Sri Sri Ravi Shankar – गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर एक मानवतावादी नेता, आध्यात्मिक शिक्षक और शांति के राजदूत है। तनाव मुक्त और हिंसा मुक्त समाज के उनके दृष्टिकोण ने दुनिया के लाखो लोगो को एकता के सूत्र में बांधा है। अपने कोर्स “दी आर्ट ऑफ़ लिविंग – Art of Living” से ही वे इस संदेश को लोगो तक पहुचाते है।
आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रवि शंकर – Sri Sri Ravi Shankar
Gurudev Sri Sri Ravi Shankar – गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर का जन्म 1956 में दक्षिण भारत में हुआ। चार साल की उम्र से ही उन्होंने भगवद गीता, प्राचीन संस्कृत शास्त्रों को पढना शुरू कर दिया था। वैदिक साहित्य और भौतिक विज्ञान दोनों में ही उन्होंने डिग्री हासिल कर रखी है।
1982 में गुरुदेव ने भारतीय राज्य कर्नाटक के शिमोगा में 10 दिन का मौन व्रत धारण किया। जिसके चलते एक शक्तिशाली तकनीक सुदर्शन क्रिया का भी जन्म हुआ। समय के साथ-साथ सुदर्शनक्रिया उनके कोर्स “आर्ट ऑफ़ लिविंग” का केंद्र बिंदु बन चुकी थी।
पहली संस्था की स्थापना:
गुरुदेव ने आर्ट ऑफ़ लिविंग – Art of Living की स्थापना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक गैर लाभ, शिक्षात्मक और मानवतावादी संस्था के रूप में की। इसमें कराये जाने वाले शिक्षात्मक और स्व-विकास कार्यक्रमों में चिंता मुक्त होने के बहुत से उपायों के बारे में भी बताया जाता है। और यह अभ्यास किसी एक वर्ण या जाती के लोगो तक ही सिमित नही है बल्कि वैश्विक स्तर पर कोई भी इंसान यह अभ्यास कर सकता है।
1997 में उन्होंने इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर ह्यूमन वैल्यूज (IAHV) की स्थापना टिकाऊ विकास परियोजनाओ समन्वय, मानव मूल्यों का पोषण और आर्ट ऑफ़ लिविंग के कोर्स की शुरुवात करने के लिए की। भारत, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका में उनकी यह संस्था तेज़ी से विकसित हो रही है और साथ ही ग्रामीण भागो में भी इसे अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है और इसी वजह से यह संस्था अब तक कई गांवों तक पहुच चुकी है।
प्रसिद्ध मानवतावादी नेता के अनुसार गुरुदेव के कार्यक्रमों में विविध समस्याओ का सामने करने और उससे बचने की युक्तियो के बारे में भी बताया जाता है। आर्ट ऑफ़ लिविंग कोर्स के माध्यम से आतंकवादी हमलो से बचने के उपाय, प्राकृतिक आपदा से बचने के उपाय और सामाजिक विवादों को दूर करने के उपायों को लोगो तक पहुचाया जाता है। इससे लोगो के शरीर में प्रेरक विचार जाते है और उनका शरीर भी साहित्यिक होने लगता है।
एक अध्यात्मिक शिक्षक गुरुदेव ने योग और ध्यान करने की परंपराओ को पूरी तरह से बदल डाला और 21 वी शताब्दी के के अनुरूप ही उन्होंने योग में भी बदलाव किये। साथ ही व्यक्तिमत्व विकास और सामाजिक विकास के लिए भी गुरुदेव ने बहुत सी तकनीको का निर्माण कर रखा है। जिनमे मुख्य रूप से सुदर्शनक्रिया शामिल है, जिसने लाखो लोगो की सहायता उनकी चिंता को दूर करने और नयी उर्जा को प्राप्त करने में की है।
सुदर्शनक्रिया को करने से लाखो लोग अपने जीवन में शांति की अनुभूति कर सकते है। तक़रीबन 35 सालो में उनके कार्यक्रम और अभियान अबतक 155 देशो के 370 मिलियन लोगो तक पहुच चुके है।
शांति के राजदूत रहते हुए गुरुदेव ने सामाजिक विवादों को और हिंसा को कम कर अहिंसा फ़ैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। शांतिमय वातावरण ही उनका मुख्य उद्देश्य है। विवादों के समय लोगो को उनमे आशा की किरण नजर आती है। इराक, आइवरी समुद्र तट, कश्मीर और बिहार में शांतिदूत के नाम से भी जाने जाते है।
अपने कार्यक्रमों और भाषणों के माध्यम से वे एक अहिंसावादी मानव समाज का निर्माण करना चाहते है, जहाँ मानवता को सर्वोच्च दर्जा दिया जाना चाहिए। साथ ही वे एक बहु सांस्कृतिक शिक्षा प्रणाली को भी विकसित करना चाहते है और इन सब से परे उनका मुख्य उद्देश्य इस ग्रह पर शांति को विकसित करना ही है।
उनके कार्यो ने दुनियाभर में लाखो लोगो के दिलो को छुआ है। लोग अपना धर्म, राष्ट्र, नाम सबकुछ भूलकर उनके कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए ख़ुशी से आते है। “वन वर्ल्ड फॅमिली” नामक अपने संदेश के माध्यम से ही वे भारत में जगह-जगह पर आर्ट ऑफ़ लिविंग के कैंप का आयोजन करते है।
गुरुदेव श्री श्री यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति और इंडिया योगा सर्टिफिकेशन कमिटी के गुणवत्ता नियंत्रण समिति के चेयरमैन भी है। साथ ही वे अमरनाथ मंदिर बोर्ड के सदस्य (जम्मू एंड कश्मीर के गवर्नर द्वारा नियुक्त) भी है। गुरुदेव कृष्णदेवराय के राज्याभिषेक के 500 वे एनिवर्सरी पर वे रिसेप्शन कमिटी के चेयरमैन (कर्नाटक सरकार द्वारा नियुक्त) थे।
श्री श्री रवि शंकर को मिले हुए अवार्ड्स – Sri Sri Ravi Shankar Awards
- 2005 में भारत के नयी दिल्ली में भारत शिरोमणि अवार्ड से सम्मानित किया गया।
- 2006 में मंगोलिया में ऑर्डर ऑफ़ दी पोल स्टार अवार्ड से सम्मानित किया गया।
- 11 जनवरी 2007 को भारत के पुणे में उन्हें संत श्री ज्ञानेश्वर विश्व शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- 2008 में यूनाइटेड स्टेट ऑफ़ अमेरिका के हॉस्टन में सम्माननीय सिटीजनशिप और गुडविल एम्बेसडर बनाकर सम्मानित किया गया।
- 2008 में यूनाइटेड स्टेट ऑफ़ अमेरिका के एटलांटा में फ़ीनिक्स अवार्ड से सम्मानित किया।
- 2009 में शंकर का नाम फ़ोर्ब्स मैगज़ीन की शक्तिशामिल भारतीय नेताओ की सूचि में पाँचवे स्थान पर शामिल किया गया था।
- 10 अक्टूबर 2009 को ड्रेस्डेन जर्मनी में वर्ल्ड कल्चर फोरम द्वारा कल्चर इन बैलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया।
- 24 जून 2011 को ब्रुसेल्स में क्रेन्स मोंटाना फोरम अवार्ड से सम्मानित किया गया।
- पैराग्वे में ही 12 सितम्बर 2012 को असुंसिओं शहर का शानदार मेहमान घोषित किया गया।
- पैराग्वे में 13 सितम्बर 2012 को नेशनल ऑर्डर ऑफ़ मेरीटो दे कॉमुनेरोउस नागरिक अवार्ड से सम्मानित किया गया।
- परागुयन मुनिसिपलिटी ने 12 सितम्बर 2012 को शानदार नागरिक अवार्ड से सम्मानित किया।
- 26 अगस्त 2012 को दक्षिण अफ्रीका के शिवनंदा फाउंडेशन ने शिवनंदा वर्ल्ड पीस अवार्ड से सम्मानित किया।
- जनवरी 2016 में भारत के दुसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभुषम से सम्मानित।
- डॉ. नागेन्द्र सिंह इंटरनेशनल पीस अवार्ड, भारत, नवम्बर 2016
- पेरू का सर्वोच्च पुरस्कार, “Medalla de la Integracion en el Grado de Gran Oficial (Grand Officer)”
- कोलंबिया का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार “Orden de la Democracia Simon Bolivar”
- ब्राज़ील के रिओ दे जनेइरो राज्य द्वारा सर्वोच्च सम्मान तिराडेंटिस मैडल से सम्मानित किया गया।
- डॉक्टरेट : Universidad Autónoma de Asunción (पैराग्वे), Buenos Aires University, Argentina; Siglo XXI University Campus, कोर्डोबा, अर्जेंटीना: Nyenrode University, नीदरलैंड : ज्ञानविहार यूनिवर्सिटी, जयपुर, Kuvempu University, भारत
श्री श्री रवि शंकर की किताबे – Sri Sri Ravi Shankar Bbooks
- बुद्धा : मौन की अभिव्यक्ति
- 1999 – बी ए विटनेस : दी विजडम ऑफ़ दी उपनिषद्
- 2000 – गॉड लव्स फन, 138 pp
- 2001- सेलीब्रेटिंग साइलेंस
- 2005 – नारद भक्ति सूत्र, 129 pp
- हिंदुस्तान & इस्लाम, दी कॉमन थ्रेड, 34 pp, 2002
- सीक्रेट ऑफ़ रिलेशनशिप, अर्क्टोस, 2014
- पतंजलि योग सूत्र, अर्क्टोस, 2014
- अष्टवक्र गीता, 2010
- मैनेजमेंट मंत्रा, अर्क्टोस, 2014
- क्नो योर चाइल्ड : दी आर्ट ऑफ़ रेजिंग चिल्ड्रेन, अर्क्टोस, 2014
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best in my life
mujhe guru dakshina lena hai kiyon ki maine jo padha o mujhe shanti pradan kari hai.
आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर की सुदर्शन क्रिया से लाखों लोगों ने स्ट्रेस कम कर के शांति का अनुभव किया है | जीवन को काटना नहीं जीना है ये उनकी ” आर्ट ऑफ़ लिविंग ” से आसानी से सीखा जा सकता है | उनकी जीवनी के बारे में ये पोस्ट बहुत अच्छी व् लाभप्रद लगी
श्री श्री रविशंकरजी की जानकारी पढने के लिए आपका धन्यवाद। इसी तरह की जानकारी पाने के लिए हमारी वेबसाइट ज्ञानीपण्डित से जुड़े रहे।