किशोर दा की जीवनी

किशोर कुमार फिल्म जगत की एक ऐसी शख्सियत थे, जिन्होंने कई सालों तक बॉलीवुड में अपनी गायकी और अदाकारी के माध्यम से राज किया। वे एक महान पार्श्वगायक (प्लेबैक सिंगर) होने के साथ-साथ बेहतरीन अभिनेता, फिल्म डायरेक्टर, कलाकार, म्यूजिशयन, कॉमेडियन भी थे।

किशोर कुमार संगीत क्षेत्र की वो हस्ती है जिनका नाम कभी भुलाया नहीं जा सकता। लोग आज भी किशोर कुमार जी के गानों को उतनी ही प्यार देते है, उनकी आवाज में एक जादू था। उनके द्वारा गाए गए गीत आज भी लोगों के जुंबा पर चढ़ रहते हैं।

आपको बता दें कि उन्होंने बेस्ट प्लेबैक सिंगर के तौर पर 8 फिल्म फेयर अवॉर्ड जीतकर एक रिकॉर्ड बनाया था, वहीं उनके रिकॉर्ड को आज तक कोई नहीं तोड़ सका है, तो आइए जानते हैं किशोर दा की जीवनी-

जानिए महान पार्श्वगायक एवं अद्भुत कलाकार किशोर दा की जीवनी – Kishore Kumar Biography in Hindi

Kishore Kumar

एक नजर में –

मशहूर नाम (Name) किशोर कुमार
बचपन का नाम (Real Name) आभास कुमार गांगुली
जन्म (Birthday) 4 अगस्त 1929, खंडवा, मध्यप्रेदश, ब्रिटिश भारत
पिता (Father Name) कुंजलाल गांगुली (गंगोपाध्याय) वकील
माता (Mother Name) गौरी देवी
शैक्षणिक योग्यता (Education) ग्रेजुएशन
मृत्यु (Death)  13 अक्टूबर, 1987, बॉम्बे, महाराष्ट्र

जन्म, परिवार, शिक्षा एवं शुरुआती जीवन –

बॉलीवुड जगत में अपनी गायकी और एक्टिंग का लोहा मनवाने वाले महान अभिनेता किशोर कुमार 4 अगस्त, 1929 को मध्यप्रदेश के एक छोटे से कस्बे खंडवा में एक बंगाली परिवार में आभास कुमार गांगुली के रुप में जन्में थे। इनके पिता कुंजीलाल गंगोपध्याय एक वकील थे।

वहीं इनकी मां गौरा देवी एक घरेलू महिला थीं। किशोर कुमार के अलावा उनके दो बड़े भाई अनूप कुमार एवं अशोक कुमार थे व एक बहन सती देवी भी थी।

किशोर कुमार को फिल्मों में दिलचस्पी अपने भाईयों की वजह से आई, दरअसल जब वे काफी छोटे थे, तभी उनके बड़े भाई अशोक कुमार बॉलीवुड फिल्म जगत में एक स्थापित एक्टर के रुप में अपनी धाक जमा चुके थे, और फिर बाद में उनके भाई अनूप कुमार भी में अभिनय करने लगे थे।

शायद इसलिए किशोर दा को कम उम्र में ही फिल्मों में भी काम करने का मौका प्राप्त हो सका था। वहीं किशोर दा मशहूर सिंगर के.एल सहगल की गायकी के अंदाज के काफी कायल थे और उन्हें अपना गुरु मानते थे।

किशोर दा की शुरु से ही रुचि पढ़ाई से ज्यादा फिल्में देखने, एक्टिंग और संगीत में लगती थी, इसलिए उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा तो अपने कस्बे के ही प्राथमिक स्कूल से ही की। फिर इसके बाद उन्होंने मध्यप्रदेश के ईसाई कॉलेज इंदौर से अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की है। 

विवाह एवं निजी जीवन –

किशोर दा ने अपने जीवन में चार शादियां की, उन्होंने पहली पहली शादी 1951 में एक बंगाली एक्ट्रेस और सिंगर रुमा घोष से की थी। इस शादी के बाद उन्हें एक बेटा भी हुआ, वह भी बॉलीवुड एक्टर, डायरेक्टर, सिंगर और म्यूजिक डायरेक्टर हैं।

हालांकि उनकी पहली शादी ज्यादा दिनों तक नहीं चल सकी महज 7 साल बाद 1958 में ही दोनों का तलाक हो गया। इसके बाद किशोर दा ने बॉलीवुड की सबसे खूबसूरत एवं मशहूर अभिनेत्री मधुबाला से 1960 में शादी कर ली। लेकिन शादी के कुछ सालों बाद ही मधुबाला की दिल की बीमारी की वजह से मौत हो गई।

जिसके बाद दिलीप कुमार काफी दुखी रहने लगे थे। वहीं तीसरी बार फिर से किशोर दा ने शादी करने का निर्णय लिया और 1976 में वे योगिता बालि के साथ शादी के बंधन में बंध गए। आपको बता दें कि योगिता बाली भी फिल्म जगत से तालोक्कात रखतीं थी, हालांकि यह शादी महज 2 साल ही चल सकी।

इसके बाद साल 1980 में जब किशोर दा की उम्र 51 साल थी, तब उन्होंने एक बार फिर से यानि की चौथी बार लीना चंदावरकर से विवाह कर लिया। और इस शादी से उन्हें सुमित कुमार नाम का बेटा प्राप्त हुआ। इस तरह किशोर दा का निजी जीवन भी किसी फिल्म की दिलचस्प कहानी से कम नहीं रहा है।

फिल्मी और सिंगिग करियर –

किशोर दा ने ”बॉम्बे टॉकीज” में को-एक्टर के रुप में अपनी एक्टिंग की करियर की शुरुआत की थी, यहां पहले उनके बड़े भाई अशोक कुमार भी काम करते थे। आपको बता दें कि मुंबई यात्रा के बाद ही उन्होंने अपना नाम बदलकर आभास कुमार से ”किशोर कुमार” रख लिया था।

किशोर दा का अभिनेता और गायक के रुप में डेब्यू:

किशोर दा ने साल 1946 में महज 17 साल की उम्र में फिल्म शिकारी में पहली बार एक फिल्म अभिनेता के तौर पर अपना डेब्यू किया था, जबकि साल 1948 में किशोर दा ने एक सिंगर के तौर पर पहली बार फिल्म जिद्दी के लिए ”मरने की दुआएं क्यों मांगू” गाना गाया था।

इसके कुछ दिनों बाद भी किशोर दा ने अपने अभिनय के अंदाज से बॉलीवुड की दुनिया में अपनी एक अलग धाक बना ली थी। इसके बाद उन्होंने फिल्म मुसाफिर, नौकरी, आंदोलन जैसी फिल्मों में मुख्य भूमिका निभाई। इस दौरान उन्हें अपनी एक्टिंग के लिए दर्शकों से काफी प्यार और प्रशंसा भी मिली थी।

प्लेबैक सिंगिंग का उनका हुनर फिल्म मशाल के दौरान सबसे सामने आया और फिर इसके बाद फिल्म नौ दो ग्यारह, मुनिजी समेत कईी फिल्मों के लिए प्लेबैक सिंगिंग के लिए एक के बाद एक ऑफर मिलने लगे।

मशहूर कॉमेडी फिल्में

किशोर दा की छवि लोगों के बीच एक अच्छे प्लैबेक सिंगर के रुप में ही नहीं थी, बल्कि उन्होंने अपनी शानदार अदाकारी से भी लाखों प्रशंसकों के दिल में अपने  लिए जगह बनाई थी।

किशोर कुमार के द्वारा किए गए कॉमेडी रोल को दर्शकों द्वारा खूब पसंद किया जाता था। फिल्म पड़ोसन, हाफ टिकट, नई दिल्ली, आशा, चलती का नाम गाड़ी में वे कॉमेडी भूमिकाओं में नजर आए, जिसे लोगों द्वारा खूब सराहा गया।

फिल्म डायरेक्टर के रुप में किशोर दा:

1960 के दशक में किशोर दा ने फिल्म डायरेक्टर के तौर पर फिल्म जगत में अपनी किस्मत आजमाई और वे इसमें काफी हद तक सफल भी हुए।

आपको बता दें कि उन्होंने साल 1961 में रिलीज हुई फिल्म झुमरू के लिए फिल्म अभिनेता, सिंगर, प्रोड्यूसर, म्यूशियन, और डायरेक्टर के तौर पर काम किया। इसके अलावा किशोर दा ने फिल्म ”दूर वादियों में कहीं”, और दूर का राही फिल्मों में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।

सुपरहिट गाने –

वैसे तो किशोर दा के द्वारा गाए सुपरहिट गानों की लंबी फेहरिस्त है जिनमें से हम आपको कुछ उपलब्धकरवा रहे हैं।

साल फ़िल्म गाना
1986 सागर सागर किनारे
1985 शराबी मंजिलें अपनी जगह हैं
1984 अगर तुम न होते अगर तुम न होते
1983 नमक हलाल पग घुंघरू बाँध
1981 थोड़ी सी बेवफाई हज़ार राहे मुड़के देखीं
1979 डॉन खइके पान बनारस वाला
1976 अमानुष दिल ऐसा किसी ने मेरा तोड़ा
1970 आराधना रूप तेरा मस्ताना
1958 चलती का नाम गाड़ी एक लड़की भीगी भागी सी

इसके अलावा 1960 के दशक में किशोर कुमार का फिल्म ज्वेल थीफ का गाना “ये दिल ना होता बेचारा”, फिल्म गाइड का गाना “गाता रहे मेरा दिल” को काफी प्रसिद्धि मिली थी।

राजनीति में किशोर दा:

किशोर दा एक बहुमुखी प्रतिभा वाले शख्सियत थे, जो कि न सिर्फ एक अभिनेता, डायरेक्टर, प्रोड्यूसर और सिंगर के तौर पर फेमस थे, बल्कि किशोर दा ने भारत के आपातकाल के दौरान 1975 से 1977 के बीच में उस समय की प्रधानमंत्री इंदिरा जी के मुख्य आलोचक के रुप में भी काफी सुर्खियां बटोरीं थी।

किशोर दा का आखिरी गीत:

किशोर दा की दिलकश आवाज में आखिरी बार साल 1988 में उनकी मृत्यु के बाद फिल्म वक्त की आवाज के लिए गाने रिकॉर्ड किए गए।

विवाद –

साल 1980 के दशक के दौरान दिलीप कुमार, बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता अभिनेता बच्चन के साथ अपने संबंधो को लेकर काफी चर्चा में रहे। दऱअसल, उस दौरान अमिताभ बच्चन ने दिलीप कुमार के प्रोडक्शन में बनने वाली फिल्म ”ममता की छाओं में” एक गेस्ट अप्पेरेंस का रोल निभाने से मना कर दिया था।

वहीं इसके बाद किशोर दा ने भी अमिताभ की फिल्मों के लिए प्लेबैक सिंगिंग करनी बंद कर दी थी। दोनों के बीच यह विवाद करीब 5 साल तक रहा।

हालांकि बाद में दोनों के बीच समझौता हुआ और फिर किशोर दा ने अमिताभ बच्चन की फिल्म तूफान में अपनी सुरीली आवाज दी थी, यह फिल्म किशोर दा की मृत्यु के बाद साल 1989 में रिलीज हुई थी। साल 1960 में किशोर कुमार को भारत सरकार की इनकम टैक्स चोरी का आरोप लगा था।

जिसके चलते किशोर कुमार को लोगों द्वारा काफी अपमानित होना पड़ा था एवं लोगों की तीखी टिप्पणी सुननी पड़ी थी। इस दौरान किशोर दा की प्रतिष्ठा पर भी काफी प्रभाव पड़ा था।

साल 1975 से 1977 में भारत में आपातकाल के दौरान जब संजय गांधी जी ने मुंबईं में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की एक रैली में गाना गाने के लिए किशोर कुमार से कहा, तब किशोर जी ने गाना गाने से मन कर दिया था, जिसकी वजह से किशोर कुमार के गाने पर 4 मई, 1976 तक दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो द्वारा प्रसारित करने पर बैन लगा दिया गया था।

इसके अलावा किशोर कुमार जी उस समय भी काफी सुर्खियों में रहे, जब उनकी तीसरी पत्नी योगिता बाली ने उनसे तलाक ले लिया था और बॉलीवुड के एक्टर मिथुन चक्रवर्ती के साथ शादी कर ली थी।

जिसको लेकर किशोर दा ने मिथुन चक्रवर्ती के फिल्म के लिए काफी समय के लिए गाना गाने बंद कर दिए थे, लेकिन बाद में किशोर दा मिथुन जी की फिल्म डिस्को डांसर एवं प्यार का मंदिर जैसी फिल्म में अपनी आवाज का जादू बिखेरा था

जब दुनिया छोड़कर चल बसे –

किशोर दा की मौत 58 साल की उम्र में हार्ट अटैक पड़ने से हुई थी। 13 अक्टूबर, 1987 में किशोर कुमार ने अपनी अंतिम सांस मुंबई में ली थी, जिसके बाद उनके पार्थिव शरीर को उनके जन्मस्थान खंडवा ले जाया गया था, वहीं पर उनका अंतिम संस्कार किया गया था।

वहीं उनकी अंतिम यात्रा में हजारों की तादाद में भीड़ उनकी दिवंगत आत्मा को शांति देने के लिए एकत्र हुई थी। आज किशोर दा तो हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनके द्वारा गाए हुए गाने और उनकी फिल्में आज भी लोगों द्वारा काफी पसंद की जाती हैं।

वे आज भी बॉलीवुड के कई सिंगर और अभिनेताओं के आदर्श बने हुए है। वहीं जब भी फिल्म जगत में अच्छी कलाकारी और हुनर की बात होती है तो उनका नाम सबसे पहले लिया जाता है।

पुरुस्कार और सम्मान –

बॉलीवुड के महान अभिनेता एवं प्लेबैक सिंगर किशोर कुमार को कई गानों में उनकी सुरीली आवाज के लिए 8 फिल्म फेयर अवॉर्ड द्वारा भी नवाजा गया है।

जिनमें से कुछ मशहूर गानों के लिए मिले पुरस्कार इस प्रकार हैं- साल 1986 में किशोर दा को फिल्म सागर के लिए गाए गाना ”सागर किनारे” के लिए फिल्म फेयर अवॉर्ड से नवाजा गया था।

साल 1985 में किशोर दा को फिल्म शराबी के लिए गाए गाना ”मंजिलें अपनी जगह है” के लिए फिल्म फेयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। किशोर दा को फिल्म ”अगर तुम ना होते” का टाइटल सॉन्ग गाने के लिए भी साल 1984 में फिल्म फेयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।

किशोर दा को फिल्म डॉन में उनके द्वारा गाए गए गाना “खइके पान बनारस वाला” के लिए भी फिल्म फेयर अवॉर्ड दिया गया था। उनका यह गाना आज भी लोगों के जुबां पर चढ़ा रहता है।

महान पार्श्वगायक किशोर कुमार को साल 1976 में फिल्म अमानुष के गाना ”दिल ऐसा किसी ने मेरा” के लिए भी फिल्म फेयर अवॉर्ड से नवाजा गया था, आपको बता दें उनका यह गाना आज भी लोगों द्वारा खूब पसंद किया जाता है।

साल 1970 में भी महान सिंगर किशोर दा को उनके द्वारा फिल्म आराधना के लिए गाए गाना “रूप तेरा मस्ताना” के लिए भी फिल्म फेयर अवॉर्ड दिया गया था। वहीं किशोर दा का यह गाना आज भी पार्टीज में सुनने को जरूर मिल जाता है।

इसके अलावा, किशोर कुमार को कोरा कागज, हरे राम हरे कृष्णा, आराधना, और अंदाज के लिए बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर का अवॉर्ड मिल चुका है। यही नहीं उन्होंने कई बंगाल फिल्म जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन अवॉर्ड भी अपने नाम किए हैं।

आपको बता दें कि किशोर दा की गायकी को प्रोत्साहित करने और उनके सम्मान में 1985-1986 में मध्य प्रदेश सरकार ने ‘उनके नाम पर ‘किशोर कुमार पुरस्कार” की भी शुरुआत की थी। किशोर दा ने संगीत की कभी कोई ट्रेनिंग नहीं ली थी, इसके बाबजूद भी उनके अंदर गायकी की अद्भुत प्रतिभा विद्यमान थी, जिसके सभी कायल थे।

वे फिल्म जगत के बहुमुखी गायक के रुप में भी जाते हैं, उनके अंदर एक्टर के मुताबिक अपनी आवाज बलदने की भी बेहतरीन कला थी, वहीं उनके द्वारा गाए गए सभी गीत सदाबहार माने जाते हैं, उनके गीत आज भी दुनिया भर के लोग सुनते और गुनगुनाते हैं। किशोर कुमार को आज के सिंगर और एक्टर अपना आदर्श मानते हैं।

3 COMMENTS

  1. Kishore dada ne padai or gana gana kb start kiya or kyo kiya unka bacpan se hi gana gane me man lagta tha ya padai bad unhone gana sikha

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