Raghuram Rajan
“बाइक लेकर शोरे ड्राइव झील के रस्ते पर सवारी करना,मेरे महान अनुभवों मे से एक है। और मै आशा करता हु की ये मै तब तक करूँगा जब तक मै ये कर सकता हु।” ~ Raghuram Rajan
-ऊपर दिए गए उद्धरण रघुराम राजन ने कहे है।
भारतीय रिज़र्व बैंक के 23 वे गवर्नर रघुराम राजन – Raghuram Rajan
रघुराम गोविन्द राजन सितम्बर 2013 से लेकर सितम्बर 2016 तक भारतीय रिज़र्व बैंक के 23 वे गवर्नर रह चुके है। वह 2003 और 2006 के दौरान वो अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के मुख्य अर्थशास्त्री और अनुसन्धान के निदेशक के रूप में कार्यरत थे।
2015 में जब वो भारतीय रिज़र्व बैंक में कार्यरत थे तब वे इंटरनेशनल सेटलमेंट बैंक में उपाध्यक्ष बने।
सन 2005 में फेडरल रिज़र्व के वार्षिक जैक्सन होल सम्मलेन में उन्होंने लॉरेंस समर में उन्होंने बढती जोख़िम के बारे में चेतावनी दी थी और इसे उन्होंने “गुमराह” नाम से संबोधित किया था।
2008 के आर्थिक संकट के बाद, राजन द्वारा दिए गए विचारों को पूर्वज्ञान के रूप में देखा गया और ऑस्कर जीतनेवाली डॉकुमेन्ट्री “इनसाइड जॉब “ (2010) के लिए उनसे साक्षात्कार भी किए गए।
सन 2003 में “फिस्चेर ब्लैक प्राइज” नामक पुरस्कार से नवाजा गया। यह पुरस्कार अमेरिकन फाइनेंस एसोसिएशन द्वारा हर दो साल में उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने वित्त के सिद्धांत और अभ्यास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और जिनकी उम्र 40 साल से कम हो।
2010 में उनकी किताब “ फाल्ट लाइन्स : हाउ हिडन फ्रैक्चर स्टील थ्रेतन द वर्ल्ड इकॉनमी” को “फाइनेंसियल टाइम्स सचस बिज़नस बुक ऑफ़ द इयर अवार्ड” प्राप्त हुआ। सन 2016 में उनका नाम “टाइम” पत्रिका में विश्व के सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में शामिल किया था।
रघुराम राजन का जनम 3 फरवरी 1963 में मध्य प्रदेश के भोपाल में एक तमिल परिवार में हुआ।वो आर गोविंदराजन जो 1953 के भारतीय पुलिस सेवा में सबसे ऊपर थे।उनके चार संतान् में से तिसरे रघुराम राजन थे।
1974 से 1981 के दौरान उन्होंने दिल्ली पब्लिक स्कूल, आर के पुरम शिक्षा ली। 1981 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की स्नातक के लिए दिल्ली के इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी में प्रवेश लिया। चार साल की स्नातक के अंतिम वर्ष वो स्टूडेंट अफेयर्स परिषद् के प्रमुख बने।
1985 में उन्होंने स्नातक पूर्ण की और सर्वश्रेष्ट आल राउंड छात्र के लिए उन्हें डायरेक्टर्स गोल्ड मैडल से पुरस्कृत किया गया।
1987 में अहमदाबाद के इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट से पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन बिज़नस एडमिनिस्ट्रेशन हासिल किया। स्नातक के पश्चात टाटा एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज में वे प्रबंधकीय प्रशिक्षु के रूप में शामिल हो गए लेकिन कुछ महीनो के बाद उसे छोड़ दिया और एम आय टी स्लोँ स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट में डाक्टरल कार्यक्रम में दाखिल हुए।
सन 1991 में स्टीवर्ट म्येर्स के देखरेख में बैंकिंग पर आधारित निबंध पर उन्होंने पी एच डी हासिल कर ली। बैंकिंग, कंपनी वित्त, आर्थिक विकास ये राजन के संशोधन के मुख्य विषय रहे।
2012 में लन्दन बिज़नस स्कूल ने उन्हें मानद डॉक्टरेट डिग्री से सम्मानित किया। और 2015 में फिर से होन्ग कोंग यूनिवर्सिटी ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने उन्हें मानद डॉक्टरेट से सम्मानित किया।
रघुराम राजन भारतीय नागरिक है किन्तु वो यू एस के ग्रीन कार्ड के भी धारक है। राधिका पूरी राजन से उनकी शादी हुई।उन्हें एक लड़की और एक लड़का है।
रघुराम राजन का करिअर व्यवसाय – Raghuram Rjan Career
राजन ने बूथ स्कूल ऑफ़ बिज़नस जो की यूनिवर्सिटी ऑफ़ शिकागो से सलग्न है वहा पर सहायक प्राध्यापक के पद पर अपने व्यवसाय की शुरुवात की।
2005 में राजनने जागतिक अर्थव्यवस्था पर एक विश्लेशनात्मक पत्रिका लिखी जिसका शीर्षक “क्या वित्तीय विकास ने दुनिया को खतरनाक बनाया?” यह था। शुरुवात में इस पत्रिका पर कड़ी आलोचना हुई लेकिन आखिरकार अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मंदी के कारण उनके विचारों के साथ सहमति जताई।
राजनने कुछ समय के लिए 2007 में फिर से अध्यापन का कार्य शुरू किया। लेकिन अगले ही वर्ष तत्कालीन भारत के प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने उन्हें मानद आर्थिक सलाहकार के पद की पेशकश की। वो भारत सरकार के योजना आयोग के वित्तीय सुधारना समिति के शीर्ष पर भी थे।
इस उदार अर्थशास्त्री ने 2010 में “फाल्ट लाइन्स : हाउ हिडन फ्राक्चर्स स्टील थ्रेतन द वर्ल्ड इकॉनमी” किताब लिखी। इस किताब को दर्शक और आलोचकोने ने स्वीकार किया और साथ ही फाइनेंसियल टाइम्स ने इस किताब को वर्ष की सर्वश्रेष्ट व्ययसाय किताब कहकर घोषित किया।
इसके अगले वर्ष भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बासु निवृत्त हुए और उनकी जगह पर राजन की नियुक्ति हुई। भारत के 2012 -2013 के आर्थिक सर्वेक्षण करने का कार्य उनकों सोपा गया।
5 सितम्बर 2013 को उन्होंने भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर पद का स्वीकार किया। यह भारत की मध्यवर्ती बैंक है। केवल मनमोहन सिंह छोडके बहुत ही कम उम्र में इस पद पर पहुचने वाले व्यक्तियों में से वो एक है। कार्यालय में शामिल होने बाद से वो एक व्यवहारिक वित्तीय विशेषज्ञ के रूप में देश में मुद्रास्फीति को कम करने के लिए समर्पित है।
रुपये को फिर से उसकी ताकद दिलाने के लिए और दो अंको वाली मुद्रास्फीति को 6 प्रतिशत तक कम करने के लिए राजन का आर बी आई गवर्नर का कार्यकाल काफ़ी माना जाता है। 4 सितम्बर 2016 को उन्होने आर बी आई गवर्नर पद का त्याग कर दिया। वो अभी बैंक ऑफ़ इंटरनेशनल सेटलमेंट में उपाध्यक्ष के रूप में सेवा कर रहे है।
रघुराम राजन के प्रमुख कार्य – Raghuram Rajan Main Work
वित्त के सिद्धांत और अभ्यास में रघुराम राजन ने सबसे महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने बहुत सारी पत्रिकाए लिखी है जिसमे दर्शाया गया है की अर्थव्यवस्था किस प्रकार चलिए जाती है और किस तरह अर्थव्यवस्था को चलाना चाहिए।
राजन ने अर्थशास्त्र के क्षत्र में अत्यधिक महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने जो यु एस में होने वाले आर्थिक उथलपुथल की भविष्यवाणी की थी इन सब में सबसे महत्त्वपूर्ण है। इसके लिए शुरुवात में सबने उनका “लुडाइत” के रूप में उपहास किया। लेकिन यु एस और यूरोप में 2008 और 2012 बिच जो आर्थिक संकट आया उससे वो आज के महान अर्थशास्त्री में अपनी एक जगह बना चुके है।
रघुराम राजन को मिले हुए पुरस्कार – Raghuram Rajan Awards
- 2003 – फिस्चेर ब्लैक प्राइज नामक पुरस्कार प्राप्त हुआ।
- 2010 – नास्काम ने अपने 7 वे वार्षिक वैश्विक नेतृत्त्व पुरस्कार में उन्हें वैश्विक भारतीय नाम से घोषित किया।
- 2010 – “फाइनेंसियल टाइम्स एंड मकिनसे बिज़नस बुक ऑफ़ द इयर अवार्ड” प्राप्त हुआ।
- 2011 – “इनफ़ोसिस प्राइज फॉर सोशल साइंस-इकोनॉमिक्स” पुरस्कार मिला।
- 2013 – “पाचवे देउत्स्चे बैंक प्राइज” से सम्मानित किया गया।
- 2014 – “बेस्ट सेंट्रल बैंक गवर्नर अवार्ड” से नवाजा।
- लन्दन स्थित वित्तीय पत्रिका सेंट्रल बैंकिंग ने उन्हें “गवर्नर ऑफ़ थे इयर अवार्ड”से सम्मानित किया।
- 2017 – क्लारिवाते साइटेशन लौरेट।
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भारतीय रिजर्व बैक के गवर्नर रह चुके रघुराम राजन एक कुशल अर्थशास्त्री व् एक सुलझे हुए व्यक्तित्व के स्वामी हैं | भारतीय अर्थव्यवस्था को सुधारने में उनका महत्वपूर्ण योगदान है | उनके जीवन , कार्यकाल व् आर्थिक क्षेत्र में योगदान की विस्तृत जानकारी देने के लिए शुक्रिया |
जी हा और रघुराम राजन ही आज आज तक के सबसे चर्चित भारतीय रिजर्व बैक के गवर्नर रह चुके हैं।