Pondicherry – पुदुच्चेरी का 2006 तक नाम पॉन्डिचरी था, जो भारत का एक छोटा केंद्रशासित प्रदेश है। इसके नाम का मतलब है नई बस्ती या नया शहर। इतिहासकारों के अनुसार पुदुच्चेरी प्राचीन साधू अगस्त्य का निवास स्थान था।
पुदुच्चेरी का इतिहास और जानकारी – Pondicherry History information
पुडुचेरी से जुड़ा हुआ इतिहास दूसरी शताब्दी के समय का है। 1944 और 1949 में की गयी पुरातात्विक खुदाई में यह पता चला है की “यह एक व्यापर केंद्र था, जहाँ पहली शताब्दी CE में रोमन उत्पादक आयात किये जाते थे।”
चौथी शताब्दी के पल्लव राजवंश ने यहां कुछ समय के लिए शासन किया। उसके बाद चोल, पंड्या और विजयनगर,मदुरई सल्तनत जैसे दूसरे कई दक्षिणी राजवंश यहाँ शासन किया। सन् 1674 में फ्रांसीसी गवर्नर फ्रेंकोइस मारिन ने इस छोटे से गांव को एक बड़े बंदरगाह में बदल दिया।
फ्रांसीसियों ने पुदुच्चेरी शहर में रुचि लेने से यह शहर मशहूर हुआ। हालांकि फ्रांसीसियों और अंग्रेजों के बीच कई युद्ध हुए लेकिन पुदुच्चेरी पर फ्रांसीसियों का ही हमेशा शासन रहा।
जब फ्रेंच भारत का अस्तित्व समाप्त हो गया तो पुदुच्चेरी को भारतीय घटक संघ शासित प्रदेश में शामिल किया गया।18 वीं सदी के आसपास इस शहर में ने बहुत प्रगति की।
यहाँ की इमारतो और मार्गो में आज भी हमें राज्य का इतिहास दिखाई देता है। राज्य के मार्गो और चर्च पर भी फ्रेंच कालीन किंवदंतियां सुनने मिलती है।
पुदुच्चेरी की भाषा – Pondicherry language
पुदुच्चेरी की संस्कृति में विविधता होने की वजह से यहाँ बहुत सी भाषाओ का उपयोग किया जाता है। राज्य की अधिकतर लोग तमिल, तेलगु और मलयालम भाषा का प्रयोग करते है। जबकि यहाँ फ्रेंच और अंग्रेजी का भी उपयोग किया जाता है। स्कूलों में तमिल, मलयालम और तेलगु भाषा के साथ-साथ अंग्रेजी और फ्रेंच भाषा का भी ज्ञान दिया जाता है।
लेकिन राज्य में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा अंग्रेजी है। जबकि यह भाषाए जिलो के हिसाब से बदलती रहती है।
पुदुच्चेरी के पर्यटन स्थल – Tourist places of Pondicherry
राष्ट्रिय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए पुदुच्चेरी उनकी पसंदीदा जगहों में से एक है। शिव मंदिर के 274 पादल पत्र स्थलों में से पुदुच्चेरी में एक स्थल है और करैकल क्षेत्र में इसके 4 शिव मंदिर है, जो इस बात का सबूत है की पुदुच्चेरी प्रदेश भगवान शिव के आध्यात्मिक और पुनीत तत्वों का भाग है।
जानकारों के अनुसार यह मंदिर चोला साम्राज्य के समय बनाये गये है। इन प्राचीन मंदिरों के दर्शन कर पर्यटन आध्यात्मिक ज्ञान से समृद्ध हो सकते है। हर साल विल्लिअनुर मंदिर के पास विशाल कार महोत्सव का आयोजन करने के लिए पुदुच्चेरी प्रदेश शासनव्यवस्था अधिकारिक छुट्टी भी घोषित करती है। और इस महोत्सव में राज्य के सभी महत्वपूर्ण लोग भाग लेते है।
पुदुच्चेरी श्री औरोबिन्दो (1872-1950) का निवास स्थान रह चूका है और श्री औरोबिन्दो आश्रम भी पुदुच्चेरी में ही बना हुआ है। राज्य में बहुत से प्राचीन किले, चर्च, मंदिर, स्मारक और पार्क बने हुए है, जो लाखो पर्यटकों को आकर्षित करते है।
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पॉन्डिचेरी के संस्थापक का क्या नाम है…?
सर,
पुदुच्चेरी, यनम, करिकाल और माहे को वर्तमान में इनकी स्थिति के अनुसार अलग-अलग राज्यों में ही क्यों नहीं समाहित किया गया ?
Pandicheri ka prachin name kya tha
पुदुच्चेरी, भारत गणराज्य का एक केन्द्र शासित प्रदेश है। पहले पुदुच्चेरी एक फ्रांसीसी उपनिवेश था जिसमे 4 अलग-अलग जिलों का समावेश था। वहीं पुदुच्चेरी का नाम पॉन्डिचरी इसके सबसे बड़े जिले पुदुच्चेरी के नाम पर पड़ा था। सितम्बर 2006 में पॉन्डिचरी का नाम आधिकारिक रूप से बदलकर पुदुच्चेरी कर दिया गया था।