स्वतंत्रता दिवस पर भाषण – 15 August Par Bhashan
सभी माननीयों और यहां पर मौजूद मेरे सहपाठियो, मित्रों और समस्त छोटे-भाई बहनों सभी को मेरा सादर प्रणाम। सर्वप्रथम मै आप सभी को राष्ट्रीय एकता, प्रेम और सदभाव के इस पर्व को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई देता हूं।
इस मौके पर हम सभी आजादी का जश्न मनाने के लिए इकट्ठे हुए हैं। 15 अगस्त के दिन का हम सभी को पूरे साल बेसब्री से इतंजार रहता है, क्योंकि इस दिन हम अपना राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और मातृभूमि के उन वीर सपूतों के बलिदानों और कुर्बानियों को याद करते हैं, जिन्होंने देश को आजादी दिलवाने के लिए कई सालों तक संघर्ष किया और देश के लिए अपने प्राणों की आहूति दे दी थी।
इस मौके पर हम सभी अपने देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों की वीरता को सलामी देते हैं और उनकी शौर्यगाथा को सुनाकर फक्र महसूस करते हैं। इस मौके पर मै बेहद खुशी महसूस कर रहा हूं / कर रही हूं कि आज मुझे राष्ट्रीयता के इस पर्व के दौरान अपने विचार रखने का सुनहरा मौका मिला है।
मै अपने भाषण की शुरुआत शहीदों पर लिखी गईं कुछ पंक्ति के माध्यम से करना चाहता हूं/चाहती हूं-
“चलो आज फिर से वह नज़ारा याद कर ले, शहीदों के दिल में थी जो ज्वाला याद कर लें,
जिस ज्वाला मे बहकर आज़ादी पहुंची थी किनारे पे देशभक्तो के खून की वो धारा याद कर लें.. ।।”
जैसे कि हम सभी जानते हैं कि 15 अगस्त, 1947 को हमारा भारत देश अंग्रेजों के चंगुल से आजाद हुआ था।
इस दिन भारतवासियों को कई सालों तक अंग्रेजो के अत्याचार सहने के बाद ब्रिटिश शासन से मुक्ति मिली थी, इसलिए इस दिन को हम सभी भारतीय स्वतंत्रता दिवस के रुप में हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं।
भारत को आजाद करवाने के लिए हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने पूरे जीवन भर संघर्ष किया और कई शहीदों ने तो अपने प्राणों की भी बाजी लगा दी थी, तब जाकर हमारे भारत देश को आजादी मिली थी।
भगत सिंह, चन्द्र शेखर आजाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, नेता जी सुभाष चन्द्र बोस, बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय समेत भारत के कई स्वतंत्रता सेनानियों ने न सिर्फ आजादी पाने के लिए अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया बल्कि उन्होंने सभी भारतीयों को एकजुट कर उनके अंदर आजादी पाने की अलख जताई।
वहीं इस दौरान भारत माता के कई स्वतंत्रता सेनानियों को अंग्रेजों के अमानवीय अत्याचारों का भी सामना करना पड़ा था एवं जेल की प्रताड़ना भी सहनी पड़ी थीं। हम लोग तो आजादी के पहले इन वीर सपूतों और देश के लोगों द्धारा झेले गए तमाम कष्ट और संघर्ष के उन डरावने पलों की कल्पना भी नहीं कर सकते। वहीं सभी स्वतंत्रता सेनानियों और वीर जवानों ने अपने-अपने तरीकों से देश को आजादी दिलावाई।
भगत सिंह,चंद्र शेखऱ आजाद ने जहां क्रांतिकारी और उग्रवादी गतिविधियों के द्धारा अंग्रेजों के छक्के छुड़ाए तो वहीं दूसरी तरफ महात्मा गांधी जी ने शांति और अहिंसा के मार्ग पर चलकर देश को आजादी दिलवाई और अपने स्वतंत्र भारत के सपने को पूरा कर अंग्रेजों को भारत देश से बाहर खदेड़ दिया।
क्रूर अंग्रेज शासकों ने हमारे देश के वीर जवानों के हौसले को कमजोर करने की नाकाम कोशिश भी की थी।
इसके साथ ही कई नापाक चालें चलीं एवं क्रूर नीतियां अपनाई लेकिन ब्रिटिश शासक भारत माता के इन सच्चे सपूतों के हौसलों को एक पल के लिए भी डगमगा नहीं सके, बल्कि अंग्रजों की इन क्रूर नीतियों ने देश के स्वतंत्रता सेनानियों के अंदर आजादी पाने की ज्वाला और भी ज्यादा भड़का दी थी, जिससे आजादी की राहें आसान हो गईं थी।
इस दौरान स्वतंत्रता सेनानी ने अपने प्रभावशाली और क्रांतिकारी भाषणों के माध्यम से सभी भारतीयों को एकजुट कर स्वाधीनता पाने की लड़ाई लड़ने का आह्रावान किया, जिसके बाद बड़ी संख्या में देश के सभी नौ जवानों ने स्वतंत्रता की इस लड़ाई में अपना योगदान दिया।
भारतीय एकता की शक्ति को देखकर बिट्रिश शासक भी कमजोर पड़ गए थे और अंत में भारत छोड़ने के लिए विवश हो गए और इस तरह हम सभी भारतीय गुलामी की बेड़ियों से आजाद हुए।
आज का दिन हम सब भारतवासी के लिए बेहद गौरवपूर्ण दिन है और आजादी का जश्न मनाने का दिन है। स्वतंत्रता दिवस, हम लोगों को अपने वीर जवानों की कुर्बानियों और बलिदानों को याद दिलावाता है, जिन्होंने हमें स्वतंत्रतापूर्ण एवं शांतिपूर्ण जीवन देने के लिए अपना पूरा जीवन कुर्बान कर दिया।
इसके साथ ही आजादी का यह पर्व देश की सरहद पर तैनात सैनिकों के आभार जताने का मौका देता है। इस राष्ट्रीय पर्व पर देश के लिए उत्कृष्ट काम करने वाले नौजवानों को सम्मानित कर उनका हौसला भी बढ़ाया जाता है।
आज हम अपनी धरती मां के वीर सपूतों के त्याग, बलिदान और कुर्बानियों की बदौलत ही अपनी मर्जी के मुताबिक कुछ भी कर सकते हैं, कहीं भी जा सकते हैं, किसी भी तरह की शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं, किसी भी मुद्दे पर अपने विचार प्रकट कर सकते हैं।
इसलिए इस मौके पर हमें अपनी स्वतंत्रता की रक्षा करने का भी संकल्प लेना चाहिए।
आज हमारा भारत देश पूरी दुनिया में लोकतांत्रिक देश के रुप में अच्छे से स्थापित है और विकास की सही रास्ते पर चल रहा है। जब से हमारा देश ब्रटिश शासकों के चंगुल से आजाद हुआ है, तब से हमारे राष्ट्र ने काफी उन्नति की है।
आज भारत के वैज्ञानिकों, शिक्षकों, समाजसेवकों, राजनेताओं, अधिकारियों समेत कई गणमान्य नागरिकों की मेहनत और तपस्या के बल पर आज भारत देश सफलता के इस मुकाम पर पहुंचा है।
वहीं देश के स्वास्थ्य, शिक्षा, चिकित्सा, परिवहन, यातायात आदि विभाग में जमकर विकास हुआ है, आज देश का कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है जिसमें तरक्की नहीं की हो। और लगातार हमारा देश तरक्की के पथ पर अग्रसर है।
हालांकि आज भी हमारे देश में कालाबाजारी, भ्रष्टाचार, जमाखोरी, रिश्वतखोरी आदि की समस्याएं हैं, जिसको हम सभी भारतीयों नागरिकों को मिलकर दूर करना चाहिए। एवं सभी को अपनी स्वतंत्रता की रक्षा करनी चाहिए एवं इस पर्व पर हम सभी को अपने भारत देश की एकता और अखंडता को बरकरार रखने के लिए संकल्प लेना चाहिए, ताकि हमारा देश निरंतर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ सके और पूरी दुनिया के लिए एक आदर्श देश बन सके।
मै अपने भाषण का अंत कुछ पंक्तियों के माध्यम से करना चाहती हूं –
“हम आजाद हैं, ये आजादी कभी छिनने नहीं देंगे तिरंगे की शान को हम कभी मिटने नहीं देंगे
कोई नज़र भी उठाएगा जो हिंदुस्तान की तरफ उन नजरों को फिर दुनिया देखने नहीं देंगे।।”
जय हिन्द।
जय हिन्द जय भारत ||