माचू पेक्चु – Machu Picchu दक्षिण अमेरिकी देश पेरू मे स्थित एक कोलम्बस-पूर्व युग, इंका सभ्यता से संबंधित ऐतिहासिक स्थल है. समुद्र सतह से 2430 मीटर (7970 फ़ीट) की ऊँचाई पर यह स्थित है.
माचू पेक्चु रोचक इतिहास – Machu Picchu History in Hindi
यह एतिहासिक स्थल सेक्रेड घाटी के पर्वतो के टीलो पर बना हुआ है, जो क्यूज़को से 80 किलोमीटर उत्तर में और उरुबम्बा नदी के बहाव के पास स्थित है. बहोत से अर्कीयोलोजिस्ट के अनुसार इन्का शासक पचक्यूटि (1438-1472) की जागीर के तौर पे माचू पक्चु का निर्माण किया गया था. बाद में इसे “लॉस्ट सिटी ऑफ़ द इन्का” भी कहा जाने लगा था. इन्का सभ्यता का यह सबसे घनिष्ट आइकॉन है.
इन्का ने 1450 वी सदी के करीब रियासत का निर्माण किया था लेकिन स्पेनिश जीत के समय इसका परित्याग कर दिया गया था. उपनिवेशक के समय में स्पेनिश को इस जगह के बारे में पता नही था लेकिन स्थानिक लोग इस बारे में जरूर जानते थे.
पर्यटको के लिये इस जगह की बहोत सी इमारतों की मरम्मत भी की गयी है इस तरह से बनाया गया है की वे असल में एतिहासिक दिख सके. 1976 से 30% माचू पिक्चु को पुनर्निर्मित किया गया था, आज भी इसकी मरम्मत का काम शुरू है.
1981 में माचू पिक्चु को पेरुवियन हिस्टोरिकल संक्टरी घोषित किया गया और 1983 में इसे एक यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साईट घोषित किया गया. 2007 में इंटरनेट पोल के माध्यम से माचू पिक्चु को सेवन वंडर्स ऑफ़ द वर्ल्ड घोषित किया गया.
माचू पिक्चु को क्लासिकल इन्का स्टाइल में बनाया गया है, जिसमे पोलिश की सुखी-पत्थरो की दीवारे भी बनी हुई है. इसके मुख्य 3 स्मारक एंटी वटना, सूर्य मंदिर और तीन खिड़कियों का रूम है.
माचू पिक्चु का पुराना इतिहास – Machu Picchu Old History
माचू पिक्चु को 1450 सदी के आस-पास इन्का साम्राज्य में बनाया गया है. दो महान इन्का शासक पचक्यूटेक् इन्का युपनक्वि (1438-71) और तुपक इन्का युपनक्वि (1472-93) के शासनकाल में इसका निर्माण हुआ था. तक़रीबन 100 साल बाद 1572 में स्पेनिश की जीत के बाद इन्का को इसे खोना पड़ा था.
ऐसा माना जाता है की उस समय के बहोत से निवासी चेचक (बड़ी माता) के वजह से ही मारे गये थे. स्पेनिश की जीत के बाद इसे पिच्चो के नाम से जाना जाने लगा, लेकिन ऐसा कोई एतिहासिक सबुत नही है जिससे यह पता चल सके की स्पेनिश माचु पिच्चु को कभी देखने भी आये थे या नही. माचु पिच्चु में बहोत सी एतिहासिक घटनाये घटी है.
माचु पिच्चु का गढ़ भी इन्का की राजधानी कस्को से 80 किलोमीटर (50 मीटर) दूर ही बना हुआ है, लेकिन स्पेनिश इसे कभी ढूंड नही पाये और इसीलिये वे उसका विनाश भी नही कर पाये, क्योकि इन्का की बहोत सी इमारतो को उन्होंने जीत के बाद नष्ट कर दिया था.
लेकिन बाद में जैसे-जैसे सदियाँ बीतती गयी वैसे-वैसे इस जगह के चारो तरफ जंगल फैलते गये, और कुछ समय बाद आस-पास के लोगो को भी इस जगह के बारे में पता चलने लगा था.
बाद में 1867 में जर्मन बिजनेसमैन औगुस्टो बर्न्स ने इसे खोजकर लूटा था. कहा जाता है की इस जगह पर कुछ समय पहले जर्मन इंजिनियर जे.एम्. वों हस्सेल भी आकर गये थे. इतिहासकारों के अनुसार 1874 में माचु पिच्चु का नक्षा बनाया गया था.
1912 के बाद से माचु पिच्चु का आधुनिकीकरण किया गया था और इसे वर्तमान रूप दिया गया था.
1911 में अमेरिकन इतिहासकार और संरक्षक हिरम बिंघम ने इन्का साम्राज्य की यात्रा की और वहा वे माचु पिच्चु के स्थानिक लोगो से भी मिले.
बिंघम ने बाद में माचु पिच्चु को अंतर्राष्ट्रीय प्रसिद्धि दिलवायी और 1912 में इसका एक बार फिर नुतनीकरण किया गया था. 1914 और 1915 में वे वापिस आये और उन्होंने अपनी खुदाई चालू रखी.
1981 में पेरू ने माचु पिच्चु से घिरी हुई 325.92 किलोमीटर वर्ग (125 मीटर वर्ग) की जगह को “हिस्टोरिकल सैंक्चुअरी (इतिहासिक अभयारण्य)” घोषित किया. इसका पतन करने के उद्देश्य से इस अभयारण्य में युंगा और सेंट्रल अंडेन के बहोत से भागो को भी शामिल किया गया था.
1983 में यूनेस्को ने माचु पिच्चु को वर्ल्ड हेरिटेज साईट घोषित कर दिया था, और दुनिया भर के अदभुत और मनमोहक नजारों में से एक बताया था.
माचू पिक्चु की रोचक बाते – Machu Picchu Interesting Information
पहले पश्चिमवासियो ने माचू पेक्चु का अनावरण किया था, पहले हैरम बिंघम ने माचू पेक्चु को खोजकर लूटा था. एतिहासिक जानकारों के अनुसार बिंघम पहला बाहरी इंसान था जिसकी नज़र माचू पेक्चु पर थी, उसने माचू को हथियाने और लूटने के लिये बहोत से शासको को चुनौतिया भी दे रखी थी. इसका सबसे मजबुत प्रतियोगी जर्मन इंजीनियर ऑगस्टो बर्न्स था जो 40 साल से अमेरिका का मठाधिकारी था.
जब बिंघम ने उस जगह को दोबारा पाने की तो उसे बहोत से बेशकीमती खजाने भी मिले थे जो उसने याले यूनिवर्सिटी ले गए थे.
पेरुवियन सरकार ने उसे स्वदेश लौटाने के लिये याचिका भी दी थी और 2008 में इन टुकड़ो को 4000 से लेकर 40000 तक संशोधित भी किया था.
इस स्थान की सबसे चर्चीली जगह इन्का ट्रेल ट्रैक है. तीन दीनो का यह रास्ता श्वास-फूलने जैसी 4214 मीटर की ऊँचाई पर ले जाता है और इस रास्ते में बहोत से प्राचीन इन्का पत्थर भी दिखाई देते है. भू-क्षरण के डर से सरकार ने रास्ते की चढ़ाई करने वाले लोगो की संख्या सिमित कर दी है, अब इस रास्ते पर एक समय में केवल 500 लोग ही चढ़ाई कर सकते है. जिनमे स्थानिक कुली भी शामिल है.
हर साल इन्का ट्रेल पर एक रेस भी होती है जो 26 मील की मैराथन के समान होती है. इस रेस को पार करने का अब तक का सबसे कम समय तीन घंटे 26 मिनट का है.
बहोत से कुली चमकीली धातुओ के साथ सो जाते है. उनका ऐसा मानना है की चमकीली धातु धरती से आने वाली भावनाओ को हटाते है. आप भले ही किसी भी कुली से पूछ लो वे आपको ये जरूर बतायेंगे की कभी-कभी उन्हें टेंट से बाहर की और खीचने का अनुभव भी हुआ है.
इस ट्रैक का सबसे प्रसिद्ध जगह सूर्य गेट के उगम की कहानी है – क्योकि सूर्य का उगम इस पर्वत की चोटियों से होकर ही होता है, जिससे पर्वत की सुंदरता को चार-चाँद लग जाते है. जिस समय यहाँ राजधिकार शासन था उस समय यहाँ प्रवेश लेने के भी कुछ नियम हुआ करते थे.
जिनमे से एक यह भी था की आप किसी और देश का पारंपरिक ड्रेस पहनकर यहाँ नही आ सकते थे. नियमो के अनुसार कपडे पहनकर ही आता था.
बॉलीवुड की सबसे महँगी फ़िल्म इन्दिरन, जो 2010 में रिलीज हुई थी, उसका बहोत सा भाग यही शूट किया गया था, इस फ़िल्म में आपको माचू पेक्चु के बहोत से दर्शनीय स्थलो को देखने मिलेगा. यहाँ कुछ ही फिल्मो को शूटिंग करने की इजाजत मिली है.
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