Poem on Republic day in Hindi
26 जनवरी गणतंत्र दिवस यानि सारे देश वासियों के लिए गर्व का दिन वैसे तो हम सभी जानते हैं की डॉ भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में लिखा भारत का संविधान आज के दिन लागु किया गया था। इस दिन को सारे देश में काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता हैं। आज के दिन सभी स्कूलों में विद्यार्थी गणतंत्र दिवस पर भाषण, गणतंत्र दिवस पर निबंध, गणतंत्र दिवस पर नारे जैसे देते हैं, कई स्कूलों गणतंत्र दिवस पर कविताओं की भी प्रतियोगिता भी ली जाती हैं।
आज के इस लेख में हम आपके लिए गणतंत्र दिवस पर कुछ लाये हैं जो हर class जैसे class 1, class 2, class 3, class 4, class 5, class 6, class 7, class 8, class 9, class 10, class 11, class 12 के बच्चें गणतंत्र दिवस गा सकेंगे और प्रतियोगिता में सम्मिलित होना होकर गणतंत्र दिवस का celebration करेंगे।
गणतंत्र दिवस पर कवितायेँ – Poem on Republic day in Hindi
Poem on Republic day
“देखो 26 जनवरी आयी”
देखो 26 जनवरी है आयी, गणतंत्र की सौगात है लायी।
अधिकार दिये हैं इसने अनमोल, जीवन में बढ़ सके बिन अवरोध।
हर साल 26 जनवरी को होता है वार्षिक आयोजन,
लाला किले पर होता है जब प्रधानमंत्री का भाषन।
नयी उम्मीद और नये पैगाम से, करते है देश का अभिभादन,
अमर जवान ज्योति, इंडिया गेट पर अर्पित करते श्रद्धा सुमन,
2 मिनट के मौन धारण से होता शहीदों को शत-शत नमन।
Republic day Poem
“गणतंत्र हमारा महान है”
सौगातो की सौगात है, गणतंत्र हमारा महान है,
आकार में विशाल है, हर सवाल का जवाब है,
संविधान इसका संचालक है, हम सब का वो पालक है,
लोकतंत्र जिसकी पहचान है, हम सबकी ये शान है,
गणतंत्र हमारा महान है, गणतंत्र हमारा महान है।
Hindi Poem on Republic day
“आओ तिरंगा लहराये”
आओ तिरंगा लहराये, आओ तिरंगा फहराये;
अपना गणतंत्र दिवस है आया, झूमे, नाचे, खुशी मनाये।
अपना 70वाँ गणतंत्र दिवस खुशी से मनायेगे;
देश पर कुर्बान हुये शहीदों पर श्रद्धा सुमन चढ़ायेंगे।
26 जनवरी 1950 को अपना गणतंत्र लागू हुआ था,
भारत के पहले राष्ट्रपति, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने झंड़ा फहराया था,
मुख्य अतिथि के रुप में सुकारनो को बुलाया था,
थे जो इंडोनेशियन राष्ट्रपति, भारत के भी थे हितैषी,
था वो ऐतिहासिक पल हमारा, जिससे गौरवान्वित था भारत सारा।
Republic day Kavita
“माह जनवरी छब्बीस को हम”
माह जनवरी छब्बीस को हम
सब गणतंत्र मनाते।
और तिरंगे को फहरा कर,
गीत ख़ुशी के गाते।।
संविधान आजादी वाला,
बच्चो! इस दिन आया।
इसने दुनिया में भारत को,
नव गणतंत्र बनाया।।
क्या करना है और नही क्या?
संविधान बतलाता।
भारत में रहने वालों का,
इससे गहरा नाता।।
यह अधिकार हमें देता है,
उन्नति करने वाला।
ऊँच-नीच का भेद न करता,
पण्डित हो या लाला।।
हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई,
सब हैं भाई-भाई।
सबसे पहले संविधान ने,
बात यही बतलाई।।
इसके बाद बतायी बातें,
जन-जन के हित वाली।
पढ़ने में ये सब लगती हैं,
बातें बड़ी निराली।।
लेकर शिक्षा कहीं, कभी भी,
ऊँचे पद पा सकते।
और बढ़ा व्यापार नियम से,
दुनिया में छा सकते।।
देश हमारा, रहें कहीं हम,
काम सभी कर सकते।
पंचायत से एम.पी. तक का,
हम चुनाव लड़ सकते।।
लेकर सत्ता संविधान से,
शक्तिमान हो सकते।
और देश की इस धरती पर,
जो चाहे कर सकते।।
लेकिन संविधान को पढ़कर,
मानवता को जाने।
अधिकारों के साथ जुड़ें,
कर्तव्यों को पहचानो।।
Gantantra Diwas Hindi Kavita
“गणतंत्र”
आओ कि आया “राष्ट्र पर्व”
गणतंत्र हमारा है.!!
हिन्द देश के वासी हम
“जय हिन्द” जय घोष हमारा है..!!
हर तरफ देखो लग रहा
“जय हिन्द” का नारा है.!!
लिए तिरंगा हाथ में देश,
झूम रहा आज सारा है.!!
तीन रंगों में रंगा तिरंगा
सब रंगों से प्यारा है..!!
केसरीया देता संदेश अमन का
सुख समृद्धि देता रंग हारा है.!!
सफेद शांति लिए चक्र घूमता
संदेश इसका भाई चारा है..!!
आओ कि आया “राष्ट्र पर्व”
गणतंत्र हमारा है.!!
मातृभूमि पर आँच न आये
दृढ़ संकल्प हमारा है..!!
नमन “माँ भारती” तुझे,
दिया राष्ट्र पर्व प्यारा है.।
“जय हिन्द”
~ विनोद सिन्हा
Poem on 26 January in Hindi
“गणतंत्र की प्रतिज्ञा”
26 जनवरी को आता हमारा गणतंत्र दिवस,
जिसे मिलकर मनाते हैं हम सब हर वर्ष।
इस विशेष दिन भारत बना था प्रजातंत्र,
इसके पहले तक लोग ना थे पूर्ण रूप से स्वतंत्र।
इसके लिए किये लोगो ने अनगिनत संघर्ष,
गणतंत्र प्राप्ति से लोगों को मिला नया उत्कर्ष।
गणतंत्र द्वारा मिला लोगों को मतदान का अधिकार,
जिससे बनी देशभर में जनता की सरकार।
इसलिए दोस्तों तुम गणतंत्र का महत्व समझो,
चंद पैसो की खातिर अपना मतदान ना बेचो।
क्योंकि यदि ना रहेगा हमारा यह गणतंत्र,
तो हमारा भारत देश फिर से हो जायेगा परतंत्र।
तो आओ हम सब मिलकर ले प्रतिज्ञा,
मानेंगे संविधान की हर बात ना करेंगे इसकी अवज्ञा।
26 January Kavita
“गणतंत्र दिवस फिर आया है।”
गणतंत्र दिवस फिर आया है।
नव परिधान बसंती रंग का
माता ने पहनाया है।
भीड़ बढ़ी स्वागत करने को
बादल झड़ी लगाते हैं।
रंग-बिरंगे फूलों में
ऋतुराज खड़े मुस्काते हैं।
धरनी मां ने धानी साड़ी
पहन श्रृंगार सजाया है।गणतंत्र दिवस फिर आया है।
भारत की इस अखंडता को
तिलभर आंच न आने पाए।
हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई
मिलजुल इसकी शान बढ़ाएं।
युवा वर्ग सक्षम हाथों से
आगे इसको सदा बढ़ाएं।
इसकी रक्षा में वीरों नेअपना रक्त बहाया है।
गणतंत्र दिवस फिर आया है।
26 January par Kavita
“लो आज छब्बीस जनवरी का दिन आया”
लो आज छब्बीस जनवरी का दिन आया,
सबके दिलों में तिरंगा लहराया।
किसी की प्रोफाइल, तो किसी के फेसबुक में
फिर से है तिरंगा छाया।
लो आज छब्बीस जनवरी का दिन आया।।
आज एक साल बाद फिर से सबको देश का है ख्याल आया।
छोटे छोटे मुद्दों पर सयासी रोटी सेकने वालों को, आज सियाचिन का शेर नज़र आया,
लो आज छब्बीस जनवरी का दिन आया।।
साल भर बेआबरू करते रहे जिस माँ को, उस भारत माँ का जय कार पूकारने वाला नज़र आया,
कभी गौ हत्या, कभी जल्लीकट्टू, तो कभी पद्मावती के नाम पर अपने ही लोगों को मारने वाला हर वो शख्स, आज तिरंगे को सलाम करता नज़र आया।
लो आज छब्बीस जनवरी का दिन आया।।
जय हिन्द, जय भारत
~ Akshunya
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