं, जो इतिहास के पन्नों पर सुनहरे अक्षरों में लिख दिए गए हैं।
उनमें चन्द्र शेखर आजाद, भगत सिंह, सुखदेव, लाला लाजपत राय, महात्मा गांधी, सरदार वल्लभ भाई पटेल, नेता जी सुभाष चन्द्र बोस, बाल गंगाधर तिलक, लाल बहादुर शास्त्री, रानी लक्ष्मी बाई, मंगल पांडे, नाना साहब, तात्या टोपे, राजगुरु, पंडित जवाहर लाल नेहरू जी समेत कई नाम शामिल हैं। यह देश के ऐसे महान स्वतंत्रता सेनानी और सच्चे वीर सपूत थे, जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह करने का साहस भरा था और अपने क्रांतिकारी आंदोलनों से अंग्रेजों की नींदें हराम कर दी थीं साथ ही समस्त भारतवासियों के अंदर अपनी क्रांतिकारी विचारधारा से अंग्रेजों के खिलाफ नफरत पैदा कर दी थी।
जिसके चलते अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए विवश होना पड़ा था और इस तरह हम सभी भारतीयों को आजाद भारत में रहने का यह सौभाग्य प्राप्त हुआ है।
इसलिए हमें अपने स्वतंत्रता के महत्व को समझना चाहिए और अपने देश को आगे बढ़ाने के लिए काम करने चाहिए। हालांकि, इसमें कोई संदेह नहीं है कि जब से हमारा देश ब्रिटिश हुकूमत के चंगुल से आजाद हुआ है, तब से हमारे देश ने अभूतपूर्व विकास किया है।
शिक्षा, खेल, तकनीक, वित्त, परिवहन, विज्ञान आदि के क्षेत्र में हमारा देश निरंतर आगे बढ़ रहा है और आज हमारा देश एक परमाणु शक्ति से संपन्न राष्ट्र है। लेकिन आजादी के इतने साल बाद भी आज हमारे देश की महिलाएं तमाम बंधिशों में बंधी हुईं हैं और गुलामी की पीड़ा सह रही हैं।
यही नहीं हमारे देश में आज लोग भ्रष्टाचार, घूसखोरी, रिश्वतखोरी, अपराध, हिंसा आदि में बुरी तरह संलिप्त है, जो कि हमारे देश के लिए बेहद निंदनीय हैं और यह हमारे देश को आगे बढ़ने से रोक रहा है।
वहीं इस देश के नागरिक होने के नाते हम सभी भारतीयों का पुनीत कर्तव्य है कि हम सभी मिलकर अपनी और देश की स्वतंत्रता की रक्षा करें, इसके साथ ही अपने देश को आगे बढ़ाने के लिए काम करें साथ ही देश में घूसखोरी, रिश्वतखोरी, जमाखोरी आदि को खत्म करने का संकल्प लें साथ ही देश की प्रगति और विकास के साधक बने और न कि बाधक।
वहीं इसी के साथ मै अपने इस भाषण को विराम देता हूं/देती हूं, लेकिन अंत में कुछ पंक्तियां कहना चाहती हूं/चाहता हूं –
“आजाद भारत के लाल हैं हम आज शहीदों को सलाम करते हैं
युवा देश की शान हैं हम अखंड भारत का संकल्प करते हैं।। भारत माता की जय।”
स्वतंत्रता दिवस पर भाषण – 15th August Speech in Hindi For Teachers
सर्वप्रथम स्वतंत्रता दिवस की आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। आदरणीय अतिथिगण, सम्मानीय प्रधानाध्यक जी, सभी अभिभावक और यहां पर मौजूद सभी शिक्षकगण, मेरे सहपाठियों एवं प्रिय छात्र-छात्रों सभी को मेरा सादर प्रणाम।
मुझे बेहद खुशी हो रही है कि आज मुझे राष्ट्रीय एकता और सदभाव के इस पावन पर्व के मौके पर अपने विचार रखने का सुनहरा अवसर प्रदान हुआ है, इसके लिए मै आप सभी का आभार प्रकट करती हूं / करता हूं।
जाहिर है कि यहां पर हम सभी आजादी के इस पर्व का जश्न मनाने के लिए और उन वीर सपूतों की कुर्बानियों को याद करने के लिए इकट्ठे हुए जिनके त्याग और समर्पण की बदौलत आज आजाद भारत में चैन से सांस ले पा रहे हैं।
राष्ट्रीयता के इस पर्व के मौके पर मैं अपने इस भाषण में देश के उन शहीदों के बारे में जिक्र करूंगीं/करूंगां, जिन्होंने देश की आजादी के लिए न सिर्फ अपना पूरा जीवन कुर्बान कर दिया बल्कि हंसते हुए अपने प्राणों की आहूति दे दी। देश के ऐसे शूरवीरों की शौर्यता के बारे में सुनकर आप भी वीरों की जन्मभूमि भारत में पैदा होने पर फक्र महसूस करेंगे।
मै अपने इस भाषण की शुरुआत स्वतंत्रता दिवस पर लिखीं गईं कुछ पंक्तियों के माध्यम से करना चाहता हूं / चाहती हूं –
“उनके हौसले का भुगतान क्या करेगा कोई, उनकी शहादत का कर्ज देश पर उधार है,
आप और हम इसलिए खुशहाल हैं, क्योंकि सीमा पर सैनिक शहादत को तैयार हैं।।”
कई सालों की गुलामी करने के बाद 15 अगस्त, 1947 को हमारा भारत देश आजाद हुआ था। देश को आजाद करवाने के लिए चन्द्र शेखऱ, आजाद, भगत सिंह, महात्मा गांधी, बाल गंगाधर तिलक, सरदार वल्लभ भाई पटेल, रानी लक्ष्मी बाई, नेता जी सुभाष चन्द्र बोस, तात्या टोपे समेत कई वीर जवानों ने अपने पूरे जीवन भर स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी, वहीं इनमें से कई शूरवीरों ने देश की आजादी के लिए अपनी शहादत तक दे दी थी।
इस मौके पर मै अपने वीर जवानों की बलिदानों को याद करते हुए कुछ पंक्तियां पेश करना चाहता हूं –
“आओ मिलकर सब अपने देश का सम्मान करें, शहीदों की शहादत को आज याद करें,
एक बार फिर से राष्ट्र की कमना, हम हिंदुस्तानीी अपने हाथ धरे, आओ स्वतंत्र दिवस का सभी सम्मान करें।।”
महान स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग, बलिदान और समर्पण का नतीजा है कि एक ऐसे भारत में सुख और चैन से रह रहे हैं।
वहीं आज 15 अगस्त का दिन इन्हीं वीर सूपतों की कुर्बानियों को याद करने का दिन है, शहीदों की शहादत को श्रद्धा से नमन करने का दिन और तिरंगा झंडा फहराकर भारत देश का मान रखने का दिन है।
उन सैनिकों को जज्बे को सलाम करने का दिन है, जो सीमा पर तैनात होकर हमारे प्राणों की रक्षा करते हैं और हम पर कोई आंच नहीं आए इसके लिए सदैव अपने जान न्योछावर करने तक को तैयार रहते हैं।
वहीं अगर हमारे देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों ने स्वाधीनता पाने के लिए इतना संघर्ष नहीं किया होता है और इतनी लड़ाईयां नहीं लड़ी होती तो आज भी हम गुलामी की बेड़ियों में बंधे होते और हमारी अपनी कोई पहचान नहीं होती है।
आज के दिन हर भारतवासी को फक्र करना चाहिए कि आज हम विश्व के सबसे लोकतंत्रात्मक और धर्मनिरपेक्ष देश में बिना किसी डर के सुकून से रह रहे हैं।
एक ऐसे देश में रह रहे हैं जहां कई अलग-अलग तरह की जाति, धर्म, पंथ, संप्रदाय के लोगों की रीति-रिवाज, संस्कृति, भाषा, रहन-सहन, पहनावा आदि में कई विविधता होने के बाबजूद भी राष्ट्रीय एकता ही इसकी असली पहचान है।
हालांकि, आजादी के इतने साल बाद आज भी हमारा देश आतंकवाद की बेड़ियों में बंधा हुआ है, देश की ज्यादातर महिलाएं अपने फैसले लेने के लिए स्वतंत्र नहीं हैं, उनसे जुड़े फैसले आज भी उनके पिता, भाई या फिर पति द्धारा ही लिए जाते हैं, देश का हर विभाग घूसखोरी, रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार में संलिप्त है,आज भी हमारे लोकतंत्रात्मक देश में जाति को आधार बनाकर राजनेता चुनाव लड़ते हैं जो कि बेहद निंदनीय है।
अर्थात, हम सभी भारतीयों को देश में फैली इन सभी बुराइयों को खत्म करने के लिए एक साथ मिलकर संकल्प लेना चाहिए इसके साथ ही देश के प्रत्येक नागरिक को एक जिम्मेदार, सभ्य और शिक्षित नागरिक बनने की शपथ लेनी चाहिए एवं देश के विकास को गति देने के लिए सदैव प्रयत्नशील रहना चाहिए और हम सभी को राष्ट्रीय एकता और अखंडता को बनाए रखना अपना कर्तव्य समझना चाहिए।
तभी हमारा भारत देश और अधिक विकास कर सकेगा और विश्व का सबसे उन्नत एवं प्रगतिशील देश कहलाएगा। इस भाषण का अंत मै कुछ पंक्तियों के माध्यम से करना चाहता हूं / चाहती हूं –
“भूल न जाना भारत मां के सपूतों का बलिदान इस दिन के लिए हुए थे जो हंसकर कुर्बान
आजादी का जश्न मनाकर लो ये शपथ कि बनाएंगे अपने देश भारत को और भी महान।। जय हिन्द, जय भारत।”
स्वतंत्रता दिवस पर भाषण – Swatantrata Diwas Par Bhashan
माननीय मुख्य अतिथि, सम्मानीय प्रधानाचार्य जी, आदरणीय अध्यापकगण, अभिभावक, मेर सहपाठी और मेरे प्यारे भाई-बहनों आप सभी को मेरा सादर प्रणाम। आप सभी लोगों को आजादी के इस पर्व की हार्दिक बधाईयां।
जैसे कि हम सभी जानते हैं कि आज… वां है। इस स्वतंत्रता दिवस के सुनहरे अवसर पर हम सभी लोग इसका जश्न मनाने के लिए इकट्ठे हुए हैं। मुझे बेहद गौरान्वित महसूस हो रहा है कि 15 अगस्त के स्वर्णिम दिन पर मुझे आप लोगों के समक्ष अपने विचार रखने का मौका मिला है। मैं इसके लिए आप सभी का तहे दिल से आभार प्रकट करता हूं/करती हूं।
स्वतंत्रता दिवस का यह पर्व हम सभी भारतीयों के अंदर देश के प्रति प्रेम, सम्मान, निष्ठा, सोहार्द आदि का भाव पैदा करता है एवं अपने देश के लिए अपने कर्तव्यों की याद दिलवाता है।
इसके साथ ही यह पर्व देश के उन शूरवीरों और स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों को याद दिलवाता है, जिन्होंने देश को आजाद करवाने के लिए खुद का जीवन पूरी तरह समर्पित कर दिया था और देश के लिए हंसते-हंसते अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया था। यह पर्व देश के उन सैनिकों के लिए सम्मान पैदा करता है जो चिलकती धूप और हांड कंपा देने वाली ठंड में भी दिन और रात हमारी रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने के लिए तत्पर रहते हैं।
इसके अलावा राष्ट्रीयता का यह पर्व हमें अपनी स्वतंत्रता का सम्मान करना और इसकी रक्षा करना भी सिखाता है।
हम सभी भारतीय बेहद सौभाग्यशाली हैं कि हम सभी को आजादी के पर्व के जश्न मनाने का मौका मिला है। इस पर्व पर आजादी के जश्न की शुरुआत हम अपने देश का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा झंडा फहराकर करते हैं।
जो कि हमारे देश की आन-बान और शान है और इस मौके पर मैं देशभक्ति पर लिखीं गईं कुछ पंक्तियां पेश करना चाहता हूं/चाहती हूं
“आजादी की कभी शाम नहीं होने देंगे शहीदों की कुर्बानी बदनाम नहीं होने देंगे
बची हो जो एक बूंद भी लहू की तब तक भारत माता का आँचल नीलाम नहीं होने देंगे।।”
जैसे कि हम सभी जानते हैं कि, 15 अगस्त, 1947 को हमारा भारत देश कई सालों की गुलामी सहने के बाद ब्रिटिश शासकों के चंगुल से आजाद हुआ था।
सबसे पहले आजादी की घोषणा देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने अपने भाषण से की थी, और इसके बाद लाल किले के प्राचीर में तिरंगा झंडा फहराया था, तब से लेकर आज तक आजादी के इस पर्व पर देश के प्रधानमंत्रियों द्धारा लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है और इस मौके पर कई रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
इस दौरान जल, थल और वायु तीनों सेनाओं के द्धारा अपने अद्भुत शक्ति का तो प्रदर्शन किया ही जाता है साथ ही देश के सभी राज्यों द्धारा अपनी-अपनी संस्कृति और विरासत को झांकी के रुप में प्रर्दशित किया जाता है।
राष्ट्रगान की धुनों पर राज्यों की झांकियां निकलती है। इस दिन हर तरफ देशभक्ति से ओतप्रोत वातावरण रहता है और पूरा देश आजादी के जश्न में डूबा रहता है। सभी भारतीय इस मौके पर देश के शूरवीरों की शहादत को याद करते हैं एवं उन्हें श्रद्धापूर्वक श्रद्धांजली देते हैं।
भारत के महान स्वतंत्रता सेनानियों और सच्चे वीर सपूतों ने हमारी भारत भूमि को क्रूर ब्रिटिश शासकों के चंगुल से स्वतंत्र करवाने के लिए खुद को देश के लिए पूरी तरह समर्पित कर दिया और अपनी अंतिम सांस तक देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी।
इन वीर जवानों के त्याग, बलिदान और समर्पण की वजह से ही आज हम आजाद भारत में सुख, चैन की सांस ले पा रहे हैं।
वहीं स्वतंत्रता दिवस के इस मौके पर मै वतन के लिए मर मिटने वाले भारत के शहीदों और वीर सपूतों को सलामी देता हूं और उन्हें कोटि-कोटि नमन करता हूं और उनकी कुर्बानियों और शहादत पर कुछ पंक्ति पेश करना चाहता हूं –
“आओ झुककर सलाम करें उन्हें, जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है|।
खुशनसीब होता है वो खून, जो देश के काम आता है।। देश के शहीदों को शत-शत नमन।।”
जाहिर है कि आज हम देश के इन वीर सपूतों के त्याग और बलिदान की वजह से ही सुख और शांति पूर्वक अपने जीवन जी पा रहे हैं और हमारा देश दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रुप में आज विकास के सही राह पर चलकर सफलता की नई ऊंचाईयों को छू रहा है।
लेकिन आजादी के इतने साल बाद आज भी मुझे यह सवाल अंदर से कचोटता रहता है कि क्या स्वतंत्रता पाने के इतने सालों बाद भी हम अपने देश के संविधान के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल हो सके हैं ?
यह कहते हुए मुझे बेहद शर्मींदगी महसूस हो रही है कि आज हमारे देश में बेरोजगारी, गरीबी, भ्रष्टाचार, बलात्कार, हिंसा, आतंकवाद, अपराध, महिलाओं पर बढ़ रहे अत्याचार चोरी, दंगे, हड़ताल जैसे तमाम समस्याएं मुंह बाएं खड़ी हुईं हैं और इसके साथ लगतार बढ़ रहा आतंकवाद और उग्रवाद हमारे तिरंगे की शान को चुनौती दे रहा है।
यही नहीं फसलों की सही कीमत नहीं मिलने की वजह से हमारे देश के ज्यादातर कर्ज के डूबे किसान आज आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं।
कई लोग भोजन नहीं मिलने की वजह से भूखे पेट सोने के लिए मजबूर है, तो न जाने कितने लोग हमारे देश में ऐसे हैं जो रोजाना भुखमरी की वजह से अपनी जान गंवा रहे हैं।
वहीं हमारा देश ऐसे लोगों से अटा पड़ा है, जिनके तन पर पहनने के लिए कपड़ा नहीं है, रहने के लिए सिर पर छत नहीं है, बीमारी के इलाज के लिए पैसे नहीं हैं। देश में महिलाएं, बच्चियां महफूज नहीं हैं।
कोई भी दिन ऐसा नहीं जाता जब न्यूज पेपर और न्यूज चैनलों में बलात्कार और हत्याएं जैसे जघन्य अपराधों की खबरें न छपी हों। बढ़ते अपराधों की वजह से आज हमारा देश फिर से गुलामी की बेड़ियों में बंध गया है।
ऐसी गुलामी से देश को सुरक्षित करने के लिए हम सभी को फिर से एक साथ होने की जरूरत है और इसके खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने की जरूरत है क्योंकि इस तरह के जुर्म हमारे देश को आगे बढ़ने से रोक रहे हैं और हमारे देश की प्रगति में बाधा पैदा कर रहे है तो चलिए हम सब मिलकर इस स्वतंत्रता दिवस के पावन मौके पर एक साथ यह शपथ लेते हैं कि –
“विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा
इसकी शान न जाने पाए चाहे जान भले ही जाए।।”
फिलहाल इन्हीं शब्दों के साथ मै अपने इस भाषण को विराम देता हूं / देती हूं।
धन्यवाद, जय हिन्द, जय भारत !!
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