Amarkantak Temple
ऋषि-मुनियों की तपोभूमि रहा अमरकंटक हिन्दुओं के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है। अमरकंटक मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले में मैकाल की पहाड़ियों में स्थित धार्मिक स्थल है। यह सुंदर और शांतिप्रिय धार्मिक स्थल 1 हजार 65 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे इस पावन स्थल में विंध्य, सतपुड़ा और मैकड़ की पहाड़ियों का शानदार मेल होता है, जिसका नजारा अद्भुत लगता है, और एक बार जो इस पावन भूमि पर आता है, इतना सुंदर दृश्य देख उसका मन रोमांचित हो उठता है और बार-बार इस स्थान पर आना चाहता है। अमरकंटक तीर्थराज के नाम से भी प्रसिद्ध है।
नर्मदा का उद्गम और भारत का प्रसिद्ध तीर्थस्थल – अमरकंटक – Amarkantak Temple History in Hindi
अमरकंटक की पुण्य और पवित्र भूमि में सोन, नर्मदा और जोहिला जैसी पावन नदियों का उद्गम स्थान भी है।
आपको बता दें कि नर्मदा जैसी धार्मिक और पवित्र नदी का उद्गम अमरकंटक के एक कुंड से हुआ है, जो कि कोटि तीर्थ कहलाता है, जबकि सोनभद्र नदी का उद्गम पहाड़ की चोटी से हुआ है।
वहीं नर्मदा नदी यहां से पश्चिम दिशा की तरफ और सोन नदी पूर्व दिशा की तरफ बहती है।
हिन्दू धर्म में नर्मदा नदी का धार्मिक महत्व भी है, यह देश की सबसे पवित्र नदियों में से एक मानी जाती है।
पुराणों और शास्त्रों के मुताबिक यमुना नदी में 7 बार स्नान करने से, सरस्वती नदी में 3 बार स्नान करने से और गंगा नंदी में 1 बार स्नान से जो फल मिलता है, वह पुण्य, नर्मदा नदी के दर्शन मात्र से ही मिल जाता है।
इस पावन तीर्थराज पर भगवान शंकर, कपिल, व्यास और भृगु समेत कई महान ऋषियों ने वर्षों तपस्या भी की थी।
अमरकंटक का अत्यंत सुंदर, मनोरम, और लुभावना वातावरण, यहां आने वाले लोगों को अपनी तरफ आर्कषित करता है।
अमरकंटक का धार्मिक महत्व होने के वजह से ही नहीं यहां लोगों की भीड़ उमड़ती है बल्कि, इसकी खूबसूरती निहारने भी दूर-दूर से लोग आते हैं।
अमरकंटक के प्रमुख दार्शनिक स्थल:
इस पवित्र तीर्थ स्थल अमरकंटक में धूनी पानी, दुग्धधारा, जलेश्वर महादेव, नर्मदा का उद्गम, नर्मदा मंदिर व कुंड, सोनमुड़ा, भृगु कमंडल, माई की बगिया, दुग्धधारा, कपिलधारा, सर्वोदय जैन मंदिर आदि स्थान प्रमुख दर्शनीय स्थल है, और इनकी धार्मिक महत्वता भी है।
नर्मदा उद्गम – नर्मदा मंदिर – Narmada River (Narmada Kund)
अमरकंटक में नर्मदा के उद्गम पर बना यह मुख्य मंदिर है जहां, इस मंदिर के सामने बने एक कुंड से नर्मदा जी का उद्गम हुआ था। इस मंदिर मे दर्शन के लिए लाखों भक्तों की भीड़ उमड़ती है।
माता नर्मदा मंदिर के साथ भगवान शिव का भी मंदिर है। जहां भक्तजन शक्ति स्वरुपा देवी नर्मदा और भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करते हैं, ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव जी के मंदिर में आने का पूर्ण रुप से फल तभी मिलता है, जब भक्तजन इस मंदिर में बने हाथी के नीचे से निकलते हैं।
सोनमुडा – Sonmuda
सोनमुडा, भारत की पवित्र सोन नदी का प्रारंभिक स्थल माना जाता है।
भृगु कमंडल – Bhrigu Kamandal
इस पवित्र तीर्थ स्थल में हमेशा पानी से भरे हुए प्राचीन कमंडल भी देखने योग्य हैं।
दुग्ध धारा और कपिल धारा के मनोरम दृश्य – Kapil Dhara
नर्मदा नदी का पानी ऋषि दुर्वासा की गुफा के पास एक मनमोहक झरने के रुप में गिरता है। आपको बता दें कि यहां जल की धारा इतनी उज्जवल और साफ रुप से गिरती है कि मानो, दूध की धारा बह रही हो, इसी वजह से इसे दुग्ध धारा का नाम दिया गया है, क्योंकि इसमें जल दुग्ध की तरह एकदम साफ प्रतीत होता है।
झरने से दूध की तरह गिरता जल अति मनोरम लगता है, वहीं यहां पर आकर काफी शांति भी मिलती है।
कपिलधारा का सुंदर नजारा:
कपिलधारा का नजारा बेहद आकर्षक और मोहनीय है, इसके साथ ही यह अमरकंटक के मशहूर झरनों में से एक है। ऐसा कहा जाता है कि, यहां पर कपिल मुनि ने सालों तपस्या की थी।
नर्मदा नदी के प्रारंभिक स्थल से करीब 8 किलोमीटर की दूरी पर जल प्रपात है, जो कि कपिल धारा के नाम से जाना जाता है। आपको बता दें कि करीब 15 मीटर की ऊंचाई से पानी गिरता है।
माई की बगिया:
अमरकंटक, धार्मिक रुप से तो काफी महत्वपूर्ण है ही इसके साथ यहां सैर-सपाटे के लिए भी कई मनोरम स्थल हैं, वहीं यहां एक खूबसूरत बगीचा है।
कबीर चबूतरा:
महान संत कबीर ने अमरकंटक में कई साल व्यतीत किए थे। ऐसी भी मान्यता है कि इस पावन भूमि पर ही महान संत कबीर और गुरुनानक देव मिले थे, इसलिए यह इस लिहाज से भी यह काफी महत्वपूर्ण जगह है।
इस पावन तीर्थ में 24 मंदिरों के अलावा धुनी पानी, भृगु कमण्डल और पुष्कर बांध भी देखने योग्य हैं।
अमरकंटक मंदिर तक कैसे पहुंचे – How to Reach Amarkantak Temple
रेल मार्ग: कटनी-बिलासपुर रेल मार्ग पर करीब 42 किमी दूरी पर पेन्ड्रा रोड सबसे पास रेलवे स्टेशन हैं।
सड़क मार्ग: यह तीर्थस्थल अमरकंटक एमपी और छत्तीसगढ़ की सड़कों से जुड़ा हुआ है, यहां जाने के लिए बिलासपुर, कटनी, मंडला, सिवनी, इलाहाबाद, रीवा, शहडोल, रायपुर एवं जबलपुर से सीधे बस भी जाती हैं।
वायु सेवा मार्ग: एमपी में 228 किमी की दूरी पर जबलपुर यहां से सबसे पास एयरपोर्ट है, हालांकि 230 किमी की दूरी पर छत्तीसगढ़ और रायपुर एयरपोर्ट है।
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