जब बात Management की आती है, तो हमारे सामने २ कोर्स आते है, MBA और PGDM, और कई बच्चे confuse होते है कि MBA करना चाहिए या PGDM. इसी बात को ध्यान मे रखते हुए हम बात करने वाले है MBA और PGDM दोनों के बारे मे, जिससे आपको एक अच्छा idea मिल जाएगा, और आप डिसाइड कर पाओगे कि आपको क्या करना है।
MBA मतलब Masters of Business Administration और PGDM का मतलब है Post Graduate Diploma in Management. अच्छे अच्छे कॉलेज ये प्रोग्राम लेते है, स्टूडेंट्स को Management पढ़ाने के लिए। इन Programs मे कई समानताए होंगी, पर कई मायने मे ये programs अलग भी है। तो आइए देख लेते है दोनों के बीच क्या फर्क है।
१. डिग्री और डिप्लोमा
MBA एक डिग्री है, जो Universities द्वारा दी जाती है, और वही PGDM एक डिप्लोमा है, जो आपको AICTE approved इंस्टिट्यूट से मिलता है। तो अगर आप डिग्री करना चाहते है, तो आप MBA के साथ जा सकते है, और अगर डिप्लोमा करना चाहते है, तो PGDM सही होगा।
२. Syllabus
MBA का Syllabus फिक्स होता है, Universities के हिसाब से, वही PGDM के Syllabus मे थोड़ी Flexibility देखने मिलती है, ट्रेंड के हिसाब से बदल होते रहते है। PGDM से आपको इंडस्ट्री focused और ज्यादा Practical चीज़े सीखने मिलती है।
३. Duration
वैसे तो MBA २ साल का होता है, जबकि PGDM १ से २ साल के बीच होता है। अगर आप जल्दी कोर्स खत्म करना चाहते है, तो PGDM के साथ जा सकते है।
४. सैलरी और फ्यूचर Opportunities.
दोनों मे अच्छी सैलरी और opportunities मिलती है, पर कुछ जगह MBA वालों को ज्यादा सैलरी दी जाती है, खास कर अगर वो टॉप कॉलेज से हो।
आपके लिए क्या होगा बेस्ट?
इस सवाल का जवाब आपके ऊपर निर्भर करता है। अगर आप डिग्री करना चाहते है, Knowledge पाना चाहते है, तो MBA सही होगा, लेकिन प्रैक्टिकल और इंडस्ट्री के हिसाब से चाहते है, तो PGDM सही होगा। आपके हिसाब से आप कोर्स डिसाइड कर सकते है, क्योंकि आज दोनों की अच्छी value है।