Sri Sri Ravi Shankar Quotes in Hindi
श्री श्री रवि शंकर को आज कोन नहीं जानता। ध्यान और अध्यात्मिक चेतना को समस्त विश्व तक पहुचाने के उद्देश्य हेतू अध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर जी ने साल १९८१ को “आर्ट ऑफ लिविंग” संस्था को स्थापित किया था, जीवन जिना एक कला है जिसमे सकारात्मकता तथा ध्यान अहम किरदार निभाते है। उनके विचार हर किसी को प्रेरित करते हैं फिर चाहे वो बड़ा हो या छोटा। हर उम्र के लोगों के लिए वो एक प्रेरणा स्थान हैं। आज हम उन्ही के कहे कुछ अनमोल विचारों को आप के सामने प्रस्तुत कर रहे हैं। आशा हैं यह विचार आपके जीवन ख़ुशी से जीने के लिए फायदेमंद साबित होंगे।
श्री रविशंकर के सर्वश्रेष्ठ सुविचार – Sri Sri Ravi Shankar Quotes in Hindi
“दूसरो की सुने, फिर भी न सुने, अगर तुम्हारा दिमाग उनकी समस्याओ में उलझ जायेंगा, तो ना सिर्फ वो दुखी होंगे, बल्कि तुम भी दुखी हो जाओंगे।”
“जिनमे कोई यह नही जानता की एक दोस्त कब दुश्मन बन जाये या दुश्मन कब दोस्त बन जाये। इसीलिए हमेशा खुद पर भरोसा रखे।”
“प्यार में कभी गिरना नही चाहिये, प्यार में हमेशा आगे बढ़ना चाहिये।”
“भरोसा रखना की वहा आपकी कमजोरी को दूर करने के लिए कोई बैठा है। ठीक है, आप एक बार सोते हो, दो बार, तीन बार। ये कोई मायने नही रखता, मायने तो सिर्फ आपका आगे बढ़ना रखता है, इसीलिए कमजोरियों की चिंता किये बिना ही सतत आगे बढ़ते रहे।”
Sri Sri Ravi Shankar Thoughts
आध्यात्म गुरु श्री श्री रवि शंकर ”आर्ट्स ऑफ लिंविंग फाउंडेशन” के संस्थापक हैं, जिनका उद्देश्य विश्व भर में शांति कायम करना एवं लोगों को सकारात्मक बनाना है।
उन्होंने तनावमुक्त और हिंसामुक्त समाज की स्थापना के लिए पूरी दुनिया भर में आंदोलन भी चलाया है। वे अपने संगठनों के माध्यमों से दुनिया के कोने-कोने में लोगों से संपर्क साध रहे हैं और उन्हें सशक्त बना रहे हैं। उन्हें शांति दूत भी कहा जाता है।
श्री श्री रविशंकर जी के विचार प्रेरणा देने वाले और जीवन जीने की कला सिखाने वाले हैं। वहीं अगर कोई भी व्यक्ति श्री श्री रविशंकर जी के अनमोल विचारों का गंभीरता से अनुसरण करे तो वह अपने जीवन में सफलता जरुर हासिल कर सकता है।
वहीं आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में रविशंकर जी के अनमोल विचारों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आप अपनी सोशल मीडिया साइट्स पर भी शेयर कर सकते हैं।
“अस्वीकृति का मतलब अपने आप में ही सिमित रहना है।”
“कार्य करना और आराम करना जीवन के दो मुख्य अंग है। इनमे संतुलन स्थापित करने के लिए अपनी योग्यता का उपयोग करना चाहिये।
“मै आपको बताता हु, आपके भीतर एक परमानन्द का बसेरा है, प्रसन्नता का झरना है. आपके मूल के भीतर सत्य, प्रकाश और प्रेम है, वहा कोई अपराध नही होता, वहा किसी प्रकार का डर भी नही है। मनोवैज्ञानिको ने कभी इतनी गहराई में जाकर नही देखा।”
“जीवन प्रकृति के बनाये नियमो पर चलता है।”
Sri Sri Ravi Shankar Vichar
वैश्विक शांति को बढ़ावा देने एवं दुनिया भर में आध्यात्मिकता का प्रचार करने वाले महान मानववादि गुरु श्री श्री रवि शंकर के अनुयायी सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध हैं।
लोगों और समाज के हित के लिए काम करने वाले रविशंकर जी को भारत सरकार द्धारा पद्म विभूषण समेत कई बड़े पुरस्कारों से भी नवाजा जा चुका है।
आपको बता दें कि उन्होंने दुनिया भर में शांति कायम करने के लिए कई बड़े राजनैतिक और धार्मिक नेताओं से मुलाकात की और कई देशों का दौरा भी किया है।
इसके साथ ही उन्होंने जेल के कैदियों का जीवन बेहतर बनाने की दिशा में भी काम किया है। इसके अलावा वे हमेशा महिलाओं के विकास का मुद्दा और उनके साथ हो रहे अत्याचार के खिलाफ भी अपनी आवाज उठाते रहते हैं।
वहीं उनके द्धारा कहे गए अनमोल विचार मानवता का पाठ पढ़ाते हैं और अपना जीवन बेहतर बनाने के लिए प्रेरणा देते हैं।
“प्यार का रास्ता कोई उबाऊ रास्ता नही है। बल्कि ये तो मस्ती का मार्ग है। ये गाने का और नाचने का सबसे अच्छा मार्ग है।”
“मै आपको बताता हु की, आपके मस्तिष्क के अलावा कोई भी दुसरी चीज़ आपको परेशान नही कर सकती। हा, भले ही आपको ऐसा दिखाई देंगा की दुसरे आपको परेशान कर रहे हो लेकिन वह आपका मस्तिष्क ही होंगा।”
““आज” भगवान का दिया हुआ एक उपहार है – इसलिए इसे “गिफ्ट” कहते है।”
“ज्ञान बोझ है यदि वह आपके भोलेपन को छीनता है। ज्ञान बोझ है यदि वह आपके जीवन में एकीकृत नही है। ज्ञान बोझ है यदि वह प्रसन्नता नही लाता। ज्ञान बोझ है यदि वह आपको यह विचार देता है की आप बुद्धिमान है। ज्ञान बोझ है यदि वह आपको स्वतंत्र नही करता। ज्ञान बोझ है यदि वह आपको ये प्रतीत कराता है की आप विशेष है।”
Sri Sri Ravi Shankar Quotes
तमिलनाडु के रहने वाले श्री श्री रवि शंकर जी के महान विचारों और उपदेशों के माध्यम से न सिर्फ लोगों को डिप्रेशन से बाहर निकलने में मद्द मिलती है, बल्कि उनके अंदर आगे बढ़ने की हिम्मत भी आती है और आत्मविश्वास बढ़ता है।
श्री श्री रवि शंकर जी का मानना है कि जो बुद्दिमान होता है वह दूसरे की गलती से सीख लेता है और उस गलती को अपनी जिंदगी से कभी नहीं करता है, और जो थोड़ा कम बुद्धिमान होता है, वह खुद की गलतियों से सीखता है जबकि मूर्ख व्यक्ति एक ही गलती को बार-बार दोहराने के बाद भी उससे सबक नहीं लेते।
वहीं श्री श्री रवि शंकर जी के कुछ ऐसे ही अनमोल विचार जीवन में आपको अपने लक्ष्यों तक पहुंचने में मद्द करेंगे।
“श्रद्धा यह समझने में है की आप हमेशा वो पा जाते है जिसकी आपको जरुरत होती है।”
“चिंता करने से आपके जीवन में कोई बदलाव नही होंगा लेकिन काम करने से जरुर आप अपने आप को मजबूत बना सकते हो।”
“जीवन ऐसा कुछ नही है जिसके प्रति गंभीर रहा जाये, जीवन तुम्हारे हाथो में खेलने के लिए दी गयी एक गेंद के समान है, गेंद को कभी पकडे मत रखो।”
“हम अपने गुस्से को क्यों काबु में नही करते? क्योकि हमें पूर्णता से प्यार है। इसीलिए जीवन में थोड़ी सी जगह अपूर्णता को भी दे तभी आप अपने गुस्से पर काबू पा सकते हो।”
Sri Sri Ravi Shankar ji Quotes in Hindi
अध्यात्मिक गुरु एवं प्रेरणादायी विचारोके समाज मार्गदर्शक के तौर पर श्री श्री रविशंकर जी का भारत के साथ साथ समुचे विश्व मे एक अनुठा स्थान है, महाराज जी ने साल १९८१ मे अपने सेवाभावी कार्यकर्ताओ के साथ मिलकर “आर्ट ऑफ लिविंग ” नामक संस्था स्थापित की हुई है जो आज भारत के हर कोने कोने से लेकर समस्त विश्व मे जानी मानी संस्था के रूप मे विश्वविख्यात हुई है।
आर्ट ऑफ लिविंग इस संस्था के माध्यम से अध्यात्मिक चेतना के जागरण के साथ सामाजिक विषयो पर अमुल्य मार्गदर्शन किया जाता है, महाराज जी के सानिध्य मे मार्गदर्शन शिबिरो का देश विदेश मे सालभर आयोजन होता है जिसमे जीवन को जिना एक कला कहा गया है इसलिये जीवन के छोटे मोटे उलझनो को ध्यान योग और सकारात्मक विचारो के माध्यम से सुलझाने का प्रयोग होता है।
महाराज जी के कथन प्रभावशाली और सकारात्मकता से ओतप्रोत होते है, इस जानकारी पूर्ण लेख मे ईसी विषय पर आप सभी के लिये महाराज श्री के ऐसे ही चुनिंदा वचनो को संकलित कर लाये है जिन्हे पढकर आप जरूर विचारशील होने का प्रयास करेंगे साथ ही साथ एक अनमोल मार्गदर्शन की अनुभूती होगी।
“हमेशा आराम की चाहत में, तुम आलसी हो जाते हो। हमेशा पूर्णता की चाहत में पुम क्रोधित हो जाते हो। हमेशा अमीर बनने की चाहत में तुम लालची हो जाते हो।”
“शाश्वत इंतज़ार, अनंत धैर्य का होना बहोत जरुरी है। क्योकि जब आपके पास अनंत धैर्य होता है, तब आपको अपने पीछे भगवान को अनुभूति होती है। जबकी सतत प्रयास और कोशिश करते रहने से भी आप इसी जगह पर पहोच सकते हो।”
“यदि कोई आपको सबसे ज्यादा ख़ुशी दे सकता है तो वह आपको दुःख भी दे सकता है।”
“यदि आप खुद के दिमाग पर काबू पा सकते हो, तो आपमें पूरी दुनिया को जितने की काबिलियत है।”
“उस बात के लिए गुस्सा होना जो पहले से ही हो चुकी है, इसका कोई अर्थ नही है। आप हमेशा अपनी तरफ से पूरी कोशिश करते हो, नही करते तो बस आप घटित घटना को नए नजरिये से नही देखते।”
Sri Sri Ravi Shankar ke Anmol Vichar
महाराज श्री का जनम भारत के तामिळनाडू राज्य मे पापनासम नामक जगह पर हुआ था, इतवार को जनम होने के कारण इनका नाम “रवी ” रखा गया था, मतलब जो उर्जा और प्रकाश का स्त्रोत होता है। वर्तमान का महाराज श्री का कार्य सचमे हुबहू इस बातो से काफी मेल भी खाता है, महाराज श्री अहिंसा और सत्य के गांधीजी के विचारो को नाजदिकी तौर पर पालन करते है और उनपर इनका काफी प्रभाव शुरू से रहा है।
अध्यात्म और ध्यान ये दो बाते महाराज श्री के व्यक्तित्व मे मुख्यतः संलग्नित है साथ ही दर्शन शास्त्र पर उनका काफी अच्छा अभ्यास है, उनके मार्गदर्शन और शिबिरो मे किये जाने वाले ध्यान प्रयोगो मे ये चीजे साफ तरह से झलकती है।भारत के अलावा महाराज श्री ने अन्य देश जैसे पाकिस्तान, कोलोम्बिया, वेनेजुएला इत्यादी देशो मे शांती दूत के तौर पार अपना अनमोल मार्गदर्शन पहुचाया है, इनमे २०१५ साल मे क्युबा देश मे कोलोम्बिअन सरकार और गुरील्ल्ला मोमेंट मे शांती करार प्रस्थापित करने मे महाराज श्री की भूमिका काफी महत्वपूर्ण रही।
इसके अलावा वेनेजुएला मे उठा राजकीय विद्रोह और असंतुलित राजकीय व्यवस्था को ठीक करने के मद्देनजर महाराज श्री की मध्यस्ता काफी हद तक सफल रही, इसके अलावा इराक़ के यजिदी और अन्य गैर मुस्लीम समुदाय के अमन और समानता के हक़ के लिये भी महाराज श्री ने काफी सराह्नीयकार्य किया है।
“बुद्धिमान वह है जो औरो की गलती से सीखता है। थोडा कम बुद्धिमान वह है जो सिर्फ अपनी गलती से सीखता है। मुर्ख एक ही गलती बार-बार दोहराते रहते है और उनसे कभी नही सीखते।”
“अनंत मतलब सिमित चीजो या बातो को व्याप्त करना या विस्तृत करना है।”
“मानव विकास के दो चरण है – कुछ होने से कुछ ना होना, और कुछ ना होने से सबकुछ होना। यह ज्ञान दुनिया भर में योगदान और देखभाल ला सकता है।”
“जब भी आप अपना दुःख बाटते है, तो वह कम नही होता। जब आप अपनी ख़ुशी बाटने से रह जाते है, तो वह कम हो जाती है। अपनी समस्याओ को सिर्फ इश्वर को ही बताये, और किसी से नही। क्योकि ऐसा करने से आपकी समस्या बढेंगी। इसके विपरीत ख़ुशी सभी के साथ बाटनी चाहिये।”
Art of Living Quotes in Hindi
साल १९८१ से आर्ट ऑफ लिविंग संस्था ध्यान योग, अध्यात्म तथा पर्यावरण रक्षा पूरक शिबीर आयोजित करते आये है, जिसमे “ग्रीन अर्थ मिशन”, नदियो को स्वच्छ कर सुचारू करना, सेवाभावी कार्यकर्ता तैयार कर देश को अच्छे कार्यकर्ता उपलब्ध कराना इत्यादी सामाजिक कार्य शामिल है।
जीवन एक कला इस मुख्य विषय के माध्यम से तणाव रहित जीवन, विवाद के बजाय शांती पूर्ण ढंग से मसले सुलझाना, तथा अहिंसा के मार्ग से जीवन को व्यापन करने की शिक्षा प्रदान होती है, ध्यान तथा सकारात्मक सोच इसका मुख्य आधार होता है।
इस लेख के माध्यम से आपको महाराज श्री तथा अन्य महानुभावो के परम विचार साझा किये गये है जिनसे जरूर आपको विचारशीलता तथा जीवन को अलग नजरीये से देखने की इच्छाशक्ती जागृत होगी।
आज भगवान का दिया हुआ एक उपहार है, इसीलिए इसे “PRESENT” कहते है।
श्रद्धा यह समझने में है कि आप हमेशा वो पा जाते हैं जिसकी आपको ज़रुरत होती है।
आप अपने अंदर मौन को महसूस कीजिये, आपको शांति और बहुत सारा बल मिलेगा, अप्रतिबंधित प्रेम मिलेगा, तुम्हारी शोभा अनंत बनेगी, हमारी चेतना का यही स्वभाव है।
जब तुम अपने जीवन को पूजा मानने लगते हो तो प्रकृति तुम्हारी सभी इच्छाओं को पूरा करने लगती है।
आपका प्रिय दोस्त आपका दुश्मन बन सकता है और आपका दुश्मन, आपका दोस्त, इसलिए हमेशा खुद पर भरोसा रखें।
ख़ुशी कल मै नहीं ख़ुशी केवल आज मै है।
हमेशा आराम की चाहत में, तुम आलसी हो जाते हो, हमेशा पूर्णता की चाहत में तुम क्रोधित हो जाते हो, हमेशा अमीर बनने की चाहत में तुम लालची हो जाते हो।
जो सबसे मुर्ख व्यक्ति में भी ईश्वर को देख सकता है, उसकी दृस्टि से ईश्वर कभी दूर नहीं जा सकते।
जीवन प्रकृति के बनाये नियमो पर चलता है।
यदि आपको कोई बहुत ज्यादा ख़ुशी दे सकता है तो बहुत ज्यादा दुःख भी दे सकता है।
हम अपने गुस्से को क्यों काबु में नही करते? क्योकि हमें पूर्णता से प्यार है, इसीलिए जीवन में थोड़ी सी जगह अपूर्णता को भी दे तभी आप अपने गुस्से पर काबू पा सकते हो।
चाहत, या इच्छा तब पैदा होती है जब आप खुश नहीं होते, क्या आपने देखा है ? जब आप बहुत खुश होते हैं तब संतोष होता है, संतोष का अर्थ है कोई इच्छा ना होना।
स्वर्ग से कितना दूर? बस अपनी आँखें खोलो और देखो, तुम स्वर्ग में हो।
यदि आप खुद के दिमाग पर काबू पा सकते हो, तो आपमें पूरी दुनिया को जितने की काबिलियत है।”
बुद्धिमान वो है जो औरों की गलती से सीखता है, थोडा कम बुद्धिमान वो है जो सिर्फ अपनी गलती से सीखता है, मूर्ख एक ही गलती बार बार दोहराते रहते हैं और उनसे कभी सीख नहीं लेते।
“भरोसा तुम्हे यह अहसास दिलाता है की तुमने हमेशा वह पाया जिसे तुमने चाहा।”
“लाईफ मै मुश्किलों का आना एक पार्ट ऑफ़ लाईफ है, और उनका सामना करना आर्ट ऑफ लाइव्ह हैं।”
आज के परमाणु शक्ती से पूर्ण विश्व मे जहातक देशो दुनिया के बिच के विवाद शांती से सुलझे ये ही समुचे इंसानियत और मानव तथा अन्य जीवित वर्ग के लिये परम आवश्यक चीज है, जीवन को बोझ नही एक उपहार के रूप मे देखने की सोच विकसित करना महाराज श्री की तह दिल से मनीषा है और इसिके लिये वो दिलो जान से प्रयासरत है जो की सबके लिये कल्याणप्रद है।
ईसी समाज उपयोगी कार्यो के लिये महाराज श्री को पद्म विभूषण ये भारत का द्वितीय सर्वोच्च नागरी सन्मान भी भारत सरकार से प्राप्त हुआ है, इसके अलावा बडी संख्या मे भारत और समुचे विश्व मे महाराज श्री के उपदेश मार्ग पर चलने वाले लोग भी है जिन्होने जीवन जिना एक कला है ये सत्य स्वीकार कर इसको उन्नती मार्ग पर अग्रेसर किया है।
आशा है दिये हुये सभी महाराज जी के अनमोल कथन से आप जरूर अच्छी सिख लेकर इसे सकारात्मकता के साथ जीवन मे उतारने की कोशिश करेंगे और जीवन का मार्ग और खुबसुरत बनायेंगे, ऐसे ही अन्य महत्वपूर्ण जानकारी को पढते रहिये और हमसे जुडे रहे।
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