सलीमगढ़ किला – Salimgarh Fort
हमारा भारत देश ऐतिहासिक स्थलों का ख़जाना हैं। यहाँ पर जितने भी राजे महाराजों ने शाशन किया उन्होनें अपने शासनकाल में कुक न कुछ ऐतिहासिक स्मारक बनवाएं।
वैसेही उनमेसे एक हैं सलीमगढ़ किला लेकिन ब्रिटिशोंने अपने शासनकाल में इस किले को कारावास बनाकर स्वतंत्रता सेनानीओं को यहाँ बंदी बनाकर रखा था। आईये इसी किले की और जानकारी विस्तारपूर्वक जानेंगे।
सलीमगढ़ किले का इतिहास – Salimgarh Fort History
सलीमगढ़ किले का निर्माण 1546 में शेर शाह सूरी के उत्तराधिकारी और पुत्र इस्लाम शाह सूरी ने यमुना नदी के द्वीप कर करवाया था। 1622 AD में जहाँगीर ने यहाँ पुल बनवाया और किले को मुख्य भूमि से जोड़ा, बाद में जब ब्रिटिश रेल्वे लाइन बना रहे थे तो उन्होंने इस पुल को तोड़ दिया था।
बाद में इस विशाल निर्माणकार्य को शाह जहाँ द्वारा लाल किले से जोड़ा गया और औरंगजेब के शासनकाल में अंततः यह किला राज्य का कारावास बन गया। ब्रिटिश प्रशासन भी इसका उपयोग कारावास के रूप में करने लगे और 1945 में भारतीय राष्ट्रिय सेना के नेताओ को यहाँ बंदी बनाकर रखा गया था।
सलीमगढ़ किले के भीतर उनके स्मारक भी बने हुए है। वर्तमान समय में किले का नाम बदलकर स्वतंत्रता सेनानी स्मारक रखा गया है।
सलीमगढ़ किले की वास्तुकला – Architecture of Salimgarh Fort
पुरानी दिल्ली में बना सलीमगढ़ किला ठोस मलबे चिनाई वाली दीवारों से घिरा हुआ है और कुछ हद तक यह बहुभुज के आकार में बना हुआ है। किले के भीतर उत्तरी द्वार से प्रवेश दिया जाता है।
उत्तर द्वार को बहादुर शाही गेट के नाम से भी जाना जाता है, क्योकि इसका निर्माण 1854 से 1855 के बीच बहादुर शाह ज़फर ने किया था। इस द्वार का निर्माण लाल पठारों के साथ ईट चिनाई का उपयोग कर किया गया।
किले के भीतर बहुत से महान गढ़ है और खंडहर आज भी हमें देखने मिलते है।
सलीमगढ़ किले की यात्रा करने का सही समय – Time to travel to Salimgarh Fort
साल भर खुला रहता है, लेकिन सामान्यतः रोज 10:00 AM से 5:00 PM तक इसे खुला रखा जाता है। किले को देखने की कोई प्रवेश फीस नही है, यह सभी के लिए खुला है। इस विशाल संरचना को देखने में तक़रीबन 40 मिनट का समय लगता है।
सलीमगढ़ किले तक कैसे पहुचे – How to reach Salimgarh Fort
सलीमगढ़ किले तक पहुचने के लिए आपको दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एअरपोर्ट उतरना होंगा। साथ ही किले तक पहुचने के लिए आप शहर में विविध जगहों से स्थानिक बसों का भी सहारा ले सकते है या तो फिर मेट्रो, ऑटो या रिक्शा या टैक्सी से भी आप किले तक पहुच सकते है।
किले के पास कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन है, जबकि सबसे पास पुरानी दिल्ली रेल्वे स्टेशन है।
सलीमगढ़ किले के आस-पास आकर्षण – Attraction around Salimgarh Fort
- चांदनी चौक – Chandni Chowk
मध्य-उत्तरी दिल्ली के सबसे व्यस्त बाजारों में से एक चांदनी चौक में किताब, कपड़ो, चमड़े की वस्तुए, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और उपहारों की बहुत सी दुकाने है।
- लाल किला – Red Fort
शुरू में लाल किले को किला-ए-मुँल्ला के नाम से जाना जाता था। लाल किले का निर्माण मुघल सम्राट शाहजहाँ द्वारा 1638 में अपनी राजधानी को नव-नियोजित शहर शाहजहाँबाद में स्थानांतरित करने के बाद किया गया।
- दरा शिकोह लाइब्रेरी – Rate shoech library
शाह जहाँ के उदारवादी बौद्धिक बेटे और उत्तराधिकारी दारा शिकोह द्वारा इस लाइब्रेरी का निर्माण किया गया।
- जामा मस्जिद – Jama Masjid
भारत की सबसे विशाल मस्जिद, जामा मस्जिद का निर्माण शाह जहाँ द्वारा किया गया। इस मस्जिद को असल में मस्जिद-ए-जहनुमा कहा जाता है।
- राज घाट – Raj Ghat
दिल्ली के सबसे प्रसिद्ध स्मारक, राज घाट का निर्माण राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के सम्मान में किया गया।
- सेंट जेम्स चर्च – St. James’ Church
1836 में बने इस सुंदर चर्च का निर्माण कर्नल जेम्स स्किनर ने करवाया था।
- लोथियन कब्रिस्तान – Lothian Cemetery
लोथियन रोड पर बना यह कब्रिस्तान, दिल्ली में बना पहला ब्रिटिश कब्रिस्तान है।
भारत देश की राजधानी दिल्ली में बहुत से ऐतिहासिक स्मारक,किले, मंदिर मौजूद हैं। यहाँ के हर स्मारक से जुडा इतिहास अलग ही हैं। इतिहासकारों को यह ऐतिहासिक स्थल काफी रोमांचित हैं।
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सलीमगढ़ का इतिहास काबिले तारीफ है आभार
एक अल्पज्ञात विरासत पर अच्छी जानकारी। धन्यवाद।