1993 Mumbai Blast Story
अक्सर कई ऐसी घटनाएं घटित हो जाती है जो एक बुरी याद होकर भी कभी भुलाई भी नहीं जा पाती। ऐसी ही घटना की गवाह मुंबई साल 1993 में बना था। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के लिए कहा जाता है कि मायानगरी मुंबई की रफ्तार के साथ किसी के लिए भी चलाना काफी मुश्किल है लेकिन एक बार जिसे इस मायानगरी की आदत लग जाती है फिर वो चाह कर भी इसे दूर नहीं रह पाता।
1993 के बम धमाके की कहानी – 1993 Mumbai Blast Story
ग्लैमर, बॉलीवुड और अंडरवर्ल्ड की कहानियों से भरी मुंबई पर कई अंडरवर्ल्ड डॉन ने राज किया जिनमें कभी हाजी मस्तान, करीम लाला और वरदराजन मुदलियार का नाम शामिल था। जिनके बीच मे अक्सर मुंबई पर राज करने के लिए गैंगवार होती रहती थी। लेकिन मुंबई के आंतक की कहानी उस दिन खुलकर आई जब साल 1993 में मुंबई बम ब्लास्ट मे एक ऐसा हमला हुआ। जिसमें 257 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई वहीं 713 लोग गंभीर रुप से घायल हो गए।
इस ब्लास्ट में इतना आरडीएक्स इस्तेमाल किया गया था जितना शायद इसे पहले सिर्फ दूसरे विश्वयुद्ध में हुआ था। इस बम धमाके में करीब 189 लोगों पर मामला दर्ज किया गया था। जिसमें मुंबई के कई बड़े- बड़े नाम शामिल थे। एक्टर संजय दत्त को भी 6 साल की सजा इसी मामले में हुई थी। साल 2006 में 1993 के बम धमाके में आरोपियों में से 100 आरोपियों को सजा सुनाई गई थी। जिसमें से 7 आरोपियों को मौत की सजा भी सुनाई गई थी।
इसके अलावा बम धमाके के एक ओर आरोपी अबू सलेम को साल 2005 में पुर्तगाल से प्रत्यर्पित किया गया। लेकिन प्रत्यपित नियम के कारण कोर्ट अबू सलेम को फांसी की सजा नहीं सुना सकती है। हालांकि अबू सलेम सहित 6 आरोपियों को टाडा की अदालत ने दोषी करार दिया है। आपको बता दें अबू सलेम के बयान के कारण ही एक्टर संजय दत्त पर लगे आरोप भी मजबूत हुए थे। लेकिन क्या आप जानते है असल में मुंबई हमालों को मास्टर माइंड कौन था।
मुंबई बम धमाके मुख्य आरोपी दाऊद इब्राहिम, दाऊद का भाई अनीस इब्राहिम सहित 20 आरोपी आज भी फरार है। और दाऊदी इब्राहिम ही असल में 1993 में बम धमाकों का साजिशकर्ता भी माना जाता है जिसकी तलाश भारतीय एजेंसियां आज भी कर रही है।
माना जाता है कि 12 मार्च 1993 में हुए बम धमाके की साजिस साल 1992 मे हुए बाबरी मस्जिद विधवंस के बाद शुरु हुई थी जिसकी असल नींव पाकिस्तान में रखी गई। तो आप एक तरह से ये भी कह सकते है कि कहीं ना कही इस हमले में पाकिस्तान भी शामिल था। कुछ रिपोर्टस की माने तो हमले के लिए आरोपियों को ट्रेनिंग भी पाकिस्तान में दी गई थी। और समुद्र के रास्ते हथियार और इन आरोपियों को मुंबई लाया गया था।
वैसे भी उन दिनों सभी गैर कानूनी कामों को पानी के रास्ते ही अंजाम दिया गया था। दाऊद इब्राहिम के सभी गैर कानूनी काम और तस्कारियां इसी रास्ते से होती थी। और दाऊद इस बात को अच्छे से जानता था कि बम धमाके के बाद भारत की हर एजेंसी उसे पकड़ने में जुट जाएगी। जिस वजह से उसने अपने वफदारों के साथ पाकिस्तान में पनाह ले ली। हालांकि दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में है या नहीं इसकी अधिकारिक पुष्टि किसी के पास नहीं है।
लेकिन 1993 का मास्टरमाइंड दाऊद ही था इस बात की पुष्टि खुद दाऊद ने खुद अपने एक इंटरव्यू के जरिए की थी। दरअसल अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम ने खुद उस समय के जानेमाने पत्रकार बलजीत परमार को फोन करके कहा था कि भाई साहब हमारे धमाके कैसे लगे ? आपको बता दें पत्रकार बलजीत परमार वही पत्रकार थे जिन्होनें 1993 के बम धमाके में संजय दत्त की खबर ब्रेक की थी।
1993 में हुए बम धमाकों को 25 साल बीत चुके है लेकिन मुंबई को मिला वो घाव आज भी नहीं भरपाया है क्योंकि उस बम धमाके ने न जाने कितने परिवारों को अनाथ कर दिया। हालांकि 1993 के बाद मुबंई पर आतंकियों की पकड़ कमजोर होती चली गई। जिसमें महाराष्ट्र की पुलिस ने अहम योगदान निभाया। जिन्होनें वहां दोबारा अंडरवर्ल्ड को पनपने नहीं दिया।
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