कुलधरा भारत के राजस्थान जिले के जैसलमेर का एक गाँव है। सालो तक Kuldhara Village – कुलधरा गाँव की छवि एक प्रेतवाधित जगह के रूप में बनी हुई थी और 2010 में राजस्थान सरकार ने भी इस जगह को टूरिस्ट स्पॉट के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया था।
जैसलमेर का एक डरावना गाँव “कुलधरा” की कहानी – Kuldhara Village History
2 देवाली शिलालेखो पर आके गये संकेतको के अनुसार कुलधरा गाँव की स्थापना 13 वी शताब्दी में ब्राह्मणों ने की थी, जो पाली से जैसलमेर क्षेत्र में रहने के लिए आये थे। पाली से आये हुए इन ब्राह्मणों को पालीवाल कहा जाता था। 1899 में लक्ष्मी चंद द्वारा लिखित एतिहासिक किताब तवारीख-ए-जैसलमेर के अनुसार कुलधरा गाँव में बसने वाले पहले पालीवाल ब्राह्मण का नाम काधन था।
गाँव के खंडहरों में बहुत से देवाली (शहीद स्मारक) के साथ-साथ 3 अंतिम संस्कार मैदान भी शामिल है।
19 वी शताब्दी से बिना की वजह के यह गाँव किसी वीरान जगह में परिवर्तित हो गया। 20 वी शताब्दी में बताये गये कारणों के अनुसार गाँव के वीरान होने का मुख्य कारण पानी को कमी और सलीम सिंह नामक दीवान की उत्पीडना थी।
1815 में गाँव के बहुत से कुएं भी सुख चुके थे। 1850 से यहाँ केवल 1 कदम-कुआं और दो दुसरे गहरे कुएं क्रियात्मक थे। गाँव में केवल एक ही जगह पर थोडा सा स्थिर-पानी जमा हुआ था और बाकी साड़ी नदियाँ और कुएं सुख चुके थे। गाँव में पर्याप्त पानी की आपूर्ति ना होने की वजह से खेती करना भी मुश्किल हो गया था और बिना की उत्पादन के जैसलमेर राज्य कर (टैक्स) की मांग करता था।
इसी परिस्थिति की वजह से पालीवाल ब्राह्मणों ने कुलधरा गाँव को त्याग दिया। स्थानिक लोगो के अनुसार जैसलमेर का निर्दयी मिनिस्टर सलीम सिंह गाँववालो से जबरन अतिरिक्त कर (टैक्स) वसूली करता था।
जैसा की पहले बताया गया है, एतिहासिक तथ्यों के अनुसार गाँव की जनसँख्या समय के साथ-साथ कम होती गयी। 17-18 वी शताब्दी में गाँव की जनसँख्या तक़रीबन 1588 थी, जो 1815 में 800 और 1890 में मात्र 37 हो गयी। जबकि भूतपूर्व जानकारों के अनुसार गाँव के लोगो ने तंग आकर रातोरात गाँव खाली कर दिया। इससे जुडी कहानी के अनुसार कपटपूर्ण मंत्री सलीम सिंह गाँव के किसी महिला के प्रेम में पड़ गया। मंत्री ने अपने सैनिको को भेजकर जबरदस्ती उस लड़की को अपने पास लाने के लिए कहा था।
2017 में ए.बी. रॉय द्वारा करंट साइंस में किये गए अभ्यास के अनुसार भूकंप की वजह से कुलधरा और उसके आस-पास वाले गाँव ध्वस्त हो गए थे। लेखको के अनुसार गांवों के तबाह घरो को भूकंप के सबूत के रूप में दिखाया जाता है।
कुलधरा गाँव एक पर्यटन स्थल – Kuldhara Village Tourist Places
स्थानिक लोगो के अनुसार जब पालीवाल गाँव को छोड़कर जा रहे थे तब उन्होंने इस जगह पर श्राप भी डाला था की कोई भी दूसरा व्यक्ति इस गाँव पर कब्ज़ा नही कर सकता। इसके बाद जिन लोगो ने भी यहाँ बसना चाहा उन्हें असाधारण गतिविधियों का सामना करना पड़ा और इसी वजह से यह गाँव वीरान का वीरान ही रहा।
इसके बाद धीरे-धीरे गाँव ने प्रेतवाधित गाँव के रूप में अपनी पहचान बना ली और इससे बहुत से पर्यटक इसकी तरफ आकर्षित होने लगे। गाँव के आस-पास के स्थानिक लोगो का इन प्रेतवाधित कहानियो पर जरा भी भरोसा नही है लेकिन फिर भी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए वे ऐसी कहानियो का प्रचार-प्रसार करते रहते है।
2006 में वनस्पति अध्ययन के लिए सरकार ने यहाँ “जुरैसिक कैक्टस पार्क” की स्थापना की।
2010 में भारतीय असाधारण सोसाइटी के गौरव तिवारी ने इस जगह पर असाधारण गतिविधियों को देखने का दावा भी किया है। सोसाइटी के 18 सदस्यों के समूह ने 12 दुसरे लोगो के साथ गाँव में पूरी एक रात गुजारी थी। उन्होंने दावा किया है की उन्हें रात में घुमती हुई परछाई, डरावनी आवाज, बोलती हुई स्त्रियाँ और दूसरी असाधारण गतिविधियाँ देखने मिली।
2011 में सैफ़ अली खान की “एजेंट विनोद” फिल्म के कुछ दृश्यों की शूटिंग यहाँ की गयी है। फिल्म क्रू ने शूटिंग के लिए यहाँ एक नये सेट का निर्माण करवाया था। उन्होंने तबाह दीवारों को उर्दू शब्दों और तालिबान बिल्ला से रंग दिया था। बहुत से स्थानिक लोगो ने एतिहासिक विरासत से छेड़-छाड़ करने के लिए उनका विरोध भी किया था। परिणामस्वरूप राजस्थान सरकार ने भी शूटिंग बीच में ही रोक दी थी।
साल 2015 में राजस्थान सरकार ने सक्रीय रूप से इस जगह को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया। इस प्रोजेक्ट को सामाजिक-व्यक्तिगत भागीदारी के तहत जिंदल स्टील को सौपा गया। उनकी योजनाओ में पर्यटकों के लिए कैफ़े, कुर्सियाँ और रात में रुकने के लिए कॉटेज का निर्माण और खाने-पिने की दुकाने खुलवाना था।
नोट: कुलधरा गाँव के बारे में सिर्फ जानकारी देने के उद्देश्य से ये लेख लिखा है। आप इसपर विश्वास करे या अंधविश्वास ये आपपर निर्भर करता है।
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ईन सभी बातो मे कुछ सच्चाई भी हौ सकती है । क्योकि बिना आग के धुंआ नहि उठता ॥
Mai balotra me 4year rahne ke baad bhi nahi ja saka.but mere friend sh.kheta ram panwa ji sheo barmer niwasi ne mujhe yahan ki interesting history ki jankari di.m mujhe ek baar aana hai kuldhara dekhne.Rajan.khan.Bihar
कुल्धारा ग़ाव के बारे में मैंने भी बहुत कुछ सुना था मगर आपने पूरा इतिहास बता दिया शुक्रिया ज्ञानी पंडित जी ……..
धन्यवाद तपन जी, आपने हमारे इस पोस्ट को पढ़ने के लिए। कुल्धारा गांव कई रहस्यों भरा पड़ा है जिसको लेकर अंधविश्वास भी लोगों के बीच फैला हुआ है, फिलहाल हमने इसकी जानकारी आप तक पहुंचाने की कोशिश की है।
कुलधरा गावं की कहानी पढ़कर इसके बारेमें रोचकता बढ़ गयी, अब यहाँ विजिट करने का मन हो रहा हैं.
धन्यवाद शिल्पा जी इस पोस्ट को पढ़ने के लिए, इस रहस्यमयी कलुधरा गांव को पहले टूरिस्ट प्लेस के रूप में भी विकसित करने की योजना थी वहीं कई पर्यटक आज भी इस गांव में आते हैं और इसका रहस्य जानने की कोशिश करते हैं।