April Fools – अप्रैल फूल्स डे, जिसे ऑल फूल्स डे भी कहा जाता है, जो एक दिन का वार्षिक उत्सव होता है जिसमें लोग बिना किसी को नुकसान पहुंचाए एक दूसरों का मज़ाक उड़ाते हैं, कुछ खट्टी-मीठी शरारतें करते हैं और अफवाहें फैलाते हैं, जिन्हें कर उन्हें प्रसन्नता मिलती है और खास बात यह है कि इस दिन कोई भी व्यक्ति किसी के मजाक का बुरा नहीं मानता है।
वहीं जिनके साथ प्रैंक किया जाता है, उसे अप्रैल फूल कहा जाता है, और दिलचस्प बात तो यह है कि अप्रैल फूल बनाना वाला और बनने वाला दोनो ही इस बात का बेहद खुशी के साथ खुलासा करते हैं।
अप्रैल फूल दिवस – April Fools Day
हर साल 1 अप्रैल को मनाया जाता है। हालांकि इसे आधिकारिक तौर पर छुट्टियों के रूप में मान्यता नहीं दी जाती है, बहुत से लोग उत्सुकता से, या उनके सहयोगियों को उल्लू बनाते हैं और फिर “अप्रैल फूल” कहकर उन्हें चिड़ाते हैं। साथ ही खुद भी इस दिन मूर्ख बनने से बचने का पूरा प्रयास करते हैं।
तरह-तरह कारनामें कर पूरी दुनिया इस दिन के लिए तैयार होती है और यह कुछ प्रफुल्लित करने वाली यादों को बनाने के लिए मनाती है।
वहीं 1 अप्रैल को फूल डे मनाए जाने के कारण इस दिन मिलने वाली खबरों अथवा घटनाओं की जानकारी को बिना जांच पड़ताल के गंभीरता से नहीं लिया जाता, क्योंकि हंसी-मजाक के लिए लोग इस दिन एक-दूससे से काफी प्रैंक करते हैं।
वहीं मूर्ख दिवस अलग-अलग देश में अपने-अपने तरीके से मनाया जाता है, जिनमें से कई देश ऐसे भी हैं, जहां सिर्फ दोपहर तक ही हंसी-मजाक और प्रैंक किया जाता है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिवस को मनाने की शुरुआत कैसे हुई और यह 1 अप्रैल को ही क्यों मनाया जाता है, अगर नहीं तो, आज हम आपको इसके बारे में अपने इस आर्टिकल में बताएंगे। तो आइए जानते हैं, अप्रैल फूल डे के इतिहास के बारे में –
अप्रैल फूल दिवस का इतिहास – History of April Fools Day
अप्रैल फूल डे’ को पूरी दुनिया में अलग-अलग तरीके से मनाने का चलन है। हालांकि, इसका कोई खास प्रमाण तो नहीं है कि इस दिन को मनाने की शुरुआत कहां से हुई, लेकिन इसके पीछे कई ऐसी कहांनियां प्रचिलत हैं जिनके आधार पर मूर्ख दिवस की उत्पत्ति को माना जाता है। जिनके बारे में हम आपको यहां बताएंगे –
अप्रैल फूल्स डे की उत्पत्ति को लेकर ऐसा माना जाता हैं कि इसकी शुरुआत फ्रांस में 1582 में हुई थी। जिसके मुताबिक, अप्रैल फूल्स डे पूरी तरह से पोप ग्रेगरी 13 वें के कैलेंडर के परिवर्तन पर आधारित है।
ऐसा कहा जाता है, 1582 में पोप ग्रेगरी ने अपने पुराने कैलेंडर की जगह नया रोमन कैलेंडर शुरु किया, जिसमें उन्होंने 1 अप्रैल को मनाए जाने वाले नए साल की परंपरा को तोड़कर इसकी शुरुआत 1 जनवरी से की।
वहीं इस दौरान कुछ लोग ऐसे थे जो कि पुराने कैलेंडर के मुताबिक ही 1 अप्रैल को अपना नया साल मनाते रहें, और फिर उन्हें अप्रैल फूल्स कहा गया, साथ ही उनका बहुत मजाक भी बनाया गया तो इस तरह मूर्खों के लिए यह खास दिन अस्तित्व में आया।
हालांकि अप्रैल डे मनाने की शुरुआत 1392 से भी बताई जाती है, ऐसा कहा जाता है कि ज्यॉफ्री सॉसर्स ने पहली बार मूर्ख दिवस के बारे केंटरबरी टेल्स में बताया था।
वहीं मूर्ख दिवस की शुरुआत ब्रिटिश किंग रिचर्ड द्वितीय और बोहेमियन किंगडम की राजकुमारी एनी की सगाई को भी माना जाता है, दरअसल जब उनकी सगाई होने वाली थी, तो इसे 32 तारीख कह दिया गया था, वहीं 31 मार्च के बाद जब इस तारीख की घोषणा हुई तो यह 1 अप्रैल थी, तभी से इस दिन को मूर्ख दिवस के रुप में मनाया जाने लगा।
यही नहीं कुछ लोग मूर्ख दिवस की शुरुआत, रोम के हिलौरिया त्योहार से भी मानते हैं, दरअसल इस फेस्टिवल के तहत लोग अजीब-गरीब कपड़े पहनते थे, जिसमें वे काफी फनी दिखते थे, और एक-दूसरे से काफी हंसी-मजाक भी करते थे, जिसके चलते इतिहासकारों ने अप्रैल डे की शुरुआत को हिलौरिया त्योहार से जोड़ दिया।
वहीं भारत में अप्रैल फूल डे बनाने की शुरुआत के भी कोई पुख्ता प्रमाण नहीं हैं, न ही इसे किसी तरह के पारंपरिक उत्सव के रुप में मनाया जाता है, लेकिन भारत में इसकी शुरुआत ब्रिटिश शासनकाल से मानी जाती है।
आपको बता दें कि दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया, में सिर्फ दोपहर तक ही अप्रैल डे बनाने का चलन है, दरअसल यहां के न्यूजपेपर सिर्फ सुबह के अंक में ही मैन पेज पर अप्रैल डे से जुड़े कुछ रोचक किस्से अथवा मजेदार चुटकलें रखते हैं, इसलिए यहां सिर्फ दोपहर तक ही अप्रैल डे मनाया जाता है, जबकि अन्य देशों में अप्रैल फूल डे को पूरे दिन तक मनाए जाने की परंपरा है।
वहीं दूसरी तरफ बेल्जियम, इटली और फ्रांस ऐसे देश हैं जहां अप्रैल फूल डे वाले दिन लोगों के पीछे कागज की मछली बनाकर चिपका दी जाती है, और मजाक बनाया जाता है, जबकि स्पेनिश बोलने वाले कुछ ऐसे देश हैं जहां मूर्ख दिवस 28 दिसंबर को मनाया जाता है, जो कि डे ऑफ होली इनोसेंट्स के नाम से प्रचलित है।
जबकि डेनमार्क में 1 मई मज-कट के रुप मे मनाया जाता है। इसके अलावा देश-दुनिया के इतिहास में इस दिन कई ऐसी फनी घटनाएं घटित हुईं, जिसके चलते इस दिन को अप्रैल-फूल डे के तौर पर मनाया जाने लगा।
वहीं आजकल अपनी व्यस्त जिंदगी में लोगों को अप्रैल फूल डे के बहाने एक-दूसरे के साथ प्रैंक कर हंसी-ठिठोली करने का मौका मिलता है। वहीं इस दिन लोगों को अपने दोस्तों, परिवार वाले या फिर करीबीयों के साथ प्रैंक करने में प्रसन्नता का भी अनुभव होता है।
वो कहते है ना कि हंसना स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी होता है, और इससे व्यक्ति की आयु भी बढ़ती है।
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