प्रतिभा पाटिल जी एक ऐसा व्यक्तित्व हैं, जिन पर हर भारतीय को गर्व है। वे आजाद भारत के सर्वोच्च पद पर आसीन होने वाली पहली महिला राष्ट्रपति एवं देश की 12 वीं राष्ट्रपति रह चुकी हैं।
इसके अलावा वे राजस्थान के पूर्व राज्यपाल, राज्यसभा के सदस्य एवं महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री के तौर पर भी अपनी सेवाएं दे चुकी हैं। यही नहीं प्रतिभा पाटिल जी एक सशक्त सामाजिक कार्यकर्ता के रुप में भी खुद को साबित कर चुकी हैं।
उन्होंने देश में महिलाओं, गरीबों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास के लिए भी कई महत्वपूर्ण काम किए हैं। तो आइए जानते हैं देश की प्रथम राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल जी के बारे में कुछ जरूरी बातें-
पहली महिला राष्ट्रपति बनकर इतिहास रचने वाली प्रतिभा पाटिल जी का जीवन परिचय – First Woman President Of India Pratibha Patil Biography in Hindi
एक नजर में –
पूरा नाम (Name) | श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल |
जन्म (Birthday) | 19 दिसम्बर 1934, नदगांव, महाराष्ट्र |
पिता (Father Name) | नारायण राव पाटिल |
पति (Husband Name) | देवसिंह रनसिंह शेखावत |
बच्चे (Childerns) | राजेन्द्र सिंह , ज्योति राठोड़ |
शिक्षा (Education) | एल.एल.बी. (वकील) |
जन्म, शिक्षा एवं शुरुआती जीवन –
देश की पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल जी 19 दिसम्बर, 1934 में महाराष्ट्र के जलगांव में जन्मीं थी। इनके पिता नारायण राव पाटिल एक राजनेता थे, वहीं प्रतिभा पाटिल जी भी अपने पिता से प्रभावित होकर राजनीति में शामिल हुईं थीं।
शिक्षा –
उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई जलगांव के ही आर.आर. स्कूल से की थी। इसके बाद पुणे यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड कॉलेज मूलजी जेठा कॉलेज से उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन की डिग्री ली और फिर प्रतिभा जी ने लॉ की पढ़ाई मुंबई के सरकारी कॉलेज से की।
इसके बाद उन्होंने राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र में मास्टर की डिग्री हासिल की। प्रतिभा पाटिल शुरु से ही बहुमुखी प्रतिभा वाली व्यत्तित्व रही हैं। वे शिक्षा के साथ-साथ संगीत और खेल-कूद में भी आगें थी। आपको बता दें कि प्रतिभा जी टेबिल टेनिस की एक शानदार खिलाड़ी रही हैं।
उन्होंने एक टेबल टेनिस प्लेयर के रुप में अपने कॉलेज और यूनिवर्सिटी का कई बार प्रतिनिधित्व किया और जीत भी दर्ज की थी। इसके अलावा आपको यह भी बता दें कि 1962 में एमजे कॉलेज में उन्होंने कॉलेज की ”ब्यूटी क्वीन’ का भी खिताब जीता था।
विवाह एवं बच्चे –
प्रतिभा पाटिल जी ने 31 साल की उम्र में साल 1965 में देवसिंह रनसिंह शेखावत जी से शादी कर ली थी। शादी के बाद उन्हें एक बेटा और बेटी भी हुई, जिनका नाम राजेन्द्र सिंह और ज्योति राठौड़ है।
राजनैतिक सफर –
राजनीति में आने से पहले प्रतिभा जी सामाजिक कार्यों से जुड़ी हुईं थी। उनका राजनैतिक सफर 1962 में शुरु हुआ, उस दौरान उन्हें महाराष्ट्र के जलगांव सीट से विधानसभा सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया था।
साल 1962 से साल 1967 तक लगातार 4 साल तक पाटिल जी मुक्तिनगर विधानसभा सीट से कांग्रेस की तरफ से जीत दर्ज करती रहीं और MLA के पद पर शोभायमान रहीं। साल 1967 से साल 1972 तक प्रतिभा पाटिल जी ने महाराष्ट्र के राज्यमंत्री के तौर पर जन स्वास्थ्य, संसदीय कार्य, आवास, पर्यटन जैसे महत्वपूर्ण विभागों को संभाला।
साल 1972 में प्रतिभा पाटिल ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में फिर से जीत हासिल की और इस दौरान उन्होंने महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट मंत्री के रुप में अपनी प्रमुख भूमिका निभाई। उन्होंने समाज कल्याण, पर्यटन और आवास विभागों की जिम्मेंदारी निभाई।
साल 1974 से 1975 में प्रतिभा पाटिल जी ने महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री के तौर पर जनस्वास्थ्य मंत्रालय एवं समाज कल्याण मंत्रालय संभाला। साल 1975 से 1976 के बीच प्रतिभा पाटिल जी ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर पुर्नवास एवं सांस्कृतिक मामलों का विभाग संभाला।
साल 1979 से 1980 तक प्रतिभा पाटिल जी महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष की लीडर रहीं। साल 1980 में प्रतिभा पाटिल जी ने महाराष्ट्र विधानसभा में पांचवी बार फिर से जीत दर्ज की।
साल 1982 से 1985 तक प्रतिभा पाटिल ने महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री के रुप में समाज कल्याण, ग्रामीण विकास और नागरिक आपूर्ति एवं आवास मंत्रालयों का कार्यभार कुशलतापूर्वक संभाला। साल 1986 में प्रतिभा पाटिल ने राज्यसभा में उपसभापति का पद बखूबी संभाला।
साल 1990 तक अपना कार्यकाल खत्म होने तक वे राज्यसभा में रहीं। साल 1991 में प्रतिभा पाटिल जी पहली बार अमरावती निर्वाचन क्षेत्र से संसद सदस्य बनीं। साल 2004 में प्रतिभा पाटिल जी की योग्यताओं और पार्टी के प्रति प्रतिबद्धता को देखते हुए उन्हें राजस्थान के 24 वें राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया।
उस दौरान राजस्थान में बीजेपी की सरकार थी और वसुंधरा राजे सिंधियां मुख्यमंत्री थीं। वे इस पद पर 2007 तक विराजित रहीं। इस दौरान राजस्थान के गुर्जर आंदोलन के दौरान प्रतिभा पाटिल जी ने बेहद सूझबूझ और समझदारी से काम किया एवं राजस्थान में बीजेपी की लोकतांत्रिक सरकार के साथ मजबूती से खड़ी रहीं।
साल 2007 से 2012 तक प्रतिभा पाटिल जी ने देश के सर्वोच्च पद पर पहली महिला राष्ट्रपति के रुप में देश का प्रतिनिधित्व किया। इनसे पहले राष्ट्रपति के पद पर ”मिसाइल मैन” एपीजे अब्दुल कलाम आसीन थे।
दरअसल, अब्दुल कलाम ने अपने दूसरे राष्ट्रपति के कार्यकाल को लेकर अनिच्छा जताई थी, जिसके बाद यूपीए द्वारा राष्ट्रपति पद के लिए प्रतिभा पाटिल के नाम का प्रस्ताव रखा गया। वहीं राष्ट्रपति चुनाव में प्रतिभा पाटिल ने अपने प्रतिद्धंदी भैरोंसिह शेखावत को 3 लाख से भी ज्यादा वोटों से हराया था।
राष्ट्रपति चुनाव के दौरान भैरों सिंह शेखावत को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का समर्थन मिला था, जबकि शिवसेना (जो एनडीए का हिस्सा थी) के संस्थापक बाल ठाकरे ने प्रतिभा पाटिल को राष्ट्रपति बनाने पर समर्थन दिया था, क्योंकि वे मराठी मूल की थीं।
सामाजिक कार्यकर्ता के रुप में –
प्रतिभा पाटिल जी ने खुद को न सिर्फ एक अच्छे राजनेता के रुप में पेश किया, बल्कि वे वे हमेशा सामाजिक कार्यों से भी जुड़ी रही हैं। उनके द्वारा किए गए महत्वपूर्ण सामाजिक काम इस प्रकार हैं- देश की पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल जी ने महिलाओं के लिए महिला होम गार्ड की स्थापना की।
इसके साथ ही गरीब और जरुरतमंद महिलाओं के लिए संगीत, कंप्यूटर एवं सिलाई की ट्रेनिंग क्लासेस भी खुलवाईं। प्रतिभा पाटिल जी ने मुंबई और दिल्ली में अपने घर से दूर रहने वाली वर्किंग महिलाओं के लिए हॉस्टल खुलवाए।
अपनी हर जिम्मेदारी को बखूबी अंजाम देने वाली पाटिल जी ने शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गरीब और पिछड़े वर्गों के बच्चों के लिए नर्सरी स्कूल की भी स्थापना की। प्रतिभा पाटिल जी ने जनजाति युवाओं के लिए जलगांव में इंजीनियरिंग कॉलेज की भी स्थापना की।
प्रतिभा पाटिल जी ने अमरवती में नेत्रहीनों के लिए ‘औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान’ की स्थापना की। प्रतिभा पाटिल जी ने श्रम साधना ट्रस्ट की कार्यकारी ट्रस्टी के तौर पर भी कई महत्वपूर्ण काम किए।
जलगाँव शुगर फ़ैक्ट्री की अध्यक्षता के तौर पर भी कई सुधार काम किए एवं सरकारी निकाय के रूप में ‘महिला विकास मण्डल’ स्थापित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। देश की पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल जी ने जलगाँव में ‘महिला कोऑपरेटिव बैंक’ की स्थापना की।
अमरावती में प्रतिभा पाटिल जी ने किसानों को अच्छी फसल उगाने की वैज्ञानिक तकनीकें सिखाने के लिए ”कृषि विज्ञान केन्द्र” की स्थापना की।
प्रतिभा पाटिल जी ने देश के सर्वोच्च पद पर पहली महिला राष्ट्रपति के रुप में आसीन होकर न सिर्फ इतिहास रचा बल्कि महिलाओं सशक्तिकरण का एक सर्वोत्तम उदाहरण साबित हुईं। प्रतिभा पाटिल जी हर महिला के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं।