भद्रचलम मंदिर – Bhadrachalam Temple
भद्रचलम तेलंगाना के खम्मम जिले में स्थित तीर्थयात्रा का एक प्रमुख शहर है। भद्रचलम का मंदिर शहर गोदावरी नदी के तट पर स्थित है। यह 1959 तक आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले का हिस्सा था।
यह शहर भगवान राम को समर्पित अपने प्रसिद्ध मंदिर है। भद्रचलम राजस्व प्रभाग देश के सबसे बड़े राजस्व विभागों में से एक माना जाता है, जिसे प्रशासनिक उद्देश्यों के लिए तेलंगाना क्षेत्र के खम्मम जिले में स्थानांतरित कर दिया गया था।
भद्रचलम मंदिर का इतिहास – Bhadrachalam Temple History
भद्रचलम मंदिर के इतिहास के अनुसार, भद्रचलम का मंदिर 17 वीं शताब्दी के संत संगीतकार कंचला गोपन्ना के जीवन से निकटता से जुड़ा हुआ है, जिसे भक्त रामदास के नाम से जाना जाता था।
कहा जाता है कि गोपन्ना भद्रचलम (17 वीं शताब्दी के दूसरे छमाही) के तहसीलदार थे, कहा जाता है कि उन्होंने इस मंदिर का निर्माण करने के लिए सरकारी खजाने से पैसे का इस्तेमाल किया था, और गोलकोंडा में एक कालकोठरी में कैद किया गया था।
कहा जाता है कि भगवान राम ने सुपतन को गोपन्ना द्वारा खर्च किए गए पैसे को चमत्कारी रूप से दिया है, जिसके बाद उन्हें रिहा कर दिया गया था। गोपन्ना तब भद्रचल रामदास बन गए और राम की प्रशंसा में तेलुगु में असंख्य गीतों को लिखने के लिए आगे बढ़े।
भद्रचलम मंदिर मनाएं जाने वाले त्यौहार – Bhadrachalam Temple Festivals
- वैकुंटा एकादशी (मुकोकती): दिसंबर
- सभी हिंदू त्यौहार
भद्रचलम मंदिर कैसे पहुंचे? – How to Reach Bhadrachalam Temple
सड़क से: राज्य बस सेवा, टीएसआरटीसी शहर को कोठगुडेम, हैदराबाद, खम्मम, वारंगल, तिरुपति, राजामंड्री, नलगोंडा, चेन्नई, विजयवाड़ा और विशाखापत्तनम जैसे विभिन्न स्थानों पर जोड़ने वाली कई बसों को संचालित करती है
रेल से: निकटतम रेलवे स्टेशन भद्रचलम (कोथगुडेम) है जो 40 किमी है।
हवाई जहाज से: विजयवाड़ा निकटतम हवाई अड्डा है जहां से उड़ानें उपलब्ध हैं।
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एक और शानदार ज्ञानवर्धक जानकारी… इस दिशा मे केंद्र सरकार ने एक अच्छा कदम उठाते हुए रामायण सर्किट के अंतर्गत राम से जुड़े सभी तीर्थ स्थलों को जोड़ने का काम कर रही है जो इन क्षेत्रों मे पर्यटकों की संख्या मे अपार वृद्धि मे सहायक होगा