मुंडेश्वरी देवी मंदिर – Mundeshwari Temple
मुंडेश्वरी देवी मंदिर भारत के बिहार राज्य के कैमूर जिले के कौर में बना एक मंदिर है। यह भगवान शिव और शक्ति को समर्पित प्राचीन हिन्दू मंदिर है और साथ ही यह भारत के प्राचीनतम हिन्दू मंदिरों में से एक है।
बिहार का मुंडेश्वरी देवी मंदिर – Mundeshwari Temple History
कहा जाता हैं की इस मंदिर का निर्माण 108 AD में किया गया है। जबकि कुछ लोग कहते हैं इसका इतिहास गुप्ता साम्राज्य (320 AD) से जुड़ा हुआ बताया गया है।
1915 से इस मंदिर की देखरेख आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया कर रहा है। इस मंदिर की रोचक बात यह है की मंदिर का वर्तमान द्वारपाल मुस्लिम है।
मुंडेश्वरी देवी मंदिर की वास्तुरचना – Mundeshwari Temple Architecture
पत्थरो से बना यह मंदिर अष्टकोणीय योजना के आधार पर बना हुआ है, जो दुर्लभ है। बिहार में नागरा अंदाज में बने शुरुवाती मंदिरों में से यह एक है। मंदिर के चार तरफ द्वार एवं खिड़कियाँ और बची हुई चार दीवारों पर छोटे-छोटी मूर्तियाँ बनी हुई है।
मंदिर के शिखर को नष्ट कर दिया गया है। जबकि छत का निर्माण मंदिर का नवनिर्माण करते समय किया गया। मंदिर की आंतरिक दीवारों पर फूलदान और पत्ते के आकार की नक्काशी की गयी है। मंदिर के प्रवेश द्वार को द्वारपाल, यमुना, गंगा और दूसरी बहुत सी मूर्तियों से सजाया गया है।
मंदिर में स्थापित की गयी मुख्य मूर्तियों में देवी मुंडेश्वरी और चतुर्मुख शिवलिंग है। साथ ही वहाँ असाधारण डिजाईन के दो पत्थर के पात्र है।
भले ही मंदिर के बीच में शिवलिंग का निर्माण किया गया हो, लेकिन फिर भी मंदिर की मुख्य मूर्ति में देवी मुंडेश्वरी शामिल है।
10 हाँथो की इस देवी को महिषासुरमर्दिनी के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर में कुछ प्रसिद्ध हिन्दू देवता जैसे गणेश, सूर्य और विष्णु की भी मूर्तियाँ है।
मंदिर का पर्याप्त हिस्सा नष्ट हो चूका है और बहुत से पत्थर मंदिर परिसर के आस-पास बिखरे हुए दिखाई देते है। कुछ समय के लिए यह स्थल ASI के पुरातात्विक अध्ययन का विषय बनी हुई थी।
मंदिर का पर्याप्त हिस्सा नष्ट हो चूका है और बहुत से पत्थर मंदिर परिसर के आस-पास बिखरे हुए दिखाई देते है। कुछ समय के लिए यह स्थल ASI के पुरातात्विक अध्ययन का विषय बनी हुई थी।
कहा जाता है की यहाँ प्राचीन समय से सभी परंपराओ को बिना किसी रूकावट के मनाया जाता है, इसीलिए इस मंदिर को भारत के प्राचीनतम कार्यात्मक मंदिरों में से एक माना जाता है। हर साल रामनवमी और शिवरात्रि के दिन हजारो श्रद्धालु यहाँ आते है।
मुंडेश्वरी देवी मंदिर उत्सव – Mundeshwari Temple Fastival
नवरात्र के समय रोहतक, भोजपुर, गया, औरंगाबाद, वाराणसी, मिर्ज़ापुर और बिहार एवं उत्तर प्रदेश के आस-पास के जिलो से हजारो लोग मंदिर और मंदिर में आयोजित मेला देखने के लिए आते है।
इस समय मंदिर और पहाड़ी के आस-पास के क्षेत्र को रंगों और रोशनियों से सजाया जाता है। पहाड़ी के निचले भाग में महेमान कक्ष भी बनाया गया है।
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