Quotes By Deepak Chopra
दीपक चोपड़ा – Deepak Chopra एक जानेमाने डॉक्टर और Seven Laws Of Spiritual Success जैसे Motivational Bestseller Books के लेखक हैं, उन्होंने आध्यात्म इस विषय पर कई पुस्तकें लिखी हैं जिन्हें लोगों ने काफी पसंद किया है, उन्हें भगवद्गीता से प्रेरणा मिलती है। उनके विचार सारी दुनिया को प्रभावित कर रहें हैं यहापर दीपक चोपड़ा के कुछ अनमोल विचार – Quotes By Deepak Chopra In Hindi दे रहें है जो आपके जीवन को काफी प्रभावित करेंगे..
दीपक चोपड़ा के अनमोल विचार – Quotes By Deepak Chopra in Hindi
“आपके साथ हर समय बहोत सारी चीजे होगी लेकिन यदि आप उनमे हेरफेर करने की कोशिश करोगे तो इसका मतलब आप पूरी दुनिया के खिलाफ संघर्ष कर रहे हो और ये आपके लिये बहोत छोटी बात होगी।”
“कर्म को आप जब सही तरीके से समझ लेते हो, तो फिर यह आपके लिये जानकारियों को स्पष्ट रूप से जानने की यंत्रणा का काम करती है।”
“सकारात्मक वातावरण के बिना आप सकारात्मक विकल्पों का चुनाव नही कर सकते।”
“नदी की दिशा बदलने की कोशिश मत करो।”
“जब तक आप मानव शरीर में पानी, ग्लूकोस और इलेक्ट्रोलाइट नमक के मिलने या जागरूक होने के बिंदु को नही ढूंड लेते तब तक ये कोई मायने नही रखता की आपने उनके साथ कितनी बार प्रयोग किया है।”
“जितनी हो सके उतनी लंबी जिंदगी जीना जरुरी नही की यही आपके दिमाग का सबसे अच्छा इरादा हो, क्योकि गुणवत्ता (क्वालिटी) और मात्रा (क्वांटिटी) कभी एक जैसी नही होती।”
“दूसरो के लिये आप जितना कम दिल खोलोंगे, आपका दिल उतना ही बीमार होंगा।”
“यदि आप वर्तमान में जीते हो तो जो आप करना चाहते हो वो करने के जिंदगी आपको बहोत से मौके देती है।”
“आप और मैं अनंत विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं। हमारे अस्तित्व के हर एक क्षण में हम उन सभी संभावनाओं के मध्य में होते हैं जहाँ हमारे पास अनंत विकल्प मौजूद होते हैं।”
Deepak Chopra Quotes
दीपक चोपड़ा एक प्रेरणादायक वक्ता होने के साथ-साथ एक प्रसिद्ध लेखक भी हैं। वे अपने महान विचारों के माध्यम से लोगों की जिंदगी से अंधेरा मिटाने का काम करते हैं।
उनके महान विचार लोगों को उनकी जिंदगी में आगे बढ़ने का जज्बा प्रदान करते हैं। उनके द्धारा लिखी गई करीब 19 किताबें दुनिया की सबसे ज्यादा बिकने वाली किताबों में शुमार है।
उन्होंने अभी तक के करियर में स्वास्थ्य, ध्यान, आध्यात्मिकता, दर्शन समेत तमाम विषयों पर 65 से भी ज्यादा किताबें लिखी हैं। आपको बता दें कि इनके द्धारा लिखी गईं किताबों का करीब 35 से ज्यादा भाषाओं में अनुवाद हो चुका है।
दिल्ली में जन्में दीपक चोपड़ा जी ने आध्यात्मिकता और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी योगदान दिया है। उन्होंने साल 1992 में कैलिफॉर्निया के सैन डिएगो में चोपड़ा सेंटर की भी स्थापना की थी और वे इस सेंटर के वर्तमान में मुख्य कार्यकारी अधिकारी और चिकित्सा निदेशक हैं।
दीपक चोपड़ा जी को उनके द्धारा दिए गए सामाजिक योगदान के लिए कई बड़े पुरस्कारों से भी नवाजा जा चुका है। उनके महान और प्रेरणात्मक विचारों पर अमल कर कोई भी व्यक्ति अपने जीवन में सफलता के पथ पर अग्रसर हो सकता है।
इसलिए आज हम आपसे अपने इस आर्टिकल में दीपक चोपड़ा जी के कुछ अनमोल विचारों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आप अपने सोशल मीडिया अकाउंट फेसबुक, व्हाट्सऐप, और ट्ववीटर आदि पर भी अपने दोस्तों और करीबियों के साथ शेयर कर सकते हैं।
“सोचना ब्रेन केमिस्ट्री के अभ्यास है।”
“आपके सोचने का तरीका ही आपके व्यवहार का तरीका है, आपके व्यवहार करने का तरीका ही आपके खाने का तरीका है, इसे अपनाने से ही आप अपने जीवन को 30 से 50 साल में प्रभावशाली बना सकते हो।”
“हमें ऐसे वातावरण में रहना चाहिये जहा दिमाग जो चाहे उसे आसानी से पसंद कर सके न की गलत चीजो को चुनकर उनके साथ समझौता कर सके।”
“आत्मजागरुकता का कोई महत्त्व नही होता। ये डरावना भी नही होता। इसे इससे कोई फर्क नही पड़ता की आप अपनेआप को बेवजह के दर्द में डुबो रहे हो।”
“आध्यात्मिकता मतलब अपने आप को बाहरी पहचान से आंतरिक जागरूकता में ले जाकर ब्रह्माण्ड की बातो को जानना है।”
“हमें घमंड, तर्क और अनगिनत कारणों से दूर ले जाना चाहिये ताकि हम अपने भीतर शांति का निर्माण कर – आत्मा के राज्य को विकसित कर सके।”
“निर्धारित की हुई कोई भी शारीरिक सच्चाई नही है, दुनिया के बारे में कोई एक अवधारणा नही है, वो तो हम बस दुनिया के तंत्रिका तंत्र के हिसाब से बहोत सी अवधारणाएँ करते है और वातावरण के हिसाब से अपने जीवन का अनुमान लगाते है।”
“हमें स्वयं को हम जो है उस हिसाब से शिक्षित करना चाहिये, और खुद ही असली पहचान को जानना चाहिये।”
“दिमाग को कोई भी विचार रजिस्टर होने से पहले मस्तिष्क उसपर विचार करता है……हमारा द्वारा लिये गये हर एक कदम का असर दिमाग पर होता है…..और हम हमेशा से ही अपने दिमाग को ज्यादा गतिशील करने के बारे में सोचते है।”
Deepak Chopra Thoughts
दीपक चोपड़ा जी खुद भगवत गीता और वेदों की शिक्षाओं से प्रभावित हैं। वे हमेशा अपने प्रेरणात्मक विचारों और लेखों के माध्यम से लोगों के जीवन में खुशहाली लाने के प्रयास में लगे रहते हैं।
उनका मानना है कि जो व्यक्ति अपनी मन की बात और अपना दुख दूसरों से जितना कम शेयर करते हैं, उन्हें उससे ज्यादा तकलीफ होती है।
इसलिए व्यक्ति को अपने मन की बात और दुख दूसरे के साथ शेयर करना चाहिए, ताकि वह खुशीपूर्वक अपना जीवन व्यतीत कर सके।
“वैश्वीकरण की शुरुवात मुक्त व्यापार, समृद्धि के बाटने और सीमाओ को खुला करने से ही होती है। ऐसा करना निश्चित ही अच्छा होंगा।”
“एक अच्छा बदलाव हमें अपने जीवन में ही दिखाई देता है, क्योकि कोई भी इंसान जैसा बचपन में होता है वैसा बड़ा होने के बाद नही होता।”
“सफलता तभी मिलती है जब लोग मिलकर काम करते है और असफलता तभी आती है जब अकेले काम करते है।”
“स्व-जागरूकता केवल विश्राम या व्यायाम नही है बल्कि इससे आपकी क्रिया और गतिशीलता दोनों को ही विश्राम मिलता है. तंत्रज्ञान इसमें सहायक हो सकता है।”
“जो कुछ भी होता है वह आपके एहसास की वजह से रहस्यमयी तरीके से होता है, यह वो रास्ता होता है जहा पुराने प्रतिमान अचानक ही मरने लगते है।”
“हमारे शरीर को मिलाकर पूरी शारीरिक दुनिया एक पर्यवेक्षक की प्रतिक्रिया है। हम जैसे दुनिया के अनुभव का निर्माण करते है वैसे ही हम अपने शरीर का भी निर्माण करते है।”
“विज्ञान अन्धविश्वास और अकारण के लिये तर्क-संगत विचार और विश्वास बनकर खडा होता है।”
“यदि आप जिंदगी में सही में कोई बड़ा और महत्वपूर्ण काम करना चाहते हो तो आप कुछ भी खुद के भरोसे नही कर सकते और ऐसे काम को करने के लिये आपको अपने दोस्तों और सहयोगियों की आवश्यकता जरुर पड़ेगी।”
“उथल-पुथल और अराजकता के बीच में अपने अंदर शांति बनाये रखे।”
“दिमाग और शरीर के बिच में कोई अंतर नही है, ये आपस में जुडे हुए है।”
“आपकी मौजूदगी का सबसे बड़ा रहस्य आपका अस्तित्व ही है।”
“ये दुनिया तेज़ी से बेहतरीन विकासक्रम, रचनात्मकता और संक्षेपण की तरफ बढ़ रही है।”
“हर इंसान गर्भ में भगवान ही होता है. और जन्म लेना ही उसकी एक इच्छा होती है।
“जिस इंसान में अलग-अलग तरह से व्यवहार करने की आदत होती है वह इंसान ज्यादा सावधानी बरतने वाला होता है।”
“यदि इस पल तुम्हारे और मेरे दोनों के मन में किसी के भी खिलाफ नफरत और अहिंसा का एक भी विचार आया तो समझ जाइये की हम दुनिया को चोट पहोचा रहे है।”
“इंसान की इच्छा उसके द्वारा जमा की हुई चीजो से भी आगे की होती है।”
“तीन अलग दिशाओ में दौड़कर आप कोई भी हल नही निकाल सकते।”
“अहंकार, दरअसल वास्तविकता में आप नहीं हैं. अहंकार आपकी अपनी छवि है, ये आपका सामजिक मुखौटा है ये वो पात्र है जो आप खेल रहे हैं। आपका सामजिक मुखौटा प्रशंशा पर जीता है। वो नियंत्रण चाहता है, सत्ता के दम पर पनपता है, क्योंकि वो भय में जीता है।”
Deepak Chopra Quotes on Love
दुनिया के जाने माने प्रेरणात्मक वक्ता दीपक चोपड़ा जी का मानना है कि कोई भी व्यक्ति सरकात्मक वातावरण के बिना सकारात्मक विकल्पों का चुनाव नहीं कर सकता है, इसलिए व्यक्ति को पॉजीटिव रहने के लिए अपने आसपास के वातावरण को सकारात्मक बनाए रखना बेहद जरूरी होता है।
इसके साथ ही वे मानते हैं कि व्यक्ति के सोचने के तरीके पर ही उसका व्यवहार निर्भर करता है। इसलिए व्यक्ति को सदैव अच्छा और सकारात्मक सोचना चाहिए।
वहीं दीपक जी के इसी तरह के विचार हम सभी को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।
“आपको हर सुबह कम से कम 2 घंटे तो भी ध्यान लगाना चाहिये और यह मेरी दैनिक दिनचर्या का ही एक भाग है, मै रोज 4 AM बजे उठता हु और मुझे यह दिनचर्या बहोत पसंद है।”
“सूली पर चढाने की प्रतीकात्मक भाषा मतलब पुराने मिसालों की मृत्यु है, पुनर्जीवन से आप सोचने के नये रास्तो पर छलांग लगाते हो।”
“एक अच्छा श्रोता बनने के लिये थोड़ी सावधानी और थोडा ध्यान रखने की जरुरत है, इससे आपके भीतर भावनात्मक ऊर्जा का संचार होगा।”
“आपको अपने भीतर वो जगह खोजनी होगी जहाँ कुछ भी असंभव नहीं है।”
“उत्कृष्टता के समय में जब समय खड़ा होता है तब आपकी जैविक घडी रुक जाती है। जोश हमेशा सावधानी वाले कार्यक्षेत्र में ही आता है जहा कोई समय नही होता है।”
“शोध से ऐसा पता चला है की खुश रहने का सबसे अच्छा तरीका अपने हर दिन को खुश बनाना है।”
“आनंदित रहना बच्चों का स्वभाव ही होता है।”
“आप जिस तरह सोचते हैं, जिस तरह व्यवहार करते हैं, जिस तरह खाते हैं, वो आपके जीवन के 30 से 50 साल तक प्रभावित कर सकता है।”
“ब्रह्माण्ड में कोई भी टुकड़ा अतिरिक्त नहीं है. हर कोई यहाँ इसलिए है क्योंकि उसे कोई जगह भरनी है, हर एक टुकड़े को बड़ी पहेली में फिट होना है।”
“एक बार यदि समाज की संरचना तबाह हो गयी तो उसे दोबारा बनने में कई पीढ़िया लग जाती है।”
“आध्यात्मिक लोग समृद्ध होने से नही शर्माते।”
“लोग सोचते है की ध्यान लगाना ही सबसे बडा कार्य है। आपको इन लोगो की तरह नही सोचना चाहिये।”
“जिंदगीभर के लिये एक अच्छी सेहत पाने का रहस्य असल में उल्टा है – आपके शरीर को अपनी देखभाल करने दीजिये।”
“हमारे विचार और हमारा व्यवहार हमारी प्रतिक्रिया का ही परिणाम है। कई बार ये हमारे डर पे भी निर्भर करते है।”
“बुरी बातो को अच्छी बातो में बदलना आप पर ही निर्भर करता है।”
“हम सभी सच्चाई को अपनाने के इरादे से ही जीते है।”
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Very Interesting knowledge by Dipakbhai.Thank you.Thank you Thank you