भारतीय राष्ट्रध्वज के डिज़ाइनर “पिंगली वेंकय्या” | Pingali Venkayya

Pingali Venkayya – पिंगली वेंकय्या एक स्वतंत्रता सेनानी और भारतीय राष्ट्रध्वज के डिज़ाइनर थे। वेंकय्या ने सबसे पहले भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस के लिए ध्वज की रचना की थी लेकिन 1947 में ध्वज में परिवर्तन कर राष्ट्रिय रूप में उसका उपयोग किया जाने लगा।

Pingali Venkayya

भारतीय राष्ट्रध्वज के डिज़ाइनर “पिंगली वेंकय्या” – Pingali Venkayya

पिंगली वेंकय्या जन्म 2 अगस्त 1876 को आंध्रप्रदेश के मासुलिपत्नम के पास भात्लापेनुमर्रु में हुआ था। चल्लापल्ली और हिन्दू हाई स्कूल से प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद वरिष्ठ अध्ययन के लिए उन्हें कोलोंबो भेजा गया। वहां उन्होंने जापानी भाषा सीखी और साथ ही उर्दू और इतिहास में भी उन्हें रूचि थी।

19 साल की उम्र में ही वे ब्रिटिश भारतीय सेना में शामिल हो गये थे और अफ्रीका में एंग्लो-बोअर युद्ध में भी उन्होंने भाग लिया था। युद्ध के समय ही वेंकय्या की मुलाकात महात्मा गांधी से हुई और उन्होंने गांधीजी के साथ मिलकर ही एक संघ की स्थापना की, जो तक़रीबन 50 साल से भी ज्यादा चली।

तिरंगे की अवधारणा – Concept of Indian Flag

31 मार्च 1921 को भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस की काकीनाडा कांफ्रेंस में वेंकय्या ने राष्ट्रिय ध्वज के विचार की कल्पना की थी।

जिसमे गांधीजी ने वेंकय्या की केसरियां पट्टी पर सफ़ेद पट्टी शामिल की, जबकि आर्य समाज अभियान के संस्थापक लाला हंसराज ने उसमे धर्म चक्र शामिल किया।

वर्तमान तिरंगे को भारत की आज़ादी के कुछ दिनों पहले ही 22 जुलाई 1947 को विधानसभा भवन में आयोजित विधानसभा में अपनाया गया था।

1947 में भारत की आज़ादी से पहले भी भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने आज़ादी पाने के लिए राष्ट्रध्वज का उपयोग किया था।

4 जुलाई 1963 को विजयवाडा में वेंकय्या की मृत्यु हो गयी थी।

2009 में उन्हें सम्मान देते हुए भारत सरकार ने उनके नाम का पोस्टेज स्टेम्प भी जारी किया है। जबकि 2011 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने की सिफारिश की गयी थी। लेकिन इस बात को लेकर अबतक कोई निर्णय नही आया है।

पिंगली वेंकय्या की कुछ रोचक बातें – Interesting Facts about Pingali Venkayya:

  1. पांच साल तक 30 देशो के राष्ट्रध्वज पर अभ्यास करने के बाद उन्होंने शांति, शुद्धता और बलिदान से भरे भारतीय तिरंगे को पिंगली वेंकय्या ने बनाया था।
  2. 15 अगस्त 1947 को भारत की आज़ादी के बाद पिंगली द्वारा रचित राष्ट्रध्वज को ही 22 अगस्त 1947 को विधानसभा में अपनाया गया।
  3. हीरा खनन और कॉटन में उनकी खोज को देखते हुए वेंकय्या को डायमंड वेंकय्या और कॉटन वेंकय्या नामक दो उपनाम भी दिए गये थे।

Read More:

Hope you find this post about ”Pingali Venkayya History in Hindi” useful. if you like this article please share on Facebook & Whatsapp. and for latest update Download: Gyani Pandit free Android app.

Note: We try hard for correctness and accuracy. please tell us If you see something that doesn’t look correct in this article About Pingali Venkayya in Hindi… And if you have more information History of Pingali Venkayya then help for the improvements this article.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here