12 Jyotirling
हमारा देश बहुत पारम्परिक संस्कृतियों से बना हैं। यहाँ सभी जाती धर्म के लोग एक साथ एकता से और बड़े प्यार से रहते हैं। हर धर्म की संस्कृति और इतिहास अलग अलग हैं। उनमें से एक धर्म हैं हिन्दू धर्म। हिन्दू धर्म में 33 करोड़ भगवान को पूजा जाता हैं हर इंसान अपनी अपनी श्रध्दा के अनुसार अपने भगवान को पूजता हैं। आज हम यहाँ भगवान् शिव के 12 ज्योतिर्लिंग – 12 Jyotirling और भगवान शिव के “द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्रम्” के बारें में जानेंगे –
12 ज्योतिर्लिगों की इतिहास और जानकारी – 12 Jyotirling
हिन्दू किंवदंतियों के अनुसार ज्योतिर्लिंग का अर्थ “सर्वशक्तिमान शिवजी के उज्ज्वल संकेत” से है। भारत में कुल 64 ज्योतिर्लिंग है जो जगह-जगह पर बने हुए है। इन ज्योतिर्लिंगों में से 12 को ही मुख्य ज्योतिर्लिंग में शामिल किया गया है। भारत में इन ज्योतिर्लिंगों को काफी पवित्र माना जाता है।
भगवान महादेव को अलग-अलग नामो से जाना जाता है। हिन्दुओ के बीच ज्योतिर्लिंग काफी प्रसिद्ध है। ज्योतिर्लिंग एक प्रकार से भगवान शिव का एक मंदिर है, जहाँ ज्योतिर्लिंग के रूप में उनकी पूजा की जाती है।
भारत में जहाँ-जहाँ 12 ज्योतिर्लिंग है, उन जगहों को मुख्य देवता के नाम से जाना जाता है। हर ज्योतिर्लिंग की जानकारी अलग-अलग दी गयी हैं। नीचें दिए गयें 12 ज्योतिर्लिगों में से जिस ज्योतिर्लिग की जानकारी और इतिहास आपको जानना हैं उस ज्योतिर्लिग के नाम पर क्लिक करे।
1. सोमनाथ ज्योतिर्लिंग:
भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगो में से यह पहला है। सोमनाथ मंदिर, गुजरात के काठियावाड़ जिले के वेरावल में बना हुआ है। देश के सबसे प्रख्यात और प्रसिद्ध मंदिरों में से यह एक है। इस ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति से लेकर एतिहासिक कथा भी है। इस ज्योतिर्लिंग के बारेमें विस्तार पूर्वक जानने के लिए जरुर पढ़े – Somnath – Gujarat, Saurashtra
2. मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग:
श्री ब्रमराम्भा मल्लिकार्जुना मंदिर भगवान शिव-पार्वती को समर्पित हिन्दू मंदिर है, जो भारतीय राज्य आंध्रप्रदेश के श्रीसैलम में बना हुआ है। यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक और देवी पार्वती के आंठ शक्ति पीठो में से एक है। इस ज्योतिर्लिंग के बारेमें विस्तार पूर्वक जानने के लिए जरुर पढ़े – Mallikarjuna – Srisailam, Andhra Pradesh
3. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग:
महाकालेश्वर मंदिर शिप्रा नदी के तट पर मध्यप्रदेश के उज्जैन में महाकाल के जंगलो में बना हुआ है। मध्य भारत के मुख्य धार्मिक स्थलों में यह एक है। इस ज्योतिर्लिंग से जुडी हुई बहुत सी किंवदंतियाँ हमें इतिहास में सुनाई देती है। इस ज्योतिर्लिंग के बारेमें विस्तार पूर्वक जानने के लिए जरुर पढ़े – Mahakaleswar – Ujjain, Madhya Pradesh
4. ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग:
ओंकारेश्वर मंदिर मध्यप्रदेश की नर्मदा नदी के तट पर शिवपुरी द्वीप पर बना हुआ भगवान शिव का ज्योतिर्लिंग है। ओंकारेश्वर शब्द का अर्थ “ओमकार के भगवान” से है। इस ज्योतिर्लिंग के बारेमें विस्तार पूर्वक जानने के लिए जरुर पढ़े – Omkareshwar – Omkareshwar, Madhya Pradesh
5. वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग:
वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर को साधारणतः बाबा बैद्यनाथ धाम और बैद्यनाथ धाम के नाम से भी जाना जाता है, यह भगवान शिव के पवित्र 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मंदिर भारत के झारखण्ड जिले के देवगढ़ में बना हुआ है। मंदिर के परिसर में बाबा बैद्यनाथ के मुख्य मंदिर के साथ-साथ दुसरे 21 मंदिर भी है। इस ज्योतिर्लिंग के बारेमें विस्तार पूर्वक जानने के लिए जरुर पढ़े – Baidyanath – Deoghar, Jharkhand
6. भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग:
भीमाशंकर मंदिर महाराष्ट्र में पुणे के सह्याद्री क्षेत्र में बना हुआ है। यह मंदिर भीमा नदी के तट पर बना हुआ है, जिसे नदी का उद्गम स्थल भी माना जाता है। कहा जाता है की युद्ध के बाद जो पसीना भगवान शिव के शरीर से निकला, वही बाद में भीमा नदी में परिवर्तित हो गया। इस ज्योतिर्लिंग के बारेमें विस्तार पूर्वक जानने के लिए जरुर पढ़े – Bhimashankar – Bhimashankar, Maharashtra
7. रामेश्वर ज्योतिर्लिंग:
रामेश्वर मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में सुदूर दक्षिण भाग में बना हुआ एकमात्र ज्योतिर्लिंग है, जो तमिलनाडु के सेतु सीमा स्थल पर रामेश्वरम् द्वीप पर बना हुआ है। यह मंदिर विशेषतः अपनी वास्तुकला और आभूषित टावर्स, खिडकियों और दरवाजो के लिए जाना जाता है। इस ज्योतिर्लिंग के बारेमें विस्तार पूर्वक जानने के लिए जरुर पढ़े – Rameshwaram – Rameswaram, Tamil Nadu
8. नागेश्वर:
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जिसका विवरण शिवपुराण में भी किया गया है। भगवान शिव के मंदिरों में यह पहला मंदिर है जिसका विवरण शिवपुराण में किया गया है। नागेश्वर मंदिर या नागनाथ मंदिर गोमती द्वारका और द्वारकापूरी के बीच गुजरात में सौराष्ट्र की सीमा पर बना हुआ है। इस मंदिर का अद्भुत रूप निश्चित रूप से देखने लायक है और शिवभक्तो के लिए तो यह मंदिर कैलाश पर्वत से कम नही। इस ज्योतिर्लिंग के बारेमें विस्तार पूर्वक जानने के लिए जरुर पढ़े – Nageshwar – Almora, Uttarakhand
9.काशी विश्वनाथ:
काशी विश्वनाथ मंदिर दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित जगह- काशी में बना हुआ है। यह मंदिर भारत के धार्मिक शहर बनारस (वाराणसी) में बना हुआ है। वाराणसी में पाए जाने वाले घाट और गंगा के रहते हुए भी इस मंदिर को सबसे पवित्र माना जाता है। इस ज्योतिर्लिंग के बारेमें विस्तार पूर्वक जानने के लिए जरुर पढ़े – Kashi Vishwanath – Uttar Pradesh, Varanasi
10. त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग:
त्रिंबकेश्वर या त्र्यंबकेश्वर एक प्राचीन हिन्दू मंदिर है, जो भारत में नाशिक शहर से 28 किलोमीटर और नाशिक रोड से 40 किलोमीटर दूर त्रिंबकेश्वर तहसील के त्रिंबक शहर में बना हुआ है। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर है और साथ ही भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जहाँ हिन्दुओ की वंशावली का पंजीकरण भी किया जाता है। पवित्र नदी गोदावरी का उद्गम भी त्रिंबक के पास ही है। इस ज्योतिर्लिंग के बारेमें विस्तार पूर्वक जानने के लिए जरुर पढ़े – Trimbakeshwar – Trimbakeshwar, Maharashtra
11. केदारनाथ ज्योतिर्लिंग:
केदारनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित हिन्दू मंदिर है। यह मंदिर भारत के उत्तराखंड में केदारनाथ की मंदाकिनी नदी के पास वाली घरवाल हिमालय पर्वत श्रुंखालओ पर बना हुआ है। यह मंदिर हिमालय पर 12000 फीट की ऊंचाई पर केदार नाम के पर्वत पर बना हुआ है। तीर्थस्थल हरिद्वार से यह 150 मील दूर है। मंदिर के दर्शन साल में केवल 6 माह के लिए ही खुले रहते है। माना जाता है की यह मंदिर काफी पुराना है और सदियों से लोग इसकी पूजा कर रहे है। इस ज्योतिर्लिंग के बारेमें विस्तार पूर्वक जानने के लिए जरुर पढ़े – Kedarnath – Kedarnath, Uttarakhand
12. घ्रुश्नेश्वर ज्योतिर्लिंग:
घ्रुश्नेश्वर मंदिर को कभी-कभी घर्नेश्वर ज्योतिर्लिंग और धुश्मेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता है और साथ ही शिव पुराण में वर्णित भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से यह एक है। घर्नेश्वर शब्द का अर्थ ‘करुणा के स्वामी’ से है। इस ज्योतिर्लिंग को भगवान शिव का बारहवां और अंतिम ज्योतिर्लिंग भी कहा जाता है। इस ज्योतिर्लिंग के बारेमें विस्तार पूर्वक जानने के लिए जरुर पढ़े – Grishneshwar – Ellora caves, Maharashtra
द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्रम् – Dwadasa Jyotirlinga Stotram
सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्। उज्जयिन्यां महाकालमोङ्कारममलेश्वरम्॥
परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशङ्करम्। सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने॥
वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे। हिमालये तु केदारं घुश्मेशं च शिवालये॥
एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रातः पठेन्नरः। सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति॥
एतेशां दर्शनादेव पातकं नैव तिष्ठति। कर्मक्षयो भवेत्तस्य यस्य तुष्टो महेश्वराः॥:
द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्रम्
English Conversion
“Saurashtre Somanathamcha Srisaile Mallikarjunam|
Ujjayinya Mahakalam Omkaramamaleswaram ||
Paralyam Vaidyanathancha Dakinyam Bheema Shankaram |
Setu Bandhethu Ramesam, Nagesam Darukavane||
Varanasyantu Vishwesam Tryambakam Gautameethate|
Himalayetu Kedaaram, Ghrishnesamcha shivaalaye||
Etani jyotirlingani, Saayam Praatah Patennarah|
Sapta Janma Kritam papam, Smaranena Vinashyati||”
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Bahut hi badhiya, 12 Jyotirling ki jaankari aek hi jagah par or vistrut rup se mil jaati he