जानिए पोरस और सिकंदर के बीच हुए युद्ध में क्या हुआ था?

Battle of Hydaspes

भारत के प्राचीन राजा पोरस का राज्य पंजाब में झेलम से लेकर चेनाब नदी तक फैला हुआ था जोकि अब पाकिस्तान में उपस्थित है। राजा पोरस पोरवा राजवंश से थे, उनकी राजधानी वर्तमान लाहौर के आस पास है। उन्हें भारतीय राजा पर्वतक व इतिहासकार पुरु के नाम से भी जाना जाता है।

झेलम व चेनाब नदी के पास खोखर लोग रहते थे जिन्होंने पृथ्वीराज चौहान की मौत का बदला लेने के लिए मोहम्मद गौरी की हत्या करदी थी। ग्रीक इतिहास में न केवल सिकंदर कि बहादुरी बल्कि राजा पोरस कि बहादुरी का भी वर्णन किया गया है।

Battle of Hydaspes
Battle of Hydaspes

जानिए पोरस और सिकंदर के बीच हुए युद्ध में क्या हुआ था? – Battle of Hydaspes

Alexander के युद्ध के साथ साथ राजा पोरस व सिकंदर का युद्ध काफी प्रसिद्ध है। राजा पोरस अपनी बहादुरी के लिए जाने जाते थे जब सिकंदर भारत युद्ध लड़ने के लिए आया था तब खोखरो ने राजा पोरस के साथ मिलकर उसे कड़ी टक्कर दी।

उन दोनों के बीच हुए इस युद्ध को ग्रीक भाषा में ‘Battle of The Hydaspes’ के नाम से जाना जाता है। इस युद्ध को मई 326 ईस्वी में लड़ा गया था Hydaspes झेलम नदी को कहा गया है।

सिकंदर ने अपने 50 हजार सैनिक, 7 हजार घुड़सवार को लेकर यह हमला किया था जबकि पोरस के पास मात्रा 20 हजार सैनिक, 4 हजार घुड़सवार, 4 हजार रथ व 130 हाथी थे।

राजा पोरस का राज्य सिंधु पंजाब के एक बड़े भाग पर स्थित था व झेलम और चेनाब नदी को पार किये बिना उनके राज्य में कदम रखना मुश्किल था।

राजा पोरस ने सिकंदर को यह नदी पार करने दी क्योकि उन्हें अपनी वीरता व सैनिको पर पूरा विश्वास था। सिकंदर के नदी पार करने के बाद नदी में बाढ़ आ गयी थी जिससे सिकंदर बुरी तरह फंस गया। पोरस के राज्य पर आक्रमण करने के लिए गांधार तक्षशिला के राजा आम्भी ने सिकंदर की गुप्त सहायता की थी क्योकि वे राजा पोरस को अपना दुश्मन मानते थे।

राजा पोरस ने सिकंदर के भेजे हुए सन्देश को ठुकरा दिया जिसमे पोरस को आत्मसमर्पण करने की बात कही गयी थी।

पोरस की सेना ने यूनानी सिकंदर की सेना पर भयंकर तरीके से हमला किया जिससे पहले दिन ही सिकंदर की सेना हताहत हो गयी थी। पोरस ने सिकंदर कि सेना के सामने अपने हाथी चट्टानों कि तरह खड़े कर दिए।

युद्ध में भारतीय हाथियों ने सिकंदर की सेना के साथ ऐसी जंग की कि यूनानी सेना 8 घंटे लगातार युद्ध करने के बावजूद कुछ नहीं कर पायी। पोरस की सेना के पास ऐसे ऐसे हथियार थे जो कभी देखे भी नहीं गए थे।

इस युद्ध से दोनों सेनाओ के कई सैनिको की मृत्यु हुई परन्तु सिकंदर हार मानने को तैयार नहीं था वह युद्धभूमि में राजा पोरस को हराने के लिए कोशिश कर रहा था परन्तु पोरस के भाई अमर ने सिकंदर के घोड़े को मारकर उसे नीचे गिरा दिया जिससे सिकंदर के अंगरक्षक उसे जल्दी में वहाँ से भगा ले गए सिकंदर को इतनी क्षति हुई थी की वह बीच रास्ते में बबीलोन में ही मर गया।

ऐसा युद्ध का सामना यूनानी सैनिको ने अपने जीवनकाल में पहली बार किया था।

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