मानव अधिकार पर निबंध – Essay on Human Rights in Hindi

Essay on Human Rights in Hindi

मानव अधिकार के तहत मनुष्य को वे सभी अधिकार दिए जाते हैं, जिनकी उन्हें जीवन जीने के लिए जरूरत पड़ती है। मानव अधिकारों का सीधा संबंध, किसी व्यक्ति के जीवन, स्वतंत्रता, समानता, प्रतिष्ठा आदि से होता है। मानव अधिकार नैतिक सिंद्धांत के रुप में भी जाने जाते हैं, जो हर व्यक्ति के व्यवहार एवं प्रतिष्ठा को दर्शाते हैं।

इसके साथ ही यह अधिकार कानून द्धारा सुरक्षित अधिकार है और सार्वभौमिक हैं, जो कि हर समय हर जगह लागू होते हैं। मानव अधिकारों की खास बात यह होती है कि यह हर मनुष्य के लिए एक सामान होते हैं, क्योंकि इन्हें जाति, धर्म, लिंग, पंथ, स्थान, राष्ट्र आदि की फिक्र किए हुए सभी व्यक्ति को सामान रुप से दिया जाता है।

वहीं मानव अधिकारों के प्रति विद्यार्थियों को जागरूक करने के उद्देश्य से एवं उनके लेखन कौशल में सुधार करने के लिए स्कूल में आयोजित प्रतियोगी परिक्षाओं अथवा निबंध लेखन प्रतियोगिताओं में इस विषय पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है, इसलिए आज हम आपसे अपने इस आर्टिकल में इस पर निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं, जो के इस प्रकार है –

Essay on Human Rights in Hindi

मानव अधिकार पर निबंध – Essay on Human Rights in Hindi

प्रस्तावना

मानव अधिकार के तहत व्यक्ति को जीवन जीने के लिए वे सारे अधिकार दिए जाते हैं, जो कि उनके व्यवहार को दर्शाता है।

नैतिक सिद्धांत वाले मानव अधिकार को व्यक्ति को किसी भी धर्म को अपनाने की स्वतंत्रता दी जाती है, इसके साथ ही मानव अधिकार के तहत व्यक्ति को शिक्षा का अधिकार, भेदभाव से स्वतंत्रता, समानता का अधिकार, निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार, नागरिक अधिकार, राजनीतिक अधिकार आदि दिए जाते हैं।

मानव अधिकार दिवस कब और कैसे मनाया जाता है – Human Rights Day

सफल जिंदगी का निर्वहन करने के लिए मनुष्यों को कुछ अधिकार दिए गए हैं, जिससे मनुष्य के जीवन, सामाजिक प्रतिष्ठा, स्वतंत्रता, समानता आदि सीधे तौर पर जुड़े हुई हैं, और इन्हीं अधिकारों को मानवीय अधिकारों के रुप में भी जाना जाता है।

इसके साथ ही आपको बता दें कि 28 सितंबर, 1993 को भारत में मानव अधिकार कानून को अमल में लाया गया था, लेकिन 12 अक्टूबर साल 1993 में सरकार ने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का गठन किया था।

जबकि सुंयक्त राष्ट्र महासभा द्धारा 10 दिसंबर, 1948 को घोषणा पत्र को मान्यता दी गई थी, इसलिए हर साल 10 दिसंबर को मानव अधिकार दिवस के रुप में मनाया जाता है, इससे लोगों को अपने अधिकारों की शक्ति समझने में मद्द मिलती है।

मानव अधिकार दिवस पर लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने और इसके महत्व को समझाने के उदेश्य से कई तरह के सांस्कृतिक, राजनीतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
प्रदर्शनी लगाई जाती है। इसके अलावा वाद-विवाद प्रतियोगिताएं भी आयोजित करवाई जाती है, जिसमें मानव अधिकार के विषय पर खुलकर चर्चा होती है।

मानव अधिकार दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में सरकारी अथवा प्राइवेट दोनों संगठन के लोग बढ़चढ़ अपनी भागदारी निभाते हैं। मानव अधिकार दिवस को मनाने का मुख्य मकसद लोगों के जीवन स्तर में सुधार करना एवं समाज से गरीबी को पूरी तरह हटाना है।

मानवाधिकारों का उल्लंघन:

मानव अधिकार सार्वभौविक है, जिन्हें अलग-अलग कानून द्धारा सुरक्षित रखा गया है, लेकिन सरकार के मंत्रियों, व्यक्ति के ग्रुप एवं कई लोगों के द्धारा इन अधिकारों की अवहेलना की जाती है।

उदाहरण के तौर पर जब पुलिस मजरिम या आरोपी से पूछताछ करती है तो रोक लगाने के बाबजूद भी मारपीट करती है, जिसके तहत यातना की आजादी का उल्लंघन किया जाता है।

इसी प्रकार बेटियों को अभी भी पूर्ण रुप से परिवार द्धारा स्वतंत्रता नहीं दी गई है। इसके अलावा गुलामी और दास प्रथा का आज भी अवैध तरीके से चलाई हैं, कई बच्चों को गुलाम बनाकर बाल श्रमिक की तरह उनसे काम करवाया जाता है, जिससे मानव अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है।

वहीं मानव अधिकारों का पालन नहीं करने वालों पर शिकंजा कसने के लिए कई तरह की सरकारी और निजी संगठनों का गठन किया गया है, जो अपने-अपने स्तर पर इसके खिलाफ जांच करते हैं।

मानव अधिकार के प्रकार – Types of Human Rights

मानव अधिकार, समस्त प्राणियों को उनके जीवन जीने के लिए सामान रुप से दिए गए हैं। यह निर्विवाद अधिकार होते हैं,जो कि जाति, धर्म, लिंग, पंथ,राष्ट्रीयता आदि की परवाह किए बिना हर व्यक्ति को दिए जाते है। मानव अधिकारों का हर व्यक्ति स्वाभाविक रुप से हकदार होता है। वहीं कुछ बुनियादी एवं सार्वभौमिक मानवअधिकार इस प्रकार हैं –

• जीवन का अधिकार

इस पृश्वी पर रहने वाले समस्त प्राणी को जीवित रहने का अधिकार है, वहीं अगर किसी व्यक्ति द्धारा किसी की हत्या की जाती है तो उसे कानूनन, फांसी अथवा मृत्यु दंड तक की सजा देने का प्रावधान है।

• निजी सुरक्षा का अधिकार

सार्वभौमिक मानव अधिकार के तहत सभी व्यक्ति को निजी सुरक्षा का अधिकार दिया गया है, इसके तहत सभी व्यक्ति को खुद की सुरक्षा कैसे करना है, इसके बारे में पता होना चाहिए।

• निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार

अगर कोई व्यक्ति गलत तरीके से किसी आरोप में फंस जाता है तो उसके लिए निष्पक्ष अदालत द्धारा, निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार है। इसके तहत एक निश्चित समय अवधि के दौरान कोर्ट में सुनवाई होती है, और अंतरिम फैसला जज के हाथों में होता है।

• बोलने एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार

मानव अधिकार के तहत हर व्यक्ति को अपना पक्ष रखने का अधिकार है । वह किसी भी मुद्दे पर खुलकर चर्चा करने के लिए स्वतंत्र है, हांलाकि इस अधिकार के तहत इस बात को ध्यान रखना जरूरी है कि आपके वाक से किसी दूसरे व्यक्ति की भावना एवं चरित्रता का हनन न हो। बोलने के अधिकार की कुछ सीमा तय की गई हैं, जिसमें अश्लीलता, भड़काऊं बातें, दंगे भड़काना आदि हैं।

• व्यक्तिगत सुरक्षा का अधिकार

सभी लोगों की सुरक्षा को लेकर हर देश की सीमा में सैनिक तैनात होते हैं, जो किसी होने वाले हमला और किसी भी अनैतिक गतिविधि को रोकने का काम करते हैं।

• खुद की संपत्ति रखने का अधिकार

मानवाधिकार के तहत हर नागरिक को अपनी संपत्ति रखने का अधिकार है। व्यक्ति अपनी इच्छानुसार कहीं भी प्रॉपर्टी खऱीद सकता है एवं बेच सकता है, हालांकि इसके भी कुछ नियम हैं।

• अत्याचार से स्वतंत्रता का अधिकार

अंतराष्ट्रीय कानून के अंतर्गत हर नागरिक को किसी भी तरह के अत्चायार से स्वतंत्रता का अधिकार है।

• गुलामी से स्वतंत्रता का अधिकार

मानव अधिकार के तहत हर नागरिक को गुलामी से आजादी का अधिकार दिया गया है। हालांकि, अभी भी कई स्थानों पर लोग गुलाम प्रथा लागू है।

• शिक्षा का अधिकार

हर नागरिक को शिक्षा ग्रहण करने का अधिकार दिया गया है, प्रत्येक नागरिक किसी भी उम्र में शिक्षा लेने के लिए स्वतंत्र है।

• विवाह और परिवार का अधिकार

हर व्यस्क नागरिक को अपनी इच्छानुसार विवाह करने की स्वतंत्रता प्राप्त है, और अपनी फैमिली बढ़ाने का अधिकार प्राप्त है। हालांकि बाल विवाह करने पर प्रतिबंध है।

• अपराध सिद्द न होने पर निर्दोष माने जाने का अधिकार

मानव अधिकार के तहत किसी भी नागरिक पर अगर किसी अपराध में संल्गन होने का आरोप है तो उसे मुजरिम साबित नहीं किया जा सकता है, वह अपराध साबित नहीं होने तक बेकसूर माना जाता है।

• मनमानी गिरफ्तारी और निर्वासन से स्वतंत्रता का अधिकार

मानव अधिकार के तहत किसी भी व्यक्ति को मनमानी तरीके से गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है,इसके लिए पहले व्यक्ति का सबूतों के आधार पर कोर्ट द्धारा दोषी होना जरूरी होता है।

• शांतिपूर्ण विधानसभा और संघ का अधिकार

मानव अधिकार के तहत शांतिपूर्ण तरीके से विधानसभा का गठन करने का अधिकार भी दिया गया है और संघ को बनाने का अधिकार प्राप्त है।

• राष्टीयता और इसे बदलने की स्वतंत्रता का अधिकार

मानव अधिकार के तहत कोई भी शख्स किसी भी देश की राष्ट्रीयता प्राप्त करने का हकदार है, हालांकि इसके लिए कुछ नियम-कानून है, जिन पर अमल करने की आवश्यकता है।

• भाषण देने की अथवा भाषण सुनने की स्वतंत्रता

मौलिक अधिकार के तहत दी गई अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार के तहत किसी भी नागरिक को किसी भी मुद्दे पर अपने विचार रखने की स्वतंत्रता प्राप्त है।

• भेदभाव से स्वतंत्रता

मानव अधिकार के तहत सभी नागरिकों को जाति, धर्म, लिंग, पंथ, राष्ट्रीयता आदि के फिक्र किए बिना एक सामान अधिकार दिए गए हैं।

• विचारधारा की स्वतंत्रता

दुनिया के सभी नागरिकों को सोचने की पूरी आजादी दी गई है, हर शख्स अपने बुद्धि, विवेक के अनुसार किसी भी विषय पर सोचने के लिए पूर्ण रुप से स्वतंत्र है।

• संघ और सूचना का अधिकार

मानव अधिकारों के तहत सूचना का अधिकार महत्पूर्ण है, इसके तहत कोई भी व्यक्ति दुनिया के किसी भी कोने में घटित घटना आदि की जानकारी देने के लिए स्वतंत्र है, हालांकि, रेप जैसे मामलों में पीडि़त की पहचान नहीं बताई जाती है, क्योंकि इससे पीडि़त की भावना और उसकी सामाजिक प्रतिष्ठा पर ठेस पहुंच सकती है।

• धर्म, विश्वास और आंदोलन की स्वतंत्रता का अधिकार

दुनिया के हर शख्स को अपने इच्छा और पसंद के अनुसार किसी भी धर्म का पालन करने की आजादी दी गई है। इसके अलावा एक धर्म अपनाने के बाद, इसे बदलने का भी अधिकार प्राप्त है।

• अवकाश और रेस्ट करने की आजादी

मानव अधिकार के तहत हर व्यक्ति को विश्राम करने की स्वतंत्रता हैं, अपने सामर्थ्य के मुताबिक व्यक्ति अपनी मनमर्जी से काम कर सकता है।

• सामाजिक सुरक्षा का अधिकार

मानव अधिकार के तहत हर व्यक्ति को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की गई है।

• सही तरीके से जीने का अधिकार

सार्वभौमिक मानव अधिकार के तहत प्रत्येक नागरिक को जिंदगी जीने का अधिकार प्राप्त है

• सक्षम न्यायाधिकरण स्वतंत्रता का अधिकार

मानव अधिकार के तहत सक्षम न्यायाधिकरण स्वतंत्रता का अधिकार दिया गया है।

• समाज,समुदाय के सांस्कृतिक जीवन में हिस्सा लेने का अधिकार

मानव अधिकार के तहत हर व्यक्ति को सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों में हिस्सा लेने का अधिकार प्राप्त है।

इस प्रकार हमारे भारत देश में प्रत्येक व्यक्ति को कई प्रकार की स्वतंत्रता प्रदान की गई है और यह उसके मानव अधिकार है।

उपसंहार

मानव अधिकार के तहत ही व्यक्ति को सही तरीके से अपना जीवन यापन करने में मद्द मिलती है, इसलिए इन अधिकारों के महत्व को समझना चाहिए और इनका उल्लंघन नहीं किया जाना चाहिए। इसके साथ ही हर नागरिक को मानव अधिकारों की अवहेलना के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करनी चाहिए।

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