Maharashtra History in Hindi
इतिहास में मुड़कर देखा जाए तो, भारत बहुत से धर्मो की जन्मभूमि भी रहा है। सदियों पहले बहुत से बुद्ध, जैन, हिन्दू और मुस्लिम धर्म के साधुओ ने महाराष्ट्र – Maharashtra में शरण ली थी। महाराष्ट्र में दुसरे क्षेत्र से भी बहुत से लोग आते है। महाराष्ट्र शब्द की उत्पत्ति महारथी (महान रथ चालक) से हुई है।
महाराष्ट्र राज्य का इतिहास और जानकारी – Maharashtra History in Hindi
इस राज्य आकार और जनसँख्या के हिसाब से भारत का तीसरा सबसे बड़ा राज्य है। भारत का सर्वाधिक औद्योगिक क्षेत्र मुंबई-पुणे महाराष्ट्र में शामिल है।
महाराष्ट्र राज्य के बारेमें – Maharashtra information in Hindi
राज्य का नाम | महाराष्ट्र (Maharashtra) |
महाराष्ट्र की राजधानी (Capital of Maharashtra) | मुंबई (Mumbai) |
क्षेत्रफल अनुसार राज्य का देश में स्थान | तिसरा (3rd) |
राज्य की प्रमुख भाषा (मातृभाषा) (Languages of Maharashtra) | मराठी (Marathi) |
राज्य निर्मिती का साल (State Formation Year) | १ मई १९६०। |
प्रमुख जानवर (State Animal of Maharashtra) | शकरू (भारतीय नस्ल की बड़ी गिलहरी) |
राज्य का का प्रमुख फूल (पुष्प) (State Flower of Maharashtra) | जरुल पुष्प (वनस्पती विज्ञानं अनुसार नाम : लग्रेस्टरइमिया स्पेसिओसा) |
प्रमुख पक्षी (State Bird of Maharashtra) | हरावत (हरे रंग और पिले पैरो वाला कबूतर) |
प्रमुख पेड़ (वृक्ष) (State Tree of Maharashtra) | आम का वृक्ष। |
राज्य का प्रमुख फल (State Fruit of Maharashtra) | आम |
राज्य का परंपरागत नृत्य प्रकार (Folk Dance) | लावणी। |
वित्तीय तथा राज्यनिहाय महाराष्ट्र की कोड संख्या (State Code of Maharashtra) | २७ |
राज्य अंतर्गत कुल जिले (District in Maharashtra) | ३६ |
कुल तालुका (तहसील) | ३५७ |
कुल ग्रामीण विभाग | ६३,६६३ |
राज्य का कुल क्षेत्रफल | ३ लाख ७ हजार ७१३ चौ. किलोमीटर |
राज्य का प्रमुख खेल (State Game of Maharashtra) | कबड्डी |
राज्य की प्रमुख यूनिवर्सिटी |
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महाराष्ट्र राज्य की जानकारी – Maharashtra ki Jankari
यहाँ पर विविध भाषाओ का मिश्रण है, सबसे पहले नागा काल में यहाँ महारस्त्री भाषा का उपयोग किया जाता था और बाद में 8 वी शताब्दी में मराठी भाषा को विकसित किया गया। शुरुवाती समय में वर्तमान महाराष्ट्र राज्य को बहुत से हिन्दू साम्राज्यों जैसे सातवाहन, वकताका, कलचुरी, राष्ट्रकूट, चालुक्य और यादव में विभाजित किया गया था। 1307 के बाद महाराष्ट्र में ज्यादातर मुस्लिम शासको का राज था।
मुस्लिम समुदाय की दरबारी भाषा पर्शियन का प्रभाव भी मराठी भाषा पर पड़ा। 16 वी शताब्दी में महाराष्ट्र को पुनः बहुत से स्वतंत्र मुस्लिम शासको के बीच खंडित कर दिया गया, जो मृत्यु तक एक-दुसरे से लड़ते थे। बाद शिवाजी महाराज ने मराठा साम्राज्य की स्थापना की और महाराष्ट्र में मराठा साम्राज्य का परचम लहराया।
18 वी शताब्दी के समय सम्पूर्ण पश्चिम और मध्य भारत, साथ ही उत्तर और पूर्व के विशाल भाग को भी मराठा साम्राज्य में शामिल कर लिया गया। 1661 में ब्रिटेन ने बॉम्बे आइलैंड के नियंत्रण को अपने हाथो में लें लिया और 19 वी शताब्दी से मराठाओ ने भी ब्रिटिश विस्तार के आगे घुटने टेक दिए थे।
इसके बाद ब्रिटिशो ने मिलकर “बॉम्बे प्रेसीडेंसी” नामक प्रशासनिक प्रांत की स्थापना की। 1947 में जब भारत को आज़ादी मिली तो प्रांत बॉम्बे राज्य (1950) में परिवर्तित हो गया। बहुत से भूतपूर्व प्रांतीय राज्यों को नए राज्य में शामिल किया गया। 1 नवम्बर 1956 को प्रायद्वीपीय भारत के बॉम्बे राज्य में प्रमुख भाषाई और राजनितिक पुनर्गठन कर मध्य प्रदेश का कुछ भाग इसमें मिला लिया गया, साथ ही उत्तर-पूर्वी भाग से हैदराबाद को हटा दिया गया।
पुनर्गठन का परिणाम फिर भी भाषाई रूप में विभाजित राज्य ही रहा, जहाँ गुजराती बोलने वाले ज्यादातर लोग उत्तर में और मराठी बोलने वाले लोग दक्षिण में रहते थे। दोनों भाषाई समूहों की मांग पर 1 मई 1960 को राज्य को दो भागो में विभाजित कर उत्तर में गुजरात और दक्षिण में महाराष्ट्र की स्थापना की गयी। बॉम्बे, महाराष्ट्र का हिस्सा और राज्य की राजधानी बना रहा। 1990 में इस शहर का नाम बदलकर मुंबई रखा गया।
महाराष्ट्र राज्य के जिले – Districts of Maharashtra State
इस राज्य के छः राजस्व विभाजन है : जिनमे मुंबई (कोकण), पुणे (पश्चिमी महाराष्ट्र), नाशिक (खान्देश), औरंगाबाद (मराठवाडा), अमरावती (विदर्भ) और नागपुर (विदर्भ) शामिल है। इन्हें 36 जिलो में विभाजित किया गया है।इन जिलो को 109 उप-विभाजन और 357 तालुका में विभाजित किया गया है।जो इस प्रकार है –
महाराष्ट्र के जिलों की सूची – List of Districts in Maharashtra
- ठाणे
- पुणे
- मुंबई उपनगरीय
- नाशिक
- नागपुर
- अहमदनगर
- सोलापुर
- जलगाँव
- कोल्हापुर
- औरंगाबाद
- नांदेड
- मुंबई सिटी
- सातारा
- अमरावती
- सांगली
- यवतमाल
- रायगढ़
- बुलढाना
- बिड
- लातूर
- चंद्रपुर
- धुले
- जालना
- परभणी
- अकोला
- उस्मानाबाद
- नंदुरबार
- रत्नागिरी
- गोंदिया
- वर्धा
- भंडारा
- वाशिम
- हिंगोली
- गडचिरोली
- सिंधुदुर्ग
- पालघर
महाराष्ट्र राज्य में मनाने जाने वाले त्यौहार – Festivals celebrated in Maharashtra state
साल भर महाराष्ट्र में बहुत से उत्सव मनाये जाते है। जिसमें होली, रंग पंचमी, गुढी पाडवा, राम नवमी, अक्षय तृतीया, पोला (पोला के समय किसान अपने बैलो को सजाते है और ख़ुशी से गलियों में घुमाते है। महाराष्ट्र दिवस, गणेश उत्सव (1893 में राष्ट्रिय राजनेता बाल गंगाधर तिलक ने सार्वजानिक गणेशोत्सव की शुरुवात की थी।
गणेश उत्सव के समय मिट्टी से बनी गणेश प्रतिमा राज्य में बेचीं जाती है।), महावीर जयंती, बुद्धा जयंती, वट पूर्णिमा, गोकुलाष्टमी, नवरोज़ उर्फ़ पारसी नव वर्ष, गणेश चतुर्थी, नारियल पूर्णिमा, रमजान, दशहरा, सावित्री व्रत इत्यादि। साथ ही मुहर्रम, बकरी ईद सभी विविध धर्मो के त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाते है।
महाराष्ट्र राज्य की भाषा – Language of Maharashtra state
यहाँ में मुख्यतः मराठी भाषा बोली जाती है। जबकि हिंदी और इंग्लिश भाषा का प्रयोग भी ज्यादातर जगहों पर किया जाता है। जबकि मुंबई बहुत सी भाषाओ का घर है, जिसमे अंग्रेजी भी शामिल है। कोकणी समुदाय के लोग कोकण भाषा का उपयोग करते है जो मराठी भाषा से ही जुडी हुई है। भले ही कोकणी समुदाय के लोग कोकण क्षेत्र में पाए जाते है, लेकिन फिर भी उनकी गणना अल्पसंख्यक में की जाती है।
महाराष्ट्र राज्य के कुछ विशेष मंदिर – Temples of Maharashtra
एलीफैंटा गुफा मंदिर, मुम्बादेवी मंदिर, कैलाश मंदिर, बालाजी मंदिर, गिरिजा माता विनायक, सिद्धिविनायक मंदिर, वरदविनायक, मुम्बादेवी मंदिर, महालक्ष्मी मंदिर, कपालेश्वर मंदिर, साईं बाबा मंदिर, मुक्तिधाम मंदिर, और त्र्यम्बकेश्वर मंदिर यहाँ के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में शामिल है।
हर साल बहुत से धार्मिक और सामाजिक उत्सव मनाये जाने की वजह से महाराष्ट्र को रंगीन राज्य भी कहा जाता है। महाराष्ट्र राज्य को संतो की भूमी कहा जाता हैं। यहाँ भगवान को माता ( माउली ) कहा जाता हैं। साथ ही यहाँ प्राकृतिक सौदर्य भी देखने लायक हैं। इसलिए शायद इसे महान ऐसा राष्ट्र यानि महाराष्ट्र नाम दिया गया हैं।
महाराष्ट्र के प्रभावशाली व्यक्तित्व – Famous Personalities of Maharashtra
१. शिवाजी महाराज (Shivaji Maharaj)
स्वराज संस्थापक और आदर्श शासक शिवाजी महाराज की कर्मभूमि महाराष्ट्र ही थी, जहाँ उन्होंने अनेक कठीण परिस्थितियों का सामना कर एक आदर्श और प्रजा हितकारी राज्य की स्थापना की तथा सामान्य जनमानस को स्वाभिमान से जिने की राह दिखाई।
शिव कालीन किले आज भी महाराष्ट्र में हमें उनके कर्तुत्व की याद दिलाते है और उनके विशाल योगदान के सामने नतमस्तक होने की इच्छा को जगाता है। इनके प्रमुख किलो में शामिल सिंहगढ, पुरंदर, प्रतापगढ़,शिवनेरी, रायगढ़ इत्यादि शामिल है जिन्हे जीवन में अवश्य एक बार देखना चाहिए।
२. ज्योतिराव फुले (Jyotirao Fule)
महाराष्ट्र के अग्रणी समाजसुधारकों में ज्योतिराव फुले जी का नाम शामिल है, जिन्होंने समाज से जाती व्यवस्था और महिलाओ के शिक्षा पर निर्बंधो को मिटाने हेतु भरसक प्रयास किये और उसमे सफलता भी इन्हे प्राप्त हुई थी।
इस कार्य में इन्हे इनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले का भी काफी योगदान प्राप्त हुआ, जिसमे समाज के कामगार, किसान, शोषित और जाती व्यवस्था से पीड़ित लोगो के हक़ में इस दम्पति ने जीवनभर कार्य किया।ऐसे महापुरुषों के सानिध्य से महाराष्ट्र की भूमि धन्य हुई, जिनके पावन स्मृतियों को देश और राज्य नमन करता है।
३. राजर्षी शाहू महाराज (Rajarshi Shahu Maharaj)
कोल्हापुर रियासत के राजा, शिक्षा प्रेमी तथा जाती व्यवस्था के कड़वे विरोधी के रूप में शाहू महाराज को देश के इतिहास में पहचाना जाता है।शोषित वर्ग के बच्चो को महाराज ने रियासत के अंतर्गत शिक्षा और निवास की व्यवस्था मुहैय्या कराई साथ में बुद्धिमान बच्चो को विदेश तक पढ़ने लिखने हेतु भेजा। महाराष्ट्र के समाजसुधारकों में राजर्षी शाहू महाराज का नाम बड़े आदर से लिया जाता है, जिन्होंने पुत्रवत अपने प्रजा का पालन किया।
४. लोकमान्य तिलक (Lokmanya Tilak)
महाराष्ट्र के कोंकण में जन्मे लोकमान्य तिलक एक प्रखर वक्ता और नेता थे जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजो को अनेक जन अभियानों द्वारा कड़वा प्रतिकार दिया, इसमें इनके पूर्ण स्वराज की मांग, राष्ट्रीय शिक्षा मुहीम, सार्वजानिक गणेश और शिवजयंती त्यौहार जैसे कार्यक्रमों ने देश की अस्मिता को जगाने का महत्वपूर्ण कार्य किया था।
साल १९२० तक महात्मा गाँधी के स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने से पहले देश और राज्य के कई बड़े जन आंदोलन का नेतृत्व लोकमान्य तिलक ने किया, जिसमे उन्होंने कई क्रांतिकारियों को देशहित हेतु संघटित भी किया जिसमे चाफेकर,स्वतंत्रतावीर सावरकर इत्यादि भी शामिल थे।
५.सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar)
दुनिया के बेहतरीन क्रिकेटर में से एक और दमदार बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर मूलतः महाराष्ट्र राज्य से ही आते है,जिनके नाम क्रिकेट के दुनिया के ढेर सारे विश्वकीर्तिमान स्थापित है। इन्हे क्रिकेट का भगवान भी कहा जाता है, जिनके उपस्थिति में कई सारे मुश्किल मुकाबलों में भारत ने जित दर्ज की है, सचिन तेंदुलकर को भारत सरकार की तरफ से भारत रत्न सम्मान भी प्राप्त हुआ है साथमे इनके पास कई सालो तक राज्यसभा का सदस्यत्व भी था।
६. डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर (Dr. B. R Ambedkar)
भारतरत्न बाबासाहेब आंबेडकर जी की प्रमुख कर्मभूमि महाराष्ट्र ही रही जहा उन्होंने समाज से छूत अछूत भेदभाव को मिटाने हेतू संघर्ष किया जिसमे महाड, नाशिक, पुणे, मुदखेड इत्यादि जगह पर कुछ जन आंदोलन को उन्होंने सफल रूप दिया। भारतीय संविधान के निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाने वाले आंबेडकर जी दुनिया के चुनिंदा विद्वानों में से एक थे जिनके पावन स्मृतियों को देश और दुनिया सदैव विनम्र अभिवादन करती है।
७. लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar)
संगीत और गायन की दुनिया में कोयल के नामसे दुनिया भर में प्रसिध्द गायिका लता मंगेशकर महाराष्ट्र राज्य से ही आती है, जिसमे इनके संगीत के क्षेत्र का लगभग पूरा सफर महाराष्ट्र राज्य में ही रहा। सैकड़ो से अधिक विभिन्न भाषाओ के गीत को इन्होने गाया है जिसमे इनकी मीठी सुरेल आवाज ने दुनिया भर के श्रोताओ को भावविभोर कर दिया।
८. लक्ष्मीकांत बेर्डे (Laxmikanat Berde)
फिल्म जगत के हिंदी और मराठी फिल्मो के लक्ष्मीकांत बेर्डे एक बेहतरीन अदाकार थे जिन्होंने अपनी बेहतरीन कलाकारी से कई वर्षो तक दर्शको का मनोरंजन किया, मराठी फिल्म जगत के सुपरस्टार के तौर पर इन्हे पहचाना जाता है।
मस्त मिजाज और हास्य कलाकार के रूप में भारतीय सिने जगत लक्ष्मीकांत बेर्डे को सदैव स्मरण में रखेगा, भलेही ये आज हमारे बिच मौजूद नहीं है पर इनकी फिल्मे आज भी उस दौर की यादो को ताजा करती है। लक्ष्मीकांत बेर्डे भी महाराष्ट्र से थे जिनके नाम कई बेहतरीन नाटक और फिल्मे दर्ज है, ऐसे बहुआयामी कलाकार को विनम्र अभिवादन।
९. डॉ. विजय भटकर (Dr. Vijay Bhatkar)
सुपर कंप्यूटर के जनक और निर्माता डॉ. विजय भटकर भी मूलतः महाराष्ट्र राज्य से थे, जिनकी विश्वभर में पहचान हुई उनके कंप्यूटर से जुड़े महान संशोधन से। आधुनिक जगत में अत्यंत गतिशील और अचूकता से परिणाम देनेवाले सुपर कंप्यूटर की खोज तकनिकी विश्व में एक क्रांतिकारी कदम साबित हुआ जिसका पूरा श्रेय भारत भूमि के विजय भटकर को दिया जाता है। इससे ये साबित होता है के महाराष्ट्र में लगभग सभी क्षेत्र से जुड़े व्यक्तित्व हुए है जिन्होंने देश दुनिया पे अपनी अमिट छाप बनाई है।
१०. दादासाहेब फालके (Dadasaheb Falke)
भारतीय सिने जगत के संस्थापक के नामसे दादा साहेब फालके का नाम बड़े आदर और गौरव से लिया जाता है, जिन्होंने राजा हरिश्चंद्र नामक फिल्म को सबसे पहली बार बनाया था जो तत्कालीन व्यवस्था और तकनिकी सहाय्य के दृष्टी से काफी बेहतरीन साबित हुई थी।
इसके बादसे भारत में फिल्म निर्मिती में सुधार आने लगे और फिल्म निर्मिती एक व्यावसायिक क्षेत्र बना जिसमे आजतक कई बेहतरीन फिल्मो का निर्माण हुआ। तत्कालीन भारत की स्थिती और सामाजिक परिवेश को देखा जाए तो दादासाहेब द्वारा लिया गया फिल्म निर्मिती का निर्णय काफी साहसिक कदम दिखाई पड़ता है, इसलिए भारतीय फिल्म जगत के जनक नामसे उनके लिए गौरवोद्गार सुनने को मिलते है।
दादासाहेब भी मूलतः महाराष्ट्र की भूमि में जन्मे थे जिन्होंने एक के बाद एक कई फिल्मो का निर्माण कर देश दुनिया के सामने एक प्रेरणादायी उदहारण प्रस्तुत किया था, ऐसे कर्तुत्वशाली व्यक्तित्व को विनम्र अभिवादन।
महाराष्ट्र के प्रमुख पर्यटन स्थल – Tourism Places in Maharashtra
- अजंता की प्राचीन गुफाएँ
- एलोरा की गुफाएँ
- लोनावला
- खंडाला
- सह्याद्री पर्वत श्रेणी
- सिंहगढ़
- महाबलेश्वर हिल स्टेशन
- चिखलदरा हिल स्टेशन
- पंचगनी
- ताडोबा राष्ट्रीय उद्यान
- मेलघाट परियोजना
- ड्रैगन पैलेस नागपुर
- एलीफैंटा की गुफा
- माथेरान
- बीबी का मकबरा
- शनिवार वाड़ा
संतभूमि महाराष्ट्र – महाराष्ट्र के महान संत (Saints of Maharashtra)
१. संत ज्ञानेश्वर (Sant Gyaneshwar)
१३ वी सदी में महाराष्ट्र के आलंदी नामक स्थान पर जन्मे संत ज्ञानेश्वर भागवत और वैष्णव परंपरा के महान संत में से एक है, जिन्हे आदर से संपूर्ण महाराष्ट्र में माउली ज्ञानेश्वर कहा जाता है, माउली का अर्थ माता होता है।
भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को कुरुक्षेत्र की रणभूमि में बताये गए तथा वेद व्यास द्वारा लिखित महाभारत ग्रंथ के अंतर्गत आनेवाले ‘श्रीमद भगवद्गीता’ का, मराठी भाषा में सरल अर्थो में रूपांतरण “ज्ञानेश्वरी” नामक ग्रंथ के माध्यम से संत ज्ञानेश्वर जी ने किया है।
महाराष्ट्र के संत परंपरा के अग्रणी के रूप में संत ज्ञानेश्वर जी को पहचाना जाता है जिन्होंने साहित्य में भी ईश्वर भक्ति से जुडी सुंदर रचनाओं और भजन पद की निर्मिती की जिसमे हरिपाठ, अमृतानुभव, पसायदान, अभंग रचना शामिल है।
२. संत तुकाराम (Sant Tukaram)
महाराष्ट्र के देहु नामक स्थान पर जन्मे संत तुकाराम भक्ति मार्ग के परम वैष्णव उपासक थे, जिनका पंढरपुर के विठ्ठल भगवान पर पूर्ण श्रद्धाभाव था।तत्कालीन समाज में भक्ति का प्रचार प्रसार करने हेतु इन्होने भगवद नाम सुमिरन और कीर्तन के माध्यम से ही ईश्वर तक पहुँच सकते है इस विश्वास को दृढ़ करने का जनमानस में कार्य किया।
१७ वी सदी में महाराष्ट्र में जहा एक ओर शिवाजी महाराज जैसे महापुरुष का उदय हुआ जिन्होंने स्वराज का सपना साकार किया वही दूसरी ओर तुकाराम महाराज जैसे संत ने समाज की चेतना और अस्मिता का जगाने का कार्य किया, जिसमे शिवाजी महाराज भी संत तुकाराम जी का बहुत आदर करते थे और इनके कीर्तन में कई बार श्रोता बनकर जाते थे।
३. रामदास स्वामी (Ramdas Swami)
प्रभु रामचंद्र पर इनकी दृढ़ श्रद्धा और भक्तिभाव था जिसमे इन्होने महाराष्ट्र में ढेर सारे जगह पर हनुमान जी के मंदिरो का निर्माण करवाया था, भक्ति और बल उपासना इन दोनों पर इनका दृढ़ विश्वास था। इसलिए नियमित तौर पर शारीरिक कसरत करना तथा भक्ति द्वारा ईश्वर से जुड़ने की सलाह ये सभी लोगो को देते थे।
रामदास स्वामी शिवाजी महाराज के गुरु थे जिनके प्रेरणा से शिवाजी महाराज ने कई सारे पुराने मंदिरो की मरम्मत की तथा नए मंदिरो का भी निर्माण किया।
स्वराज की निर्मिती में भी समय समय पर शिवाजी महाराज को रामदास स्वामी का अनमोल उपदेश मिलता रहता था, जिसमे प्रजा हितकारी राज्य शासन का निर्माण करना संभव हुआ। इनके भक्ति साहित्य में दासबोध, मन के श्लोक, मनबोध इत्यादि रचनाए शामिल है, महाराष्ट्र के सज्जनगढ़ नामक किले पर इनकी पावन समाधी स्थित है।
४. संत एकनाथ (Sant Eknath)
भक्ति मार्ग के श्रेष्ठ संतो में संत एकनाथ जी का नाम शामिल है जो मूलतः महाराष्ट्र से ही थे, इनका पूर्ण भक्तिभाव पंढरपुर के विठ्ठल भगवान पर था जिन्होंने नाम संकीर्तन, भारुड़ आदि प्रकारो से समाज में हरी भक्ति का प्रचार प्रसार किया था।
५. संत नामदेव (Sant Namdev)
वारकरी वैष्णव संप्रदाय से जुड़े संत नामदेव जी महाराष्ट्र के महान संतो में से एक है जिन्होंने ईश्वर भक्ति के प्रचार प्रसार हेतु महाराष्ट्र के साथ अन्य भी कई राज्य में कार्य किया, जिसमे पंजाब से इनका संबंध था वही सिख धर्म के पवित्र ग्रंथ “गुरु ग्रन्थ साहिब” में भी संत नामदेव के भक्ति रचनाओं को शामिल किया गया है।
महाराष्ट्र राज्य के बारेमें अधिकतर बार पूछे जाने वाले सवाल – Quiz on Maharashtra
- महाराष्ट्र के लोगो की परंपरागत वेशभूषा क्या है? (Traditional costume/dress of Maharashtra) जवाब: पुरुषो की वेशभूषा में धोती/धोतर और कमीज शामिल है इसके साथ सर पे फेटा/पगड़ी भी पुरुषो द्वारा पहना जाता है आधुनिक युग में पैंट और शर्ट इत्यादि भी पहना जाता है।बात करे महिलाओ की तो इनके वेशभूषा में प्रमुखता से साडी या लुगडा पहनने का प्रचलन है, आधुनिक वेशभूषा में सलवार कमीज भी पहनने का प्रचलन आम तौर पर देखा जाता है।
- महाराष्ट्र में कौनसे पवित्र धार्मिक स्थल मौजूद है? (Religious places in Maharashtra) जवाब: पंढरपुर विठ्ठल-रुख्मिणी मंदिर, शिर्डी साईबाबा मंदिर, शक्तिपीठ वणी सप्तश्रृंगी, श्री माहुर रेणुका देवी शक्तिपीठ, कोल्हापुर महालक्ष्मी देवी शक्तिपीठ, जेजुरी मंदिर, अष्टविनायक मन्दिर, गणपति पुले, श्री सिद्धिविनायक मंदिर मुंबई, हाजी अली दरगाह, श्री गजानन महाराज संस्थान शेगांव,श्री स्वामी समर्थ संस्थान अक्कलकोट, शनि मंदिर – शनि शिंगणापुर इत्यादि।
- कौनसी प्रमुख नदियाँ महाराष्ट्र राज्य के अंतर्गत बहती है? (Main Rivers in Maharashtra) जवाब: भीमा, कृष्णा , गोदावरी, वैनगंगा, नर्मदा, पैनगंगा, कोयना, पंचगंगा, इंद्रायणी, कुंडलिका, मुला, मुठा, मांजरा, पूर्णा, वशिष्टी, प्राणहिता, नीरा, पवना इत्यादि।
- महाराष्ट्रीयन लोगो के खानपान में प्रमुखता से कौनसे व्यंजन शामिल होते है? (Staple food of Maharashtra) जवाब: पिठला भाकरी, ज्वार की भाकरी, रोटी, आमरस, कढ़ी, साबूदाना खिचड़ी, दाल चावल खिचड़ी, मोदक, पूरन की रोटी, बैंगन भरता, विभिन्न प्रकार की सब्जी, वड़ा पाव, पोहा, भात इत्यादि।
- महाराष्ट्र में शिवाजी महाराज के समय के कौनसे प्रमुख किले मौजूद है? (Forts in Maharashtra) जवाब: सिंहगढ़, रायगढ़, पुरंदर, मल्हारगढ़, राजमाची, प्रतापगढ़, पन्हाला, सिंधुदुर्ग किला, शिवनेरी, तोरणा इत्यादि।
- वन्यजीव संरक्षण हेतु महाराष्ट्र में कौनसी परियोजनाए और अभयारण उपलब्ध है? (Wildlife sanctuaries in Maharashtra) जवाब: राधानगरी, नागझिरा, गौताला, कोयना, ताडोबा राष्ट्रीय उद्यान, मेलघाट बाघ संरक्षण परियोजना, कर्नाला पक्षी अभयारण्य, भीमा शंकर अभयारण्य, फनसाड पक्षी अभयारण्य, नरनाला पक्षी अभयारण्य, रेहकुरी,बोर, भिवागढ़, अनेर इत्यादि।
- महाराष्ट्र राज्य में कौनसे प्रमुख प्राकृतिक सुंदरतापूर्ण समुद्री तट मौजूद है? (Beaches in Maharashtra) जवाब: जुहू, हरिहरेश्वर, श्रीवर्धन, मुरुड, दिवेगर, देवगढ़, किहिम, गुहागर, हेदवी, वेलनेश्वर, अंजर्ले,वेलास, मांडवा, केलशी, रेवडांड़, कोंडिवली, डहाणू, गणपती पुले, गणेशगुल, काशिद इत्यादि।
- कौनसा समंदर महाराष्ट्र राज्य की सीमा से जुड़ा हुआ है? (Ocean connected with Maharashtra state) जवाब: अरबी समुद्र।
- प्रशासन व्यवस्था के तहत महराष्ट्र में कौनसे विभाग मौजूद है? (Regional segment of Maharashtra) जवाब: विदर्भ, पश्चिम महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, खानदेश, कोंकण।
- महाराष्ट्र राज्य से जुड़े कौनसे प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी है? (Freedom fighters from Maharashtra) जवाब: स्वतंत्रतावीर विनायक दामोदर सावरकर, लोकमान्य तिलक, विनोबा भावे, अनंत लक्ष्मण कान्हेरे, चाफेकर बंधू, शिवराम हरी राजगुरु, वासुदेव बलवंत फड़के, तात्या टोपे, रामानंद तीर्थ, बाबाराव सावरकर इत्यादि।