Jasmeen Patheja
आज के समय में जहां हमें से ज्यादातर लोगों का दिन शायद सिर्फ अपने और अपने परिवार के बारे में सोचने में और उनके लिए कुछ करने में ही व्यतीत हो जाता है वहीं हमारे समाज ऐसे भी लोग है जो दूसरों के दर्द को खुद से ज्यादा संभालकर रखते है दूसरों के लिए निस्वार्थ रुप से कुछ करने की हिम्मत रखते हैं ऐसे लोग हमें ये सोचने पर मजबूर करते है कि आज के समय में भी इंसानियत से बड़ा धर्म कुछ नहीं है। ऐसे ही लोगों में से एक है Jasmeen Patheja – जैसमीन पथैजा।
आपने समाज में सामाजिक काम करने वाले बहुत से लोग देखे होंगे जो दूसरों के हक के लिए, गरीबों की स्थिति सुधारने के लिए काम कर रहें है। लेकिन क्या आप कभी किसी ऐसी महिला से मिले है जो रेप पीड़िताओं के कपड़े इकट्ठे करती हो। शायद नहीं, और अगर आपका जवाब हां है तो यकीनन वो महिला जैसमीन ही होंगी।
जैसमीन पथैजा – Jasmeen Patheja
महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों में यौन शोषण यानी रेप एक ऐसा घिनौना अपराध है जो महिला को शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से बुरी तरह आहात करता है जिससे कई महिलाएं तो जिंदगी भर नहीं निकल पाती है।
और पिछले कुछ सालों में तो भारत में महिलाओं के साथ यौन शोषण के अपराधों में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। जिसके खिलाफ लोगों ने कैंडल मार्च भी निकाले, धरना प्रर्दशन भी किए और सोशल मीडिया पर तो खैर आए तो हम लोग इस पर कुछ ना कुछ लिखते रहते है लेकिन उस महिला पर क्या बित रही होगी।
उसे महसूस नहीं करते। लेकिन हैदराबाद की रहने वाली जैसमीन पथैजा समाज के लोगों के लिए उदाहरण है कि अगर आप किसको इंसाफ दिलाना चाहते है तो पहले आपको उनके दर्द को समझना पड़ेगा।
Jasmeen Patheja – जैसमीन पथैजा एक समाजिक कार्यकर्ता है और रेप पीड़िताओं के कपड़े इकट्ठा करती है। जैसमीन के घर में एक पूरा कमरा उन कपड़ो से भरा से हुआ है जिनकी अपनी – अपनी एक दर्दनाक कहानी है इस कमरे में एक 4 साल की बच्ची के कपडों से लेकर 18 साल की लड़की और 60 साल की महिला तक के कपड़े मौजूद है।
Jasmeen Patheja – जैसमीन पथैजा के रेप पीड़िताओं के इन कपड़ो को इकट्ठा करने की एक वजह ये है कि जिस महिला के साथ भी यौन अपराध होता है उन महिलाओं के लिए अपने उन कपड़ो को देखना जो उन्होनें उस समय पहने हुए थे, उसी अपराध को हर पल महसूस करने जैसा होता है जो उन्हें आगे नहीं बढ़ने देता।
लेकिन इन कपड़ो को कोर्ट में सबूत के तौर पर पेश किया जाता है साथ ही इनकी मेडिकल जांच भी होती है। और महिलाओँ को इस दर्द से मुक्ति दिलाने और सबूत के तौर पर रखने के लिए जैसमीन इन कपड़ो को इकट्ठा करती है। जैसमीन के इन कपड़ो को इकट्ठा करने की दूसरी वजह ये भी है कि वो उस महिला के साथ हुए अपराध को भुलना नहीं चाहती। और लोगों को ये बात भी समझाना चाहती है कि कभी भी महिलाओं के साथ हुए अपराध के लिए कपड़े जिम्मेदार नहीं होते।
क्योंकि जब हम किसी घटना को भुलने लगते है तो उसके लिए लड़ने की क्षमता भी कमजोर होने लगती है। लेकिन जैसमीन के इस कमरे में रखे ये कपड़े उन्हें हर पल ये याद दिलाते है कि हमारे समाज में महिलाएं अभी कितनी असुरक्षित है।
हालांकि जैसमीन पथैजा – Jasmeen Patheja केवल रेप पीड़िताओँ के कपड़े ही इकट्ठा नहीं करती है बल्कि उनके हक के लिए भी लड़ती है अपने एनजीओं अकेली आवारा के जरिए। जो महिलाओ को सशक्त, बिना किसी के सहारे के सभी काम करने और निडर होकर जीने की ओर प्रेरित करता है।
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रेप की घटनाएं लगातार बढती जा रहीं हैं यह बेहद दर्दनाक है , जैसमीन पथैजा जी ने उस दर्द के खिलाफ लड़ाई शुरू की है जो निसंदेह सराहनीय है , आशा है उनके प्रयास से लोग जागरूक होंगे और रेप जैसे जघन्य घटनाओं में कमी आएगी
धन्यवाद इस लेख को पढ़ने के लिए। वाकई समाज में रेप से बढ़ रहे अपराध वाकई निंदनीय हैं लेकिन अगर रेप की बढ़ रही घटनाओं के खिलाफ ऐसे ही लोग कदम उठाते रहेंगे तो इस जघन्य अपराध पर जरूर लगाम लगाई जा सकेगी और हमारे देश की बेटियां सुरक्षित हो सकेंगी।
Veerendra .. I am agree with you
आजकल रेप की खबर रोज अखबारो मे पढ़ना आम बात हो गई है। जैसमीन द्वारा किया गया कार्य सराहनीय है क्योकी शायद लोग उनके कपड़ो को देखकर उस स्थिती का अंदाजा लगा सकेंगे जो उन पीडिताओ पर बीती होगी।
वीरेन्द्र सिंह जी सही कहा आपने हमारे देश में रेप जैसे जघन्य अपराध बढ़ रहे हैं जिन पर लगाम लगाए जाने की आवश्यकता है।